जनता और अभियंता दोनों के लिए निजीकरण घातक
Varanasi News - बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ वाराणसी में बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कर्मचारियों और आम जनता की एकता दिखाई। वक्ताओं ने कहा कि निजीकरण से कर्मचारियों की नौकरी पर...
जनता और अभियंता दोनों के लिए निजीकरण घातक
फोटो: एन 8 और 9
जनचेतना विरोध प्रदर्शन में बड़ी सख्या में जुटे बिजलीकर्मी
डिस्कॉम प्रबंधन के आंकड़ों की जनता के सामने खोली पोल
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता।
बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध का शनिवार को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय, बनारस से बिगुल फूंका गया। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू हो गया है। भिखारीपुर स्थित हनुमान मंदिर परिसर में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से आयोजित जनचेतना विरोध प्रदर्शन के पहले दिन बड़ी संख्या में जुटे कर्मचारी नेताओं, अफसरों और कर्मचारियों ने अपनी एकता का परिचय दिया। लगभग एक घंटे तक चली विरोध सभा में वक्ताओं ने कहा कि निजीकरण अभियंताओं-कर्मचारियों के साथ जनता के लिए भी घातक है। उन्होंने डिस्कॉम प्रबंधन के गलत आंकड़ों की पोल भी खोली।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि निजीकरण किसी के हित में नहीं है। निजीकरण के बाद अफसरों और कर्मचारियों की नौकरी का कोई ठिकाना नहीं रहेगा। आम जनता को बिजली का उपभोग महंगा पड़ेगा। आम उपभोक्ताओं और कर्मचारियों की राय लिए बिना निजीकरण प्रक्रिया शुरू नहीं होनी चाहिए। ऊर्जा प्रबन्धन हड़ताल के पहले ही नोटिस जारी कर हड़ताल का माहौल बना रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि आगरा और केस्को के निजीकरण का एग्रीमेंट एक ही दिन हुआ था। आगरा टोरेंट कंपनी को दे दिया गया और केस्को आज भी सरकारी क्षेत्र में है। इनकी तुलना से स्वयं पता चल जाता है कि निजीकरण का प्रयोग विफल हो गया है। आगरा में टोरेंट कंपनी प्रति यूनिट सवा चार रुपये पावर कारपोरेशन को देती है। पावर कॉरपोरेशन यह बिजली रु 05.55 प्रति यूनिट पर खरीदता है। इस प्रकार पिछले 14 साल में पावर कारपोरेशन को टोरेंट को लागत से कम मूल्य पर बिजली देने में 3000 करोड रुपये का घाटा हो चुका है। दूसरी ओर केस्को में प्रति यूनिट राजस्व की वसूली रु 06.80 है। सभा की अध्यक्षता मायाशंकर तिवारी और संचालन अंकुर पाण्डेय ने किया। इस मौके पर नरेंद्र वर्मा, संजय यादव, एसके सिंह, विजय सिंह, राजेन्द्र सिंह, कृष्णमोहन, जमुना पाल, रमाशंकर पाल, अभिषेक सिंह, रवि आनंद, जयप्रकाश, आनंद सिंह, आशुतोष पांडेय आदि मौजूद थे।
विद्युत नगर में नहीं हुई सभा
बिजली संगठनों का हर कार्यक्रम हाइडिल कॉलोनी में होता रहा है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। प्रबंधन की सख्ती के चलते संगठनों को विरोध सभा बाहर हनुमान मंदिर परिसर में करनी पड़ी।
छावनी बना था एमडी कैंप कार्यालय
भिखारीपुर हाईडिल कॉलोनी स्थित एमडी कार्यालय छावनी में तब्दील हो गया था। सुबह से ही यहां भारी फोर्स तैनात थी। मुख्य गेट से लेकर एमडी कार्यालय तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात थे। एससीपी भेलूपुर धनंजय मिश्रा अपनी टीम के साथ मौजूद थे। विरोध सभा में एलआईयू की भी नजर थी। एलआईयू ने डिस्कॉम मुख्यालय का भी मौका मुआयना किया। वहीं, डिस्कॉम प्रबंधन के खास कर्मचारी सभा में शामिल होने वाले लोगों की सूची बना रहे थे।
शोपीस बने सीसी कैमरे
निजीकरण के विरोध में हुई सभा में शामिल अफसरों और कर्मचारियों की पहचान के लिए प्रबंधन की तैयारी धरी रह गई। हाईडिल कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरे शोप पीस बन गए। अधिकारियों और कर्मचारियों ने ड्यूटी ऑवर के बाद विरोध सभा की।
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