नई शमन नीति में फंसे 200 से ज्यादा आवेदन
नई शमन नीति के तहत दाखिल 200 ज्यादा आवेदकों की फाइलें डंप हो गई हैं। प्रदेश सरकार ने पुरानी नीति के तहत शमन कराने का आदेश जारी कर दिया है, लेकिन...
वाराणसी। वरिष्ठ संवाददाता
नई शमन नीति के तहत दाखिल 200 ज्यादा आवेदकों की फाइलें डंप हो गई हैं। प्रदेश सरकार ने पुरानी नीति के तहत शमन कराने का आदेश जारी कर दिया है, लेकिन फंसे आवेदनों के संबंध में निर्देश नहीं होने से बिल्डर और मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के लोग प्राधिकरण का चक्कर काट रहे हैं। प्राधिकरण उन्हें शासन का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ रहा है।
प्रदेश सरकार ने जुलाई में नई शमन नीति-2020 के तहत शमन की कार्रवाई का आदेश दिया था। इसके तहत विभिन्न स्तर पर 50 प्रतिशत तक छूट का भी प्रावधान था। तब 1200 से अधिक लोग शमन शुल्क जमाकर अवैध निर्माण को वैध कराने आगे आये। काफी तेजी से कम्पाउंडिग जमा होने लगा। इस दौरान प्राधिकरण को दो करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ था। इसी दौरान अक्तूबर में हाईकोर्ट की रोक से करीब 200 छोटे-बड़े आवेदन लटक गये। कोर्ट के आदेश के बाद अब आवेदक प्राधिकरण का चक्कर लग रहे हैं। सरकार ने पुरानी शमन नीति 2010 को बहाल कर दिया है। 15 मार्च के बाद पुरानी शमन नीति के तहत शमन जमा होगा।
ऑनलाइन आवेदन प्राधिकरण के लिए बनी चुनौती
पुरानी शमन नीति के तहत अब ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार होंगे। यह प्राधिकरण के लिए चुनौती बना है। प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार नक्शा के लिए ऑनलाइन आवेदन के दौरान नेटवर्क आदि के कारण कार्रवाई लेट हो जाती है।
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