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खौफ: सांप ने रोकी वाराणसी कचहरी के रिकार्ड रूम की राह

कचहरी में इन दिनों अधिवक्ता और वादियों को महत्वपूर्ण कागजों की नकल सिर्फ इसलिए नहीं मिल रही है क्योंकि रिकॉर्ड रूम (अभिलेखागार) में विषैला सर्प ने डेरा जमा रखा है। मुकदमे से जुड़े लोगों अथ‌वा...

वाराणसी कमलेश चतुर्वेदी मनोज तिवारी Sun, 14 Jan 2018 12:15 PM
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कचहरी में इन दिनों अधिवक्ता और वादियों को महत्वपूर्ण कागजों की नकल सिर्फ इसलिए नहीं मिल रही है क्योंकि रिकॉर्ड रूम (अभिलेखागार) में विषैला सर्प ने डेरा जमा रखा है। मुकदमे से जुड़े लोगों अथ‌वा वादियों के आवेदन पर सर्प का हवाला देकर इनकार कर दिया जा रहा है। 

पिछले दिनों सर्प को बाहर निकालने के लिए कई बार सपेरे बुलाये गये, लेकिन सफलता नहीं मिली। कुछ लोगों ने अंदर जाने की हिम्मत की तो उन्हें उल्टे पांव लौटना पड़ा। सांप के भय से अभिनेखागार पर पिछले माह से ताला लगा है। अभिलेखागार प्रभारी की ओर से जिला जज और वन विभाग को सूचित किया गया है। यहां तक कि इसकी जानकारी हाईकोर्ट को भी दी गयी है। 

तत्कालीन अभिलेखागार सहायक श्याम कुमार तिवारी ने 28 जून 2017 को जिला जज को पत्र भेजा कि अभिलेखागार फौजदारी के बाएं हाल में शाम को एक विशाल सांप देखा गया है। इसके कारण हाल में जाना सम्भव नहीं हो पा रहा है। इससे सरकारी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सांप को निकालने के लिए उचित अधिकारी या कर्मचारी को आदेश दिया जाय। इसके बाद न्यायिक अधिकारियों के स्तर से प्रयास शुरू हुआ। वन विभाग सपेरा लेकर आया लेकिन सांप नहीं निकला। प्रशासनिक अफसरों ने कई सपेरे भेजे। कोई कमरे में दरवाजे पर मंत्र बोलता रहा और पीली सरसो फेंकता रहा। फिर दूसरे दिन आने की बात कहकर गया तो नहीं लौटा। 

बनारस बार के पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि मैंने भी सांप निकलवाने का प्रयास किया था। आजमगढ़ से सपेरा बुलवाया लेकिन अकेला होने के कारण अभिलेखागार में जाने की हिम्मत नहीं कर सका। कर्मचारियों में यह चर्चा है कि एक साल पहले अभिलेखागार में फनधारी जोड़े सर्प देखे गये थे। सपेरे बुलाये गये तो एक सर्प पकड़ा गया। फिर सपेरा यह कहकर गया कि अभिलेखागार में कोई दूसरा सांप नहीं है। लेकिन उसके जाने के कुछ दिन बाद रिकार्ड रूम के कर्मचारी को दूसरा सांप दिख गया। तब से कोई अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। 

रिकार्ड रूम में बंद हैं हजारों फाइलें
अभिलेखागार में निचली अदालतों से सम्बंधित हजारों फाइलें पड़ी हैं। कई दशक के पुराने और नये आदेश की फाइलें, प्रकीर्णवाद समेत फरार अपराधियों की भी फाइलें पड़ी हुई है। फिलहाल लगभग सौ से अधिक लोग दस्तावेजों की नकल के लिए परेशान हैं। अधिवक्ता पूर्णमासी राम ने बताया कि दहेज उत्पहीड़न के मामले के फैसले नकल के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। रिकार्ड रूम की ओर से रिपोर्ट दी गयी कि जिस स्थान पर पत्रावली रखी गयी है उस स्थान पर सर्प है। इसलिए पत्रावली को निकालना सम्भव नहीं हो पा रहा है।  इसके अलावा कृष्ण कुमार, अशोक यादव समेत कई अधिवक्ताओं ने अपने मुकदमों से सम्बंधित पत्रावली की नकल लेने के लिए आवेदन किया है। इन सबको सर्प के कारण नकल उपलब्ध न करा पाने की रिपोर्ट मिली है।   

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