पंचांगों की एकरूपता पर विमर्श करेंगे ज्योतिषी
Varanasi News - वाराणसी में 20 से 22 मार्च तक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन आयोजित होगा। इस सम्मेलन में पंचांगों की एकरूपता और भारतीय ज्योतिष से जुड़े समसामयिक विषयों पर चर्चा की जाएगी। विद्वानों का मानना...
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। पंचांगों की एकरूपता के लिए दुनियाभर के ज्योतिष विद्वान एक मंच पर आएंगे। बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के ज्योतिष विभाग की तरफ से तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन में विशेषज्ञों को यह मंच प्रदान किया जाएगा। 20 से 22 मार्च तक पंचांगों की एकरूपता के साथ ही भारतीय ज्योतिष से जुड़े समसामयिक विषयों पर गहन चर्चा होगी।
मंगलवार को आयोजित प्रेसवार्ता में ज्योतिष विभाग के प्रो. विनय कुमार पांडेय और विभागाध्यक्ष प्रो. शत्रुघ्न त्रिपाठी ने बताया कि सम्मेलन में दो प्रमुख विषयों पर विमर्श किया जाएगा। इनमें पंचांग की शास्त्रीय व्यवस्था (सबीज-निर्बीज) और विवाह के लिए मेलापक की सामयिक व्यवस्था (दोष-परिहार) शामिल हैं। प्रो. पांडेय ने बताया कि वर्तमान में विभिन्न गणितीय पद्धतियों के कारण पंचांगों में भिन्नताएं देखी जा रही हैं। इससे धार्मिक आयोजनों और व्रत-पर्व की तिथियों पर भ्रम की स्थिति बनी रहती है।
सम्मेलन में विद्वान मंथन करेंगे कि पंचांग कि कौन-सी शास्त्रीय पद्धति को मान्यता दी जानी चाहिए और विभिन्न गणितीय मतभेदों को कैसे सुलझाया जा सकता है। इसके अलावा पारंपरिक रूप से कुंडली मिलान की प्रक्रिया में अष्टकूट मिलान और मांगलिक दोष को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। आज आवश्यक है कि ज्योतिषीय मानकों की वैज्ञानिक समीक्षा की जाए। सम्मेलन में उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा होंगे। अन्य विद्वानों में प्रो. राजाराम शुक्ल, प्रो. अरुण कुमार सिंह, प्रो. रामचंद्र पांडेय, प्रो. चंद्रमा पांडेय, प्रो. प्रेम कुमार शर्मा, प्रो. अशोक थपलियाल, प्रो. नागेंद्र पांडेय, प्रो. उपेंद्र भार्गव आदि होंगे।
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