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बोले काशी : घरों के ऊपर एचटी तार, चार दशक से सीवर का इंतजार

Varanasi News - वाराणसी के इंदिरा नगर कॉलोनी के निवासी 40 वर्षों से सीवर लाइन का इंतजार कर रहे हैं। कॉलोनी में बिजली के तारों से एचटी करंट का खतरा है और पेयजल की समस्या भी है। नई सुविधाओं का लाभ इंदिरा नगर एक्सटेंशन...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीThu, 20 Feb 2025 07:36 PM
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बोले काशी : घरों के ऊपर एचटी तार, चार दशक से सीवर का इंतजार

इंदिरा नगर (नेवादा-चितईपुर) वाराणसी। वाराणसी में कॉलोनियां सिर्फ शहर विस्तार की प्रतीक नहीं बल्कि अटपटे विकास की नायाब नमूना भी हैं। ऐसे नमूने कई जगह दिखते हैं। बरेका-चितईपुर रोड की इंदिरा नगर कॉलोनी के वाशिंदे चार दशक से सीवर लाइन का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, बाद में बसे इंदिरा नगर एक्सटेंशन में सीवर-सड़क और सफाई व्यवस्था एकदम टंच है। इस विसंगति के शिकार पुरानी कॉलोनी के नागरिक भारी टेंशन में हैं। उन्हें घरों के ऊपर से गुजरी हाइटेंशन लाइन और सड़क-सफाई एवं पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का कमी भी तनावग्रस्त बनाए हुए है।

नगर निगम के पिछले परिसीमन के बाद नेवादा वार्ड की सीमा चितईपुर तक फैल गई। तब इंदिरा नगर समेत कई कॉलोनियां भी नवशहरी बन गईं। इंदिरा नगर सन-1982 में बसी। इसके 200 मकानों के बीच सीवर लाइन नहीं है। ‘हिन्दुस्तान से चर्चा में कॉलोनी की जनकल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष चंदन श्रीवास्तव ने बताया कि बरेका-चितईपुर मेन रोड से कॉलोनी के बीच लगभग 900 मीटर सीवर लाइन बिछनी है। पूर्व मेयर मृदुला जायसवाल के कार्यकाल में तीन साल पहले सीवर लाइन के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। 15वें वित्त से धनराशि स्वीकृत होने के बाद जलकल के पास पहुंच गई। इस बीच तीन बार टेंडर हुए लेकिन कोई टेंडर फाइनल नहीं हो सका। चंदन श्रीवास्तव के मुताबिक हर टेंडर के पहले जलकल ने कॉलोनी में सर्वे कराया। बाद में तकनीकी कारण के आधार पर काम शुरू नहीं हुआ। नागेन्द्र श्रीवास्तव, दीपक तिवारी आदि ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर तीन बार, संभव पोर्टल पर चार बार जबकि जलकल के महाप्रबंधक, अधिशासी अभियंता को एक दर्जन बार ज्ञापन दिए जा चुके हैं। नागेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा-‘कोफ्त इस बात की है कि बाद में बसे इंदिरा नगर एक्सटेंशन में सीवर समेत सभी सुविधाएं मुहैय्या करा दी गईं जबकि हम एक सीवर लाइन का 40 वर्षों से इंतजार कर रहे हैं।

विकल्प भी है कॉलोनी में

चंदन श्रीवास्तव ने बताया कि यदि जलकल या नगर निगम को 900 मीटर की दूरी अधिक लग रही है तो उसका एक विकल्प भी है। उनके मुताबिक बरेका का ड्रेनेज वाटर इंब्रोसिया रेस्टोरेंट के किनारे से, इंदिरा नगर होते हुए अस्सी नाले में मिलता है। इस नाले में सीवर का चौड़ा पाइप भी पड़ा है। इसी के नीचे जल निगम ने भी एक पाइप लाइन बिछवाई है। इन दोनों पाइप में किसी एक से इंदिरा नगर को लिंक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जलकल सर्वे करा ले, हो सकता है कम खर्च में समस्या दूर हो जाए।

आसमान से एचटी करंट का खतरा

इंदिरा नगर के मकानों के ऊपर से 11 से लेकर 132 केवी के तार गुजरे हैं। वर्षों पूर्व साहूपुरी से मंडुआडीह ट्रांसमिशन लाइन गुजरी तो कॉलोनी नहीं थी। मकान बनने के बाद 33 केवी लाइन भी ऊपर से ही दौड़ा दी गई। अब हर घर के ऊपर एचटी करंट का खतरा बना रहता है। नई मंजिल बनाने के पूर्व मकान मालिकों को हजार बार सोचना पड़ता है। नरेश श्रीवास्तव, रामगोपाल सिंह, प्रदीप मिश्रा के मुताबिक इन तारों को अंडरग्राउंड कराने के संबंध में विभाग ने एक बार इस्टीमेट भी बनवाया मगर बाद में वह ठंडे बस्ते में चला गया। यह भी नहीं बताया गया कि तारों को अंडरग्राउंड करने का प्रस्ताव व्यावहारिक है या नहीं।

कॉलोनी में एक्स्ट्रा ट्रांसफार्मर की दरकार

अनिल कुमार मिश्रा, रविशंकर वर्मा, वीरेन्द्र मिश्र ने ध्यान दिलाया कि लोड बढ़ने के बाद कॉलोनी में एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर की सख्त जरूरत है। 400 केवीए के मौजूदा ट्रांसफार्मर से अक्सर आपूर्ति बाधित होती है। उन्होंने बताया कि विभागीय जेई से एक्सईएन तक को इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है। पूर्वांचल निगम के एमडी को भी पत्रक दिया गया है। नागरिकों के अनुसार कॉलोनी में नए ट्रांसफार्मर के लिए पोल उपलब्ध है। इसलिए उसे लगाने में कोई समस्या नहीं आएगी।

जमीन पर कब्जा, कहां लगे नलकूप

इंदिरा नगर के वाशिंदे पेयजल की समस्या से भी जूझते हैं। गर्मी में उनकी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। कॉलोनी बनने के समय लगे नलकूप की क्षमता खत्म हो चुकी है। वह अक्सर पानी छोड़ देता है। चंदन श्रीवास्तव, शरद टंडन ने बताया कि जलकल से कॉलोनी के लिए एक नलकूप स्वीकृत है, उसके लिए जमीन चिह्नित की जा चुकी है लेकिन उक्त जमीन पर कब्जा और अतिक्रमण है। इसलिए नलकूप निर्माण के लिए एक ईंट अब तक नहीं रखी जा सकी है।

वारदात रोकने को लगे हाईमास्ट

अजय कश्यप, मुन्ना सिंह, प्रेमशंकर लाल ने ध्यान दिलाया कि कॉलोनी में जगदीश सिंह के मकान और भारत गैस एजेंसी के पास के चौराहों पर हाईमास्ट या बड़ी लाइटें लगें क्योंकि शाम के बाद उन चौराहों पर अंधेरा छा जाता है। इस माहौल का फायदा उठाते हुए अराजकतत्वों ने कई बार छिनैती की वारदात को अंजाम दिया है। इन चौराहों की संवेदनशीलता के बारे में पुलिस जानती है, इसलिए अक्सर यहां उसका चक्रमण भी होता है। नागरिकों ने कहा कि हाईमास्ट की रोशनी से माहौल बदल जाएगा। चंदन श्रीवास्तव ने जोर दिया कि कॉलोनी के एंट्री प्वाइंट से अंदर तक सीसीटीवी कैमरे भी लगने चाहिए।

जर्जर सड़कों की ले कोई खबर

रामगोपाल सिंह, सुमंत तिवारी और अनिल मिश्रा ने बारी-बारी से पूछा कि इस कॉलोनी में आते वक्त आपको कितने झटके लगे? उनका इशारा क्षतिग्रस्त सड़कों की ओर था। बताया कि एक दशक से यहां गिट्टियां बिछाकर रोलिंग भी नहीं कराई गई है। इसलिए सड़कें इस दशा में पहुंच गई हैं। बरसात के दिनों में कीचड़ और पानी से आवागमन आसान नहीं रह पाता।

ट्रांसफार्मर के पास कूड़े का ढेर

नागरिकों ने दिखाया कि कॉलोनी में बिजली के पुराने ट्रांसफार्मर के पास ही किस कदर कूड़ा-कचरा का ढेर जमा है। यदि संयोग से उस ढेर में एक चिंगारी पड़ जाए तो ट्रांसफार्मर को भी धधकते देर नहीं लगेगी। चंदन श्रीवास्तव बोले, हम सभी का सौभाग्य है कि अब तक ऐसी परिस्थिति नहीं आई है लेकिन नहीं आ सकती-ऐसा भी नहीं है। उन्होंने बताया कि यहां की फोटो नगर निगम के पोर्टल पर कई बार भेजी जा चुकी है। इस आग्रह के साथ कि कूड़ा हटवाकर यहां बड़ी डस्टबिन रखवा दी जाए। बीच-बीच में सफाई हो जाती है लेकिन स्थायी समाधान नहीं हुआ है अब तक।

सुझाव

1. कॉलोनी की दशकों पुरानी सीवर समस्या का यथाशीघ्र समाधान कराया जाए। धनराशि स्वीकृत है। नई सीवर लाइन का विकल्प भी है। सिर्फ ठोस पहल की दरकार है।

2. कॉलोनी के घरों के ऊपर से गुजरे बिजली के तारों को अंडरग्राउंड कराया जाए। इस संबंध में इस्टीमेट बन चुका है।

3. कॉलोनी के लोड को देखते हुए बिजली का 400 केवीए क्षमता का एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगवाया जाए। उसके लिए जगह और पोल उपलब्ध हैं।

4. लोगों की जरूरत को देखते हुए कॉलोनी के लिए स्वीकृत नलकूप का जल्द निर्माण शुरू कराया जाए। उसके लिए चिह्नित जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाए।

5. सड़कों की मरम्मत हो। कॉलोनी के दो चौराहों पर हाईमास्ट के साथ सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जाएं। बिजली ट्रांसफार्मर के पास से कूड़े का ढेर तत्काल हटवाया जाए।

शिकायतें

1. चार दशकों से सीवर समस्या का समाधान टेंडर प्रक्रिया में उलझा हुआ है। इससे लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रहीं हैं।

2. बरसात के दिनों में सीवर पूरी कॉलोनी के लिए गंभीर समस्या बन जाता है। सोख्ता टैंक तब काम नहीं करते।

3. कॉलोनी के लिए स्वीकृत नलकूप के लिए चिह्नित जमीन पर मुद्दत से कब्जा है। इसके चलते नलकूप का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

4. कई बार आग्रह के बाद भी कॉलोनी में एक एक्स्ट्रा ट्रांसफार्मर नहीं लग पा रहा है। पुराने ट्रांसफार्मर से अक्सर बिजली आपूर्ति बाधित होती है।

5. बिजली के ट्रांसफार्मर के पास कूड़ा-कचरा का ढेर कभी भी बड़े हादसे की वजह बन सकता है। उधर से ही स्कूली बच्चे भी गुजरते हैं।

बोले कालोनीवाले

नई सीवर लाइन कॉलोनी की सबसे बड़ी जरूरत है। धनराशि स्वीकृति के बाद भी समस्या बने रहना दुर्भाग्यपूर्ण है।

-चंदन श्रीवास्तव

बाद में बसी इंदिरा नगर एक्सटेंशन में सभी सुविधाएं मुहैय्या हो गईं, हम लोग ही तिरस्कृत महसूस कर रहे हैं।

-नागेन्द्र श्रीवास्तव

सीएम के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की कोई अहमियत नहीं है या अफसर झूठी रिपोर्ट दे रहे हैं।

-रामगोपाल सिंह

संभव जनसुनवाई पोर्टल की नगर आयुक्त को समय-समय पर समीक्षा करनी चाहिए। इससे वस्तुस्थिति पता चलेगी।

-शरद टंडन

कॉलोनी की सड़कों की लंबे समय से मरम्मत नहीं हुई है। बारिश के दिनों में आवागमन मुश्किल हो जाता है।

-सुमंत तिवारी

कॉलोनी में बिजली का लोड बढ़ा है। इसके लिए विभाग से अतिरिक्त ट्रांसफार्मर की मांग की गई है।

जगदीश सिंह

सीवर लाइन बिछने का दशकों से इंतजार हो रहा है। जिन सुविधाओं पर हमारा हक है, वे भी नहीं मिल रही हैं।

निर्भय पाण्डेय

पेयजल का पाइप जर्जर है। इससे लीकेज की समस्या बनी रहती है। जलकल को पाइप लाइन बदलना चाहिए।

वीरेन्द्र मिश्र

कॉलोनी में जगह-जगह कूड़ा पड़ा रहता है। ट्रांसफार्मर के पास कूड़े का ढेर बन गया है। इससे खतरा है।

प्रेमशंकर लाल

कॉलोनी में सीसीटीवी कैमरे लगने चाहिए। इससे अपराध की घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

रवि शंकर वर्मा

कॉलोनी में नियमित कूड़ा उठान नहीं होता। सफाईकर्मी भी सिर्फ खानापूर्ति करते हैं और चले जाते हैं।

नरेश श्रीवास्तव

नया नलकूप नहीं लगा तो पिछली बार की तरह इस गर्मी में भी पानी की गंभीर समस्या झेलनी पड़ेगी।

-अनिल कुमार मिश्रा

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