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Varanasi News - सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या के बाद काशी पत्रकार संघ ने पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने और मृत पत्रकार के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है। संघ ने 12 मार्च को...

कलम की आजादी पर हमला बर्दाश्त नहीं वाराणसी। सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या पर काशी पत्रकार संघ ने आक्रोश जताया। सोमवार को पराड़कर स्मृति भवन के आरआर खाडिलकर कक्ष में हुई आपात बैठक में संघ ने एक स्वर से पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने, मृत पत्रकार के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा और एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग की। कहा कि पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के प्रयोग पर हिंसा और धमकी का सामना करना पड़ रहा है। यह बर्दाश्त नहीं होगा। संघ ने निर्णय लिया है कि विरोध दर्ज कराने के लिए 12 मार्च को प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में ज्ञापन सौंपेंगे। बैठक में पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार, योगेश कुमार गुप्त और सुभाष चन्द्र सिंह, विजय नारायण, डॉ. दयानंद ने विचार रखे। प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरुण मिश्र, कोषाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी, विनय कुमार सिंह, कैलाश यादव, कृष्ण बहादुर रावत, मुन्नालाल साहनी, आशुतोष पांडेय रहे। अध्यक्षता संघ अध्यक्ष डॉ. अत्रि भारद्वाज और संचालन महामंत्री अखिलेश मिश्र ने किया।
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कबीर का प्रेम और समरसता का संदेश आज भी प्रासंगिक
वाराणसी। सारथी संस्था ने कबीर प्राकट्य स्थल लहरतारा में एक विशेष कार्यक्रम के जरिए संत कबीर के जीवन और उनके आध्यात्मिक संदेशों को समझाया। महंत गोविंद दास ने कबीरदास के समाज सुधारक विचारों, उनकी भक्ति परंपरा और उनके दोहों की व्याख्या की। उन्होंने बताया कि कबीरदास ने मानवता, प्रेम और समरसता का जो संदेश दिया था, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है। संस्था के सदस्यों ने कबीर प्राकट्य स्थल पर श्रमदान कर परिसर की सफाई की। सीए गौरव खण्डेलवाल, अजय मिश्रा, संतोष जायसवाल,रविशंकर,रामकृष्ण मिश्र आदि रहे। अजय रोशन ने संत कबीर के दोहों की विशेष प्रस्तुति दी। संचालन निवेदिता सिंह और ज्योति सिंह ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन अरविंद गुप्ता ने किया।
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