विश्वनाथ मंदिर के शास्त्री को मिलेगा मानदेय
काशी विश्वनाथ मंदिर में शास्त्रियों को अब निश्चित मानदेय मिलेगा। मंदिर न्यास बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। 12 शास्त्रियों को लाभ होगा, जो पहले नि:शुल्क सेवा दे रहे थे। इसके अलावा, दानकर्ताओं...
वाराणसी, विशेष संवाददाता। काशी विश्वनाथ मंदिर में नियुक्त शास्त्रियों को अब एक निश्चित मानदेय दिया जाएगा। यह निर्णय शुक्रवार को मंदिर न्यास बोर्ड की बैठक में लिया गया। बोर्ड का मानना है कि यदि शास्त्रियों की नियुक्ति निर्धारित प्रावधान के तहत हुई है तो उनकी आजीविका के लिए मानदेय भी तय होना चाहिए। बोर्ड ने मानदेय निर्धारण के लिए मंदिर के अधिकारियों को अगली बैठक में प्रस्ताव लाने को कहा है। इस निर्णय से 12 शास्त्री लाभान्वित होंगे। वे अभी नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं। वहीं दैनिक पासधारकों का अब आगे से नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। आयुक्त सभागार में विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय की अध्यक्षता में बोर्ड की 106वीं बैठक में 15 बिंदुओं का एजेंडा रखा गया। बैठक में विभिन्न श्रेणी के अर्चकों और कार्मिकों के मानदेय बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। विभिन्न विग्रहों में पूजा के लिए तैनात अर्चकों का मानदेय आठ हजार से बढ़ाकर 11 हजार रुपये किया गया है। वहीं, नये पुजारी की भर्ती अनुबंध पर करने के प्रस्ताव पर स्वीकृति मिल गई। न्यास ने काशी विश्वनाथ मंदिर से संबद्ध संकटहरण हनुमान मंदिर, बेनीपुर और सकलडीहा (चंदौली) के कालेश्वरनाथ मंदिर में सुविधाएं बढ़ाने और भजन संध्या के लिए शिवार्चनम खाता संचालित करने पर भी सहमति दी है।
बैलेंस शीट, वित्तीय वर्ष के अवशेष व्यय और वर्तमान वित्तीय छमाही के व्यय का भी अनुमोदन किया गया। मंदिर का प्रकाशन कार्य निरंतर चलाने के लिए कार्ययोजना बनाने पर सहमति बनी। मंदिर परिसर में नियमित रूप से सांस्कृतिक और दैनिक सांध्य कार्यक्रम जारी रखने का निर्देश दिया गया है।
दानकर्ताओं का होगा सम्मान
बैठक में यह भी तय हुआ कि मंदिर के लिए सभी सामान केवल जेम पोर्टल या निविदा के जरिए ही खरीदे जाएं। पांच हजार रुपये के ऊपर के दानकर्ता को धन्यवाद पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। वहीं, 10 हजार, 50 हजार औऱ एक लाख रुपये के दानदाताओं को उच्च श्रेणी अंतर्गत सुविधाएं देने के साथ सम्मानित किया जाएगा।
अब अमूल का आएगा प्रसाद
बाबा के भक्तों को शुद्ध प्रसाद के लिए मंदिर प्रशासन अमूल के साथ अनुबंध करेगा। बोर्ड ने इस पर सहमति जताते हुए उसकी पैकेजिंग और गुणवत्ता की जांच का मंदिर अधिकारियों को निर्देश दिया। अमूल के प्रसाद पर मुख्यमंत्री की भी सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। प्रसाद में बेलपत्र की सुगंध आएगी।
सम्पूर्णानंद विवि को एक करोड़ का अनुदान
सम्पूर्णानंद संस्कृत विवि के कुलपति की ओर से तीन करोड़ आठ रुपये का प्रस्ताव रखते हुए धन की मांग की गई थी। इससे संस्कृत के संवर्द्धन के लिए विभिन्न कार्य होने हैं। बोर्ड ने विश्वविद्यालय को एक करोड़ का अनुदान देने पर स्वीकृति दी। इसके पूर्व भी 1.25 करोड़ दिया जा चुका है। कुलपति ने बताया कि पूर्व में मिला अनुदान नाकाफी साबित हो रहा है।
संस्कृत विद्यालयों में दोपहर का भोजन नि:शुल्क
काशी विश्वनाथ मंदिर अब जनपद के 60 संस्कृत विद्यालयों के बच्चों को दोपहर का नि:शुल्क भोजन कराएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से भोजन विद्यालयों तक पहुंचाया जाएगा। इस पर बोर्ड ने स्वीकृति दे दी है।
दंडी संन्यासियों को भोजन-दक्षिणा
बोर्ड ने निर्णय लिया है कि भिनगाराज अनाथालय सहित शहर के दूसरे स्थानों पर रह रहे दंडी संन्यासियों के भोजन और दक्षिणा की व्यवस्था की जाएगी। न्यास ने अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
इनकी रही मौजूदगी
डॉ. सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा, सदस्य प्रो. चन्द्रमौलि उपाध्याय, पं. दीपक मालवीय, पं. प्रसाद दीक्षित, के. वेंकटरमण घनपाठी, प्रमुख सचिव न्याय के प्रतिनिधि के रूप में विशेष सचिव अपर विधि परामर्श मुकेश कुमार सिंह, एडीएम प्रोटोकॉल प्रकाश चंद्र और न्यास के सदस्य सचिव सीईओ विश्व भूषण मिश्र आदि।
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