कचहरी में प्रवेश के लिए सिर्फ एक गेट पर विचार
सुरक्षा के मद्देनजर कचहरी परिसर में गेट नंबर एक से ही सभी को प्रवेश की अनुमति देने पर विचार चल रहा है। इस गेट पर लगे स्कैनर से जांच के बाद ही किसी को अंदर जाने की अनुमति मिलेगी। हालांकि इस बाबत अंतिम...
सुरक्षा के मद्देनजर कचहरी परिसर में गेट नंबर एक से ही सभी को प्रवेश की अनुमति देने पर विचार चल रहा है। इस गेट पर लगे स्कैनर से जांच के बाद ही किसी को अंदर जाने की अनुमति मिलेगी। हालांकि इस बाबत अंतिम निर्णय अभी होना है। वहीं, कचहरी परिसर की चाहरदीवारी दस फीट ऊंची करने का निर्णय हुआ है।
कचहरी परिसर में 23 नवंबर-2007 को आतंकी विस्फोट में तीन वकीलों समेत सात लोगों की जान चली गई थी। 50 से अधिक लोग घायल हुए थे। इसके बाद से कचहरी परिसर की सुरक्षा प्रबंध को पुख्ता बनाने का प्रयास चल रहा है। हाल में प्रदेश के सभी जिला न्यायालय परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश के बाद बनारस में भी तेजी आई है।
सुरक्षा प्रबंधों के तहत जिला न्यायालय में मुकम्मल निगरानी के लिए उच्च क्षमता वाले 60 सीसी कैमरे लगाये जा चुके हैं। उनके लिए वायरिंग भी हो चुकी है। इनका नियंत्रण कचहरी में ही बने कंट्रोल रूम से होगा। कोर्ट मैनेजर अश्विनी आनंद ने बताया कि करीब 50 लाख से अधिक कीमत का बैगेज स्कैनर मंगाया जा चुका है। इसे गेट नम्बर एक पर लगाया जाना है। योजना के तहत कचहरी की दीवारें आठ फुट ऊंची होगी। उन पर दो फुट ऊंचा लोहे का ग्रिल लगाया जाएगा।
इसके अलावा कचहरी के छह गेटों में से चार पर डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर और चार हैंड मेटल डिटेक्टर लेकर सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे। व्यवस्था से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि सभी उपकरण 15-20 दिन में लग जायेंगे लेकिन चहारदीवारी ऊंची करने में अभी वक्त लगेगा। फिलहाल नयी व्यवस्था बनने के बाद गेट नम्बर एक से ही कचहरी में प्रवेश की व्यवस्था होनी है ताकि स्कैनर से लोगों की जांच हो सके। शासन से तीन स्कैनर की मांग की गयी थी लेकिन मिला अभी एक ही है।
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