काशी की गंगा में उफान, वरुणा किनारे वालों की धड़कन बढ़ी
वााराणसी में गंगा में उफान से वरुणा किनारे रहने वालों की धड़कन बढ़ गई है। गंगा में जब जब बाढ़ आई है सबसे पहले वरुणा का पानी पलटा है और निचले इलाकों में घुस जाता है। वरुणा के साथ ही असि नदी...
वााराणसी में गंगा में उफान से वरुणा किनारे रहने वालों की धड़कन बढ़ गई है। गंगा में जब जब बाढ़ आई है सबसे पहले वरुणा का पानी पलटा है और निचले इलाकों में घुस जाता है। वरुणा के साथ ही असि नदी किनारे रहने वालों की भी धुकधुकी बढ़ गई है। गंगा का पानी जिस रफ्तार से बढ़ रहा है माना जा रहा है कि अगले दो दिनों में वरुणा किनारे स्थित सैकड़ों मकान पानी में घिर सकते हैं। शनिवार की सुबह गंगा का जलस्तर एक से डेढ़ सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था।
दशाश्वमेध घाट स्थित बुढ़िया माई की गुफा में शुक्रवार को गंगा का पानी प्रवेश कर गया था। शीतला मंदिर के ठीक नीचे गुफा में गंगा का पानी पहुंचना इस बात का संकेत है कि अस्सी से वरुणा संगम के बीच काशी के पक्के घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है। करीब 70 फीसदी घाटों के मुख्य प्लेटफार्म जलमग्न हो चुके हैं। शेष तीस फीसदी ऊंचे घाटों के बीच बनाए गए आपातकालीन द्वार रास्तों का इस्तेमाल करके पक्के महाल के लोग जाना-आना कर रहे हैं।
एक ऐसा ही मार्ग मणिकर्णिका घाट को सिंधिया घाट की ओर जाने वाला मार्ग नेमियों और तटवासियों के लिए सहायक हो रहा है। यहां चक्रपुष्कर्णी कुंड तक पानी आ जाने के बारण घाटों के रास्ते पंचगंगा की ओर जाने का मार्ग जलमग्न हो चुका है। ललिता घाट स्थित नेपाली मंदिर एवं धर्मशाला में रहने वाली वृद्धाओं, विद्यार्थियों एवं संन्यासियों के बाहर निकलने के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं। ललिता घाट को राजेंद्र प्रसाद घाट के जरिए दशाश्वमेध मुख्य मार्ग से जोड़ने वाले मानमंदिर घाट मुख्य प्लेटफार्म पर घुटनों से अधिक पानी है।
गंगा के तेजी से बढ़ते जलस्तर का प्रभाव वरुणा और असि की ओर पलट प्रवाह के रूप में कभी भी देखने को मिल सकता है। वरुणा के दोनों तटों पर बस्तियों में अफरा तफरी है। 2013 और 2017 में रातों रात जलस्तर बढ़ने का खामियाजा भुगत चुके सैकड़ों परिवारों की बेचैनी बढ़ी है। लगातार बढ़ाव के कारण बस्तियों में लोग पलायन के विकल्प पर विचार करने लगे हैं। कोरोना काल की बंदिशों ने उनके लिए विकल्प चुनना और भी कठिन कर दिया है।
24 घंटे में 33 सेमी. जलस्तर में इजाफा
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार की सुबह काशी में गंगा का जलस्तर 64.34 मीटर था जो गुरुवार की सुबह आठ बजे की तुलना में 33 सेंटीमीटर अधिक है। जलस्तर बढ़ने की यह रफ्तार पौने तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटा के आसपास है। गंगा और यमुना से एक साथ आ रही अपार जलराशि के प्रयागराज से एक धारा में मिर्जापुर की ओर लगातार बढ़ रही हैं। यह इस बात का संकेत हैं कि अगले चौबीस घंटों में बनारस, गाजीपुर और बलिया में भी गंगा के जलस्तर में बढ़ाव दर्ज किया जाएगा।
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