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बिजली फ्लैट रेट बहाली के लिए बंद रहे करघे, सड़क पर उतरे बुनकर

बिजली के फ्लैट रेट लागू करने समेत तीन मांगों को लेकर बुनकरों ने गुरुवार से हड़ताल शुरू कर दी। बुनकर बिरादराना तंजीमों के मुर्री बन्द के आह्वान पर शहर से ग्रामीण इलाकों तक हैंडलूम व पावरलूम बंद रहे।...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीFri, 16 Oct 2020 03:13 AM
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बिजली के फ्लैट रेट लागू करने समेत तीन मांगों को लेकर बुनकरों ने गुरुवार से हड़ताल शुरू कर दी। बुनकर बिरादराना तंजीमों के मुर्री बन्द के आह्वान पर शहर से ग्रामीण इलाकों तक हैंडलूम व पावरलूम बंद रहे। जिले में विभिन्न स्थानों पर बुनकरों ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया। नुक्कड़ सभाएं हुईं और जागरूकता मार्च निकाला गया। बुनकर बहुल क्षेत्रों में सुबह से ही संगठनों के पदाधिकारी घूम-घूम कर लूम बंद करने की अपील करते रहे। बैनर पोस्टर लेकर सड़कों और गलियों में घूमे। बड़ीबाजार, पीलीकोठी, आदमपुर, जैतपुरा, छोहरा, कटेहर, मंगलपुर, हरपालपुर, महमूदपुर, जलालीपुरा, सरैया, लोहता, कोटवां आदि क्षेत्रों में बुनकरों ने विरोध दर्ज कराया। बुनकर साझा मंच की ओर से सरैया, बटलोहिया, बड़ी बाजार, कमालपुरा, अंबिया मंडी में हड़ताल के समर्थन में जागरूकता मार्च निकाला गया। बटलोहिया और कमालपुरा में बुनकरों ने नुक्कड़ सभा की। बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के सरदार इकरामुद्दीन व चौदहों के सरदार मकबूल हसन ने कहा कि सितम्बर में हड़ताल के दौरान सरकार ने मांगों पर गंभीरता से विचार करने व नई व्यवस्था के बाद आए बिलों में छूट देने की बात कही थी। भाकपा माले केंद्रीय कमेटी सदस्य मनीष शर्मा ने कहा कि इस मामले में अधिकारियों की ओर से बुनकरों को गुमराह किया जा रहा है। इस मौके पर एहसान, फजलुर रहमान, परवेज अंसारी, सरदार कासिम अली आदि थे। तंजीम चौतीस के महतो हैदर अंसारी ने बताया कि बुनकरों की मांग जायज है और सरकार को इसे लागू करना चाहिए। मुख्तार अंसारी, कामील अंसारी, निसार खां आदि इस अवसर पर मौजूद थे। बजरडीहा में बुनकरों ने शांतिपूर्ण तरीके से पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। इसमें शकील अहमद, निसार, दीन मोहम्मद, मो. ईसा, रौशन, जमाल अख्तर, असरफ अली शामिल रहे। जरी व्यापारियों ने किया समर्थनबड़ी बाजार में जरी व्यापारियों ने बुनकरों की हड़ताल का समर्थन किया है। समर्थन में तीन दिन दुकानें बंद रखने की घोषणा की गई है। लोहता में बनारसी साड़ी मंडी के अध्यक्ष सेराज अहमद फारुकी, शम्भू साव ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होती साड़ी प्रतिष्ठान भी बंद रहेंगे।मुर्री बंद से 100 करोड़ के साड़ी ऑर्डर पर ब्रेकबिजली बिल की पुरारी व्यवस्था बहाल करने की मांग को लेकर गुरुवार से शुरू हुई बुनकरों की बेमियादी हड़ताल से एक बार फिर साड़ी कारोबार पर संकट आ सकता है। कोरोना के कारण लंबे समय तक कारोबार ठप रहने के बाद पिछले कुछ हफ्तों में व्यापार ने रफ्तार पकड़ी थी। दुर्गापूजा और लगन के आर्डर भी मिलने शुरू हो गए थे। लेकिन गुरुवार से मुर्री बन्द होने से 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के ऑर्डर पर ब्रेक लग गया है।हर साल सितंबर-अक्तूबर से साड़ी का पीक सीजन शुरू होता है। इस साल लॉकडाउन के बाद एक महीने के दौरान हालात में कुछ सुधार हो रहा था। पश्चिम बंगाल, दिल्ली, दक्षिण भारत के राज्यों से ऑर्डर मिले थे। हर साल नवरात्र, दिवाली व लगन से पहले साड़ी कारोबारियों को अच्छे ऑर्डर मिलते हैं। दिसंबर में लगन तक 500 से 700 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। पिछले दिनों जब साड़ी कारोबार शुरू हुआ तो बुनकरों और कारोबारियों के यहां पहले से पड़े स्टॉक की बिक्री हुई। इसके बाद कई राज्यों में स्थिति सुधरने के बाद ऑर्डर भी मिलने शुरू हो गये थे। इस समय बुनकरों के हैंडलूम व पावरलूम के ऑर्डर पड़े हुए हैं। कहीं जरी का काम बाकी है तो कहीं साड़ी की रंगाई और फिनिशिंग बाकी है। दुर्गा पूजा शुरू होने में चंद दिन रह गये हैं। ऑर्डर फंसने के कारण साड़ी करोबारी खासे परेशान हैं। बुनकरों के यहां बड़ी मात्रा में स्टॉक पड़ा है। रसूलपुरा निवासी बुनकर अजीम बाबू, शाहिद ने बताया कि हैंडलूम की कुछ साड़ी के ऑर्डर मिले थे जिसको अगले सप्ताह तक भेजना था। इस समय बुनकरों के पास लगन के लिए साड़ी और ड्रेस मैटेरियल का भी ऑर्डर मिला था। लेकिन अब काम बंद होने से बाद में ही ऑर्डर पूरा होगा। दी बनारसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन के महामंत्री राजन बहल ने बताया कि सितंबर में ही हड़ताल हुई थी। आठ माह के दौरान तीसरी बार कारोबार में समस्या आ रही है। 15 से 20 फीसदी काम शुरू हो गया था। यदि ये हड़ताल लंबी चली तो 100 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।

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