यज्ञ से मिलता है ब्रह्मज्ञान का मार्गदर्शन: प्रो.शर्मा
वाराणसी में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में आठ महीने से चल रहे चातुर्वेद महायज्ञ के अंतर्गत महालक्ष्मी यज्ञ का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डाला,...
वाराणसी संवाददाता। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में आठ महीने से चल रहे चातुर्वेद महायज्ञ के क्रम में बुधवार को महालक्ष्मी यज्ञ किया गया। महायज्ञ की शृंखला की यह 232वीं कड़ी थी। यह भक्ति, आत्मा के शुद्धिकरण और सामाजिक समृद्धि के लिए किया जा रहा है। कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि यज्ञ साधकों की आत्मा की उन्नति और ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति में मार्गदर्शन करता है। वही महालक्ष्मी यज्ञ व्यक्ति को भौतिक संपदा और प्रचुरता का आह्वान करने में मदद करता हैं। देवी लक्ष्मी की आराधना से भक्तों को धन और समृद्धि प्राप्त होती है। डॉ. विजय कुमार ने बताया कि वर्षपर्यंत चलने वाले महायज्ञ का उद्देश्य राष्ट्र और संस्कृत जगत का कल्याण करना है। यज्ञ के दौरान वेद विभागाध्यक्ष प्रो. महेन्द्र पांडेय, प्रो. दिनेश कुमार गर्ग, प्रो. सुधाकर मिश्र, प्रो. रमेश प्रसाद, डॉ. मधुसूदन मिश्र, डॉ. दुर्गेश पाठक की खास मौजूदगी रही।
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