बारिश ने ‘फलों के राजा को दी शक्ति
पिछले तीन दिन हुई बारिश आम के लिए काफी फायदेमंद है। इससे आम के आकार में वृद्धि...
वाराणसी। संवाददाता
पिछले तीन दिन हुई बारिश आम के लिए काफी फायदेमंद है। इससे आम के आकार में वृद्धि होगी। हालांकि इस बार पिछले साल के मुकाबले आम की औसत पैदावार होगी। जिले के करीब 900 हेक्टेयर में 10 हजार मीट्रिक टन आम की पैदावार होने की उम्मीद है। खासकर लंगड़ा आम की फलत अच्छी होगी। अभी बाजार में बाहर से आम आ रहा है, जो 60 से 70 रुपये किलो बिक रहा है। लोकल आम आने में लगभग एक माह की देर है।
बनारस का आम देश विदेश में मशहूर है। यहां का लंगड़ा आम खासकर पसंद किया जाता है। गनीमत है कि तेज आंधी तूफान न आने से आम को नुकसान नहीं हुआ है। मगर अभी इसे बचाना जरूरी है। जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्त ने बताया कि बारिश का असर आम पर अनुकूल है। बारिश होने से किसानों को सिंचाई नहीं करनी होगी। उत्पादन भी अच्छा होगा। किसानों को कीटनाशक दवा का छिड़काव करना चाहिए, ताकि आम को सड़ने से बचाया जा सके। उन्होंने उम्मीद जताया कि इस साल करीब 10 हजार मीट्रिक टन आम का उत्पादन होगा।
दर्जनभर हैं आम की प्रजातियां
बनारस का लंगड़ा और चौसा काफी मशहूर है। इसके अलावा भी आम की कई प्रजातियां यहां लगी हैं। इनमें दशहरी, आम्रपाली, मल्लिका, बंबईया, चूसुआ देसी आदि शामिल है।
ये है उत्पादन क्षेत्र
चिरईगांव, काशी विद्यापीठ, बड़ागांव, सेवापुरी, चोलापुर आदि ब्लॉक में आम की बागवानी है। सबसे ज्यादा चिरईगांव और चोलापुर में आम की पैदावार होती है। चिरईगांव, चोलापुर, बड़ागांव में ही लंगड़ा का ज्यादा उत्पादन होता है।
बाजार में बाहर का आ रहा है आम
इस समय बाजार में बाहर का आम आ रहा है। लंगड़ा आम उड़ीसा और पश्चिम बंगाल, गुलाब खास और बंगनापली आंध्र प्रदेश से आ रहा है। लोकल आम इस माह के अंत तक आएगा।
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