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‘निजीकरण का मतलब है छंटनी

Varanasi News - फोटो: बिजली के नाम से सेव है। टैग- बिजली पर बवाल बिजलीकर्मियों ने

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीThu, 16 Jan 2025 04:16 AM
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वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। निजीकरण के विरोध में बुधवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से भिखारीपुर स्थित पूर्वांचल डिस्कॉम मुख्यालय परिसर के हनुमान मंदिर पर विरोध सभा हुई। इस दौरान निर्णय लिया गया कि 18 जनवरी तक काली पट्टी बांधकर विरोध जताया जाएगा। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण के लिए जारी किए गए आरएफपी डॉक्यूमेंट में सारी शर्तें कर्मचारियों के विरोध में लिखी हुई है। निजीकरण का मतलब है छंटनी। निजीकरण के बाद कर्मचारियों के सामने एक विकल्प होगा या तो वह निजी कंपनी की शर्तों पर काम करें अन्यथा वीआरएस लें। आरएफपी डॉक्यूमेंट में अर्ली वीआरएस की भी शर्त लिखी है। अर्ली वीआरएस संभवत: इसलिए लिखा गया है कि निजी घरानों को सरकारी कर्मचारियों को अपने यहां रखना नहीं है।

निजीकरण के विरोध को दबाने के लिए संविदा कर्मियों को हटाने, नियमित कर्मचारियों को निलम्बित करने जैसे अवैधानिक काम पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन की ओर से किए जा रहे हैं। सभा की अध्यक्षता मदन श्रीवास्तव एवं संचालन अंकुर पाण्डेय ने किया। इस दौरान एसके सिंह, नरेंद्र वर्मा, आरके वाही, ओपी सिंह,रमाशंकर पाल, अनिल कुमार, जयप्रकाश, रामकुमार झा, संतोष वर्मा, मनोज सोनकर, संजय कुमार आदि थे।

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