एक साथ न हो दबाव, भीड़ को लगवाया चक्कर
Varanasi News - माघ पूर्णिमा से एक दिन पहले, वाराणसी में श्रद्धालुओं को महाकुम्भ के पलट प्रवाह का दबाव कम करने के लिए विभिन्न मार्गों से विश्वनाथ मंदिर और घाट की ओर भेजा गया। पुलिस और सीआरपीएफ ने भीड़ प्रबंधन में मदद...

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। माघ पूर्णिमा से एक दिन पहले मंगलवार को महाकुम्भ के पलट प्रवाह का दबाव कम करने के लिए श्रद्धालुओं को दूसरे मार्गों से घुमाकर विश्वनाथ मंदिर और घाट की ओर भेजा जा रहा था।
महमूरगंज और सिगरा से आने वाले पैदल श्रद्धालुओं को सीधे रथयात्रा से कमच्छा, इधर गुरुबाग से कमच्छा की ओर भेजा जाता रहा। यह लोग भेलूपुर होते हुए सोनारपुरा के रास्ते मंदिर जंगमबाड़ी से शिवाला के बीच गलियों से घाटों की ओर पहुंचे। इसके बाद घाट से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के लिए लगी कतार में जुड़ते गये। इसी तरह लंका से आने वाले लोगों को भी अस्सी, शिवाला, सोनारपुरा के रास्ते जुड़ी घाट की गलियों की ओर से भेजा जाता रहा। लहुराबीर से होकर नई सड़क होते हुए गिरजाघर पहुंचने वालों को रामापुरा मार्ग पर भेजकर गलियों के रास्ते घाटों पर भेजा गया। चौकाघाट से पैदल लोगों को गोलगड्डा से विश्वेश्वरगंज होते हुए मैदागिन के रास्ते मंदिर की कतार में लगवाया जाता रहा। इसी तरह शहर में वाहनों का दबाव एक साथ न हो, इसके लिए शहर के बाहर मुख्य मार्गों पर भी वाहनों को रोक कर गुजारा जाता रहा। वाहनों को अखरी के पास, मोहनसराय, डाफी, मिर्जामुराद, रखौना रिंग रोड, हरहुआ में रोका गया।
प्रबंधन के लिए पुलिस के साथ सीआरपीएफ भी
वाराणसी।श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा में लगी सीआरपीएफ को मंगलवार को भीड़ समायोजित करने में लगी पुलिस की मदद के लिए लगाया गया। सीआरपीएफ के जवान गोदौलिया चौराहा, दशाश्वमेध मार्ग, मणिकर्णिका द्वार से लेकर गेट नंबर चार तक तैनात थे। यह गोदौलिया चौराहे पर मंदिर की ओर से आने वाली भीड़ को बाहर निकालने में लगे रहे। गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट की ओर जाने से रोकने से लेकर गलियों के जरिये प्रवेश में मदद करते रहे। दशाश्वमेध मार्ग पर भी सीआरपीएफ जवान तैनात रहे।
हेल्पडेस्क पर हर मिनट मदद को पहुंचे
भीड़ बढ़ने के बाद पुलिस की ओर से हेल्प डेस्क और खोया-पाया केंद्र भी बढ़ा दिये गये हैं। गोदौलिया चौराहे पर पुलिस बूथ के बाहर पुलिस ने खोया-पाया केंद्र बना दिया है। यहां पर मंगलवार को हर मिनट औसतन छह लोग पहुंचते रहे। इसी तरह श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर चार, गिरजाघर चौराहा, दशाश्वमेध घाट पर पुलिस के हेल्प डेस्क पर सुबह से लेकर रात तक लोग मदद के लिए पहुंचते रहे। अमूमन पुलिस हेल्प डेस्क पर पहुंचने वाले लोग अपने बिछड़े लोगों से मिलाने के लिए पहुंचते रहे। पूरे दिन हेल्प डेस्क व्यस्त रहे।
दुधमुंही के साथ खड़े माता-पिता को कराया सुगम दर्शन
वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. विश्वभूषण मिश्र ने मंगलवार को श्रद्धालुओं से फीडबैक लिया। उन्होंने शंकराचार्य चौक से गंगा द्वार तक निरीक्षण कर भक्तों की सहूलियत के लिए इंतजामों को चाक-चौबंद कराया। छोटे बच्चों के साथ कतार में घंटों से खड़े भक्तों के लिए उन्होंने सुगम दर्शन की व्यवस्था कराई। इसी क्रम में बेंगलुरु से तीन माह की बच्ची के साथ आए माता-पिता को उन्होंने साथ ले जाकर दर्शन कराया। इसके बाद धाम में बने लाउंज में दुधमुंही बच्ची के दुग्धपान की व्यवस्था कराई। सहयोग के लिए बेंगलुरु से आए परिवार आभार व्यक्त किया। उन्होंने धाम में दर्शन के लिए कतार में लगे श्रद्धालुओं से बातचीत कर व्यवस्थाओं के संबंध में उनकी राय जानी।
श्रद्धालुओं को मो. शाहिद पिला रहे पानी
वाराणसी। बनारस में मुस्लिम समाज के लोग भी श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे हुए हैं। अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष, पूर्व पार्षद हाजी मोहम्मद शाहिद अली मुन्ना दालमंडी रोड पर श्रद्धालुओं को पानी पिला रहे हैं। वह पिछले 13 दिनों से सेवा में लगे हुए हैं। मो. शाहिद ने कहा कि न सिर्फ पीने की पानी बल्कि बैठने और चाय सेवा सत्कार का काम हो हो रहा है। उन्होंने कहा कि बनारस हमेशा से मिसाल पेश करता रहा है।
आस्था के आगे सफर की तकलीफ भूले
वाराणसी, कार्यालय संवाददाता।
माघी पूर्णिमा स्नान पर्व से पहले मंगलवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी से प्रयागराज गए। कैंट, बनारस, वाराणसी सिटी स्टेशनों से चलने या गुजरने वाली कुम्भ स्पेशल और इस रूट की अन्य ट्रेनें यात्रियों से भरी रहीं। हालांकि सफर का कष्ट आस्था के आगे गौण हो गया। तीर्थयात्रियों के चेहरे पर दिख रहा उल्लास इसे बयां कर रहा था। वहीं, खासी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या भी गए। इनकी सहूलियत के मद्देनजर कैंट स्टेशन से प्रयाग जंक्शन के लिए दो, अयोध्या धाम के लिए एक, पटना के लिए एक और औड़िहार के लिए स्पेशल ट्रेनें चलवाईं। उधर रोडवेज ने भी 35 अतिरिक्त बसें भी चलाईं।
कैंट और बनारस से गुजरने वाली पवन एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, कामायनी एक्सप्रेस, काशी-दादर एक्सप्रेस, शिवगंगा एक्सप्रेस, बलिया-नई दिल्ली सुपरफास्ट एक्सप्रेस में प्रयागराज जाने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा रही। वहीं, वाराणसी-लखनऊ एक्सप्रेस स्पेशल, दून एक्सप्रेस, वाराणसी-बरेली एक्सप्रेस, छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस, कोलकाता-जम्मूतवी एक्सप्रेस से भी खासे तीर्थयात्री अयोध्या धाम गए।
तैनात किए गए शिफ्टवाइज अफसर
वाराणसी, कार्यालय संवाददाता।
माघी पूर्णिमा स्नान पर्व के बाद काशी लौटने वालों की भीड़ प्रबंधन में रेलवे और परिवहन निगम जुट गए हैं। कैंट स्टेशन पर शिफ्टवाइज अफसरों की तैनाती की गई है। यहां मंगलवार दोपहर सुरक्षाबलों और पुलिस-पीएसी के जवानों की ब्रीफिंग की गई। उन्हें ड्यूटी के निर्धारित प्वाइंट, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा, व्यवहार, भीड़ प्रबंधन (क्राउड मैनेजमेंट), आपात स्थिति में तत्परता बरतने समेत सुरक्षा से जुड़े अन्य बिंदुओं पर गहन जानकारी दी गई।
उधर एडीआरएम (उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल) लालजी चौधरी ने स्टेशन निदेशक कक्ष सभागार में बैठक कर जरूरी निर्देश दिए। इसमें स्टेशन डायरेक्टर अर्पित गुप्ता, सीओ जीआरपी कुंवर प्रभात सिंह और इंस्पेक्टर हेमंत सिंह तथा आरपीएफ इंस्पेक्टर संदीप कुमार यादव, सीआईटी जनार्दन सिंह और एसके पांडेय आदि मौजूद रहे।
एनईआर चलाएगा विभिन्न स्टेशनों से ट्रेनें
माघी पूर्णिमा पर बुधवार को पूर्वोत्तर रेलवे 27 ट्रेनें चलाएगा। ये गाड़ियां बनारस, छपरा, आजमगढ़, बलिया, गाजीपुर, भटनी, मऊ, गोरखपुर, काठगोदाम, कासगंज, मालदा टाउन समेत अन्य स्टेशनों से होते हुए प्रयागराज रामबाग और झूंसी स्टेशनों पर टर्मिनेट होंगी। एनईआर (वाराणसी मंडल)के पीआरओ अशोक कुमार ने बताया कि 10 गाड़ियां तीर्थयात्रियों को लेकर प्रयागराज रामबाग और झूंसी जाएंगी और 17 ट्रेनें इन स्टेशनों से वापस आएंगी। वहीं, उत्तर रेलवे कैंट स्टेशन से ऑन डिमांड ट्रेनें चलाएगा। यानी, यात्री संख्या बढ़ने पर गाड़ियां प्रयाग जंक्शन और फाफामऊ स्टेशनों पर रवाना की जाएंगी।
इसके अलावा झूंसी और प्रयागराज रामबाग स्टेशनों के लिए 13 कुम्भ स्पेशल ट्रेनें चलेंगी। बनारस स्टेशन से गाड़ी संख्या-05109 सुबह 8 बजे, गाड़ी संख्या-05105 दोपहर 12.30 बजे, गाड़ी संख्या- 05111 शाम 4.45 बजे और गाड़ी संख्या-05107 रात 8.30 बजे प्रस्थान करेगी। वहीं, गाड़ी संख्या-05004 गोरखपुर से रात 9.30 बजे प्रस्थान कर झूंसी जाएगी। गाड़ी संख्या-05125 छपरा से सुबह 10.05 बजे चलकर प्रयागराज रामबाग जाएगी। गाड़ी संख्या-05003 झूंसी से सुबह 7.45 बजे चलकर गोरखपुर जाएगी। गाड़ी संख्या-05164 झूंसी से सुबह 10 बजे चलकर थावे जाएगी। गाड़ी संख्या-05130 झूंसी से दोपहर 1.30 बजे प्रस्थान कर छपरा जाएगी। गाड़ी संख्या-05178 झूंसी से दोपहर 2.15 बजे चलकर गोरखपुर जाएगी। गाड़ी संख्या-05162 झूंसी से शाम 6.30 बजे चलकर भटनी जाएगी। गाड़ी संख्या-05180 झूंसी से रात 11 बजे चलकर गोरखपुर जाएगी। उधर, गाड़ी संख्या-05186 प्रयागराज रामबाग से सुबह 8.30 बजे प्रस्थान कर गोरखपुर जाएगी।
अतिरिक्त ट्रेनें चलेंगी, ‘ईसीआर भी जाएंगे
उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक किसी रूट पर जाने के लिए अगर यात्रियों की संख्या बढ़ी तो अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसके लिए खाली रैक रिजर्व रखे गए हैं। वहीं, प्रयागराज के स्टेशनों पर भीड़ बढ़ने पर उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे खाली रैक (इम्प्टी कोचिंग रैक या ईसीआर) खाली रैक भेजेंगे ताकि संगम नगरी में भीड़ का दबाव कम हो सके।
प्रयागराज-अयोध्या के लिए चलेंगी अतिरिक्त बसें
परिवहन निगम (वाराणसी रीजन) के कैंट, काशी, वाराणसी (ग्रामीण), चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, सोनभद्र और विंध्य नगर डिपो से प्रयागराज के लिए 320 अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी। ये बसें 10 मिनट से आधे घंटे में रवाना होंगी। क्षेत्रीय प्रबंधक परशुराम पांडेय ने बताया कि मौनी अमावस्या स्नान पर्व की तरह माघी पूर्णिमा स्नान पर तीर्थयात्रियों के लिए बसों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि अयोध्या धाम के लिए 35 अतिरिक्त बसें भी चलेंगी।
ट्रेन से पहुंचे पर गंतव्य तक जाने को साधन नहीं
वाराणसी, हिटी।
महाकुम्भ के मद्देनजर अयोध्या धाम जंक्शन से चल रहीं स्पेशल ट्रेनों को शिवपुर में डायवर्ट किया जा रहा है। अयोध्या धाम से ट्रेन रवाना होने से पहले इसकी सूचना भी प्रसारित की जा रही है लेकिन वाराणसी आने वाले तीर्थयात्रियों के समक्ष गंतव्य तक जाने के लिए साधन नहीं मिलने से समस्या बढ़ गई है।
दरअसल, शिवपुर से शिवपुर-उतरेटिया स्पेशल ट्रेन रवाना (ओरिजिनेट) होती है, जबकि वाराणसी-जौनपुर सिटी-सुलतानपुर पैसेंजर का ठहराव होता है। लिहाजा, यहां ऑटो या ई-रिक्शा की उपलब्धता न के बराबर है। इस बीच, पिछले कई दिनों से कैंट स्टेशन पर गाड़ियों का दबाव ज्यादा होने की वजह से अयोध्या धाम से आने वाली दर्जनों ट्रेनें शिवपुर में टर्मिनेट हुईं। एक ट्रेन से 2 से 3 हजार यात्री आते हैं। यात्री जब बाहर निकलते हैं तो उन्हें चुनिंदा सिटी बस, ऑटो और ई-रिक्शा होने से गंतव्य तक जाने का साधन नहीं मिलता है। श्रद्धालु पैदल चलकर मुख्य मार्ग पर आते हैं तो साधन मिलता है लेकिन चालक मनमाना किराया मांगते हैं। खासकर रात को आने वाले श्रद्धालुओं को मुख्य मार्ग पर भी साधन नहीं मिलता है। ऐसे में वे या तो पैदल गंतव्य को जाते हैं या फिर गिलट बाजार तिराहे पर साधन का इंतजार करते हैं।
दस घंटे तक लेट पहुंचीं लम्बी दूरी की ट्रेनें
वाराणसी। ऑपरेशनल कारणों से ट्रेनों के विलम्बित होने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को जम्मूतवी-धनबाद फेयर स्पेशल गरीब रथ 10 घंटे, गोरखपुर-अहमदाबाद एक्सप्रेस 9 घंटे, इंदौर-वाराणसी महाकाल एक्सप्रेस 8.30 घंटे, ग्वालियर-बनारस बुंदेलखंड एक्सप्रेस 8.30 घंटे, आनंद विहार टर्मिनल-दानापुर जनसाधारण एक्सप्रेस 8 घंटे, बांद्रा-गोरखपुर हमसफ़र एक्सप्रेस 6 घंटे, रानी कमलापति-बनारस कुम्भ स्पेशल 5 घंटे, नई दिल्ली-जयनगर स्वतंत्रता सेनानी 5 घंटे, विशाखापट्टनम-गोरखपुर कुम्भ स्पेशल 4.30 घंटे, एलटीटी-जयनगर पवन एक्सप्रेस 4 घंटे, कासगंज-झूंसी कुम्भ मेला स्पेशल 4 घंटे, दादर-बलिया स्पेशल 4 घंटे, एलटीटी-बलिया कामायनी एक्सप्रेस 3.30 घंटे, दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस 3 घंटे और एलटीटी-रक्सौल साप्ताहिक एक्सप्रेस 3 घंटे तक लेट रहीं।
कतार में लगे तीन श्रद्धालुओं का निधन
वाराणसी, कार्यालय संवाददाता।
महाकुम्भ से बनारस लौटे तीन श्रद्धालुओं का मंगलवार को निधन हो गया। यह सभी काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन के लिए गेट नंबर चार से कतार में लगे थे। इसी बीच अचानक बेहोश हो गए। मंडलीय अस्पताल पहुंचने से पहले इन लोगों दम तोड़ दिया। परिजन इनके शव लेकर चले गए। पोस्टमार्टम नहीं होने से मौत के कारणों का पता नहीं चला। मृतकों में बिहार के छपरा निवासी 42 वर्षीय संजय शाह, सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) निवासी 54 वर्षीय मुन्ना लाल और पश्चिमी दिल्ली की 64 वर्षीय शक्ति माथुर शामिल हैं।
एक साधु समेत दो लोग भर्ती
जूना अखाड़े के 69 वर्षीय रामगिरी साधु के हाथ-पैर में खिंचाव होने पर मंगलवार को मंडलीय अस्पताल भर्ती कराया गया। डॉक्टरों की जांच में उनका बीपी लो और ऑक्सीजन लेवल कम था। डॉक्टरों ने कहा कि 24 घंटे मॉनिटरिंग के बाद ही आगे की डायग्नोसिस तैयार होगी। वहीं मध्य प्रदेश के देवास जिले के राकेश कुमार भी नीचीबाग में अचेत होकर गिर गए थे। उधर स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंट और बनारस स्टेशन सहित काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं को परामर्श दे रही है। मंगलवार को एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं को परामर्श दिया गया। अधिकांश लोगों में बीपी, घबरहाट, पैरों में सूजन आदि की समस्या थी।
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