कुएं में दो बच्चों संग कूदी मां, मासूमों की मौत
मिर्जापुर के कछवां के आही (बाबूरामपुरा) गांव के अजीत की पत्नी अनिता पटेल (27) अपने दो बच्चों प्रिंस (05) और सृष्टि (03) के साथ गुरुवार सुबह...
वाराणसी। कार्यालय संवाददाता
मिर्जापुर के कछवां के आही (बाबूरामपुरा) गांव के अजीत की पत्नी अनिता पटेल (27) अपने दो बच्चों प्रिंस (05) और सृष्टि (03) के साथ गुरुवार सुबह मिर्जामुराद के पिलोरी गांव के सीवान में स्थित एक पुराने कुएं में कूद गई। दोनों मासूमों की मौत हो गई, जबकि महिला को मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। महिला के हताशा भरे कदम के पीछे आर्थिक तंगी के चलते पति से विवाद बताया जा रहा है। पुलिस ने दोनों बच्चों का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
आही गांव में अजीत झोपड़ी लगाकर परिवार के साथ रहता था। बंटवारे में मिली पांच बिस्वा जमीन पर टमाटर की खेती की है। बुधवार सुबह वह टमाटर लेकर राजातालाब सब्जी मंडी के लिए निकला। थोड़ी देर बाद ही अनिता भी दोनों बच्चों को लेकर पिलोरी गांव पहुंची और कुएं में छलांग लगा दिया। दोनों बच्चे डूबने के बाद तलहटी में समा गए, जबकि अनिता जान बचाने के लिए शोर मचाने लगी। करीब आठ बजे आसपास से गुजर रहे किसानों ने आवाज सुनी तो कुएं की ओर पहुंचे। सूचना मिलते ही ग्रामीण पहुंच गए। चारपाई के सहारे महिला को निकाला गया। इसके करीब घंटे भर बाद सृष्टि का शव निकाला गया। दोपहर 12.30 बजे फायर ब्रिग्रेड की टीम पहुंची। आधे घंटे के प्रयास के बाद प्रिंस का शव निकाला जा सका।
मकान को लेकर होता था विवाद
अजीत का बड़ा भाई संतोष है। संतोष बनारस में निजी काम करता है। पिता बैजनाथ और मां दोनों बचपन में ही गुजर गए हैं। शादी के बाद दोनों भाइयों में बंटवारा हुआ तो पांच-पांच बिस्वा जमीन मिली। इसी जमीन पर अजीत खेती करता था। मकान नहीं था। उसी खेत के एक हिस्से में झोपड़ी लगाकर रहता था। पत्नी अनिता उससे मकान बनवाने के लिए कहती थी, ताकि बच्चों को तकलीफ न हो। रुपये न होने के कारण अजीत मना कर देता था। इसे लेकर आए दिन विवाद होता था। बस किसी तरह वह दो जून की रोटी कमा पाता था। अजीत ने गांव में कुछ लोगों से 25 हजार रुपये कर्ज भी लिये थे। जिसे चुका नहीं पा रहा था।
कुएं में कूदने जा रहा था बदहवाश पिता
अजीत भागकर पिलोरी गांव पहुंचा। दोनों बच्चों की मौत की सूचना मिलते ही गश खाकर गिर पड़ा। जैसे ही होश में आया, उसके बाद खुद जान देने के लिए कुएं में कूदने के लिए आगे बढ़ा। पुलिस ने उसे रोककर खजुरी चौकी भेजवाया।
कूदने के बाद गलती का हुआ अहसास
महिला अनिता पटेल गुमशुम बैठी थी। उसे अपने किए पर पछतावा था। कुएं में कूदने के बाद जब बच्चों की मौत हो गई और वह बची रह गई तो उसे पश्चाताप होने लगा। जब ग्रामीण उसे निकाल रहे थे, तब दोबारा वह कुएं में कूद गई थी। उसे किसी तरह निकाला गया।
अब होश में आए प्रधान
अजीत कई साल से उसी झोपड़ी में रह रहा था। आही गांव के ग्राम प्रधान महंगू राम वर्मा भी घटनास्थल पर पहुंचे। दो मासूमों की जान जाने के बाद ग्राम प्रधान को आवास का होश आया। कहने लगे ऑनलाइन आवेदन कराएंगे। लोगों का कहना था कि जब कार्यकाल खत्म होने लगा तो होश आया है। यदि पहले ही यह कदम उठाया होता तो मासूमों की जान बच जाती।
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