आईसीएमआर का सहयोगी उत्कृष्टता केंद्र बना आईआईटी बीएचयू
Varanasi News - आईआईटी बीएचयू को आईसीएमआर का सहयोगी उत्कृष्टता केंद्र चुना गया है। यह अगले पांच वर्षों तक अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करेगा। समारोह में आईसीएमआर के महानिदेशक ने चयनित केंद्रों को सम्मानित...
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। आईआईटी बीएचयू को आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) का सहयोगी उत्कृष्टता केंद्र चुना गया है। आईआईटी अगले पांच वर्ष तक अनुसंधान और पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने में सहयोग करेगा। मंगलवार को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित समारोह के दौरान यह घोषणा की गई। आईआईटी के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग स्कूल के डॉ. संजीव कुमार महतो के विशिष्ट योगदान के सम्मान के रूप में आईसीएमआर की तरफ से यह दर्जा दिया गया है। समारोह के दौरान आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने आईआईटी बीएचयू सहित सभी चयनित सहयोगी केंद्रों को सम्मानित किया। डॉ. महतो ने बताया कि 2024 में 140 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 20 शोध समूहों को आईसीएमआर के सहयोगी उत्कृष्टता केंद्र के रूप में चयनित किया गया। उत्कृष्टता केंद्र बनने के बाद संस्थान का मुख्य उद्देश्य आईसीएमआर और पूरे देश में बायोमेडिकल अनुसंधान के लिए अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करना है। यह सहयोग राष्ट्रीय स्वास्थ्य विकास के समर्थन में देश के संसाधनों को सुदृढ़ करने में भी मदद करेगा, जिसमें सूचना, सेवाएं, अनुसंधान और प्रशिक्षण शामिल हैं।
डॉ. महतो ने बताया कि आईआईटी बीएचयू आईसीएमआर के विभिन्न कार्यों में योगदान करेगा। इनमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के अनुसार अनुसंधान एजेंडा तैयार करना, आईसीएमआर वैज्ञानिकों को अनुसंधान पद्धति प्रशिक्षण देना, अनुसंधान प्रस्तावों के विकास में सहायता करना, अवलोकन गतिविधियां करना, क्षमता निर्माण, आईसीएमआर योजनाओं और राष्ट्रीय अनुदान मिशनों के लिए मार्गदर्शन करना शामिल है। आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने डॉ. संजीव कुमार महतो और उनकी टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
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