विश्वनाथ धाम में जमीन अदला-बदली के खिलाफ वाद दाखिल
वाराणसी में, काशी विश्वनाथ धाम के लिए मंदिर प्रशासन और ज्ञानवापी मसाजिद कमेटी के बीच जमीन की अदला-बदली के खिलाफ वाद दाखिल हुआ है। वादी नित्यानंद राय ने भूमि स्वामित्व को मंदिर के पक्ष में घोषित करने...
वाराणसी, विशेष संवाददाता। काशी विश्वनाथ धाम के लिए मंदिर प्रशासन और ज्ञानवापी की अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के बीच पूर्व में हुई जमीन की अदला-बदली के खिलाफ शनिवार को सिविल जज सीनियर डिविजन हितेश अग्रवाल की कोर्ट में वाद दाखिल हुआ है। कोर्ट ने वाद को मूलवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश देने के साथ विपक्षीगण को 11 अक्तूबर को जबाबदेही दाखिल करने को कहा है। प्रकरण की सुनवाई 18 अक्तूबर को होगी। यह वाद बनारस बार के पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय ने दाखिल किया है। उन्होंने विश्वनाथ कॉरिडोर (धाम) के नाम पर समस्त अधिग्रहित भूमि का स्वामित्व विश्वनाथ मंदिर के पक्ष में घोषित करने और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी से जमीन की अदला-बदली सबंधित डीड को शून्य घोषित करने की मांग की है। वाद में कहा गया है कि विश्वनाथ कॉरिडोर में राज्य सरकार ने अगल-बगल की जमीन अधिग्रहित की है। उसका राज्य के नाम से बैनामा हुआ है। उस अधिग्रहित भूमि का स्वामित्व आदिविश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से किया जाए। वादी ने कहा है कि दो साल पहले मुस्लिम पक्ष से विश्वनाथ मंदिर परिसर के जिस जमीन की अदला-बदली की गई है, वह गलत है। उक्त जमीन का स्वामित्व अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के पास नहीं है। साथ ही डीड में दिखाई गई चौहद्दी भी गलत है। इसलिए उक्त डीड शून्य घोषित किया जाए। वाद में उत्तर प्रदेश सरकार, काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को प्रतिवादी बनाया गया है। वादी ने त्वरित सुनवाई की गुहार लगाई है।
उल्लेखनीय है कि यह वाद दो माह पहले भी दाखिल किया गया था। कोर्ट ने सिविल नियमों का पालन न करने की वजह से वादी को वाद वापस लेने का आदेश दिया था। नियमों का पालन करते हुए वादी ने पहले सिविल प्रक्रिया के तहत प्रतिवादियों को नोटिस दी। नोटिस की अवधि पूरा होने के बाद वादी ने वाद दाखिल किया।
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