आईआईटी प्रशासन ने लिया संज्ञान, गड़बड़ी की जांच शुरू
आईआईटी बीएचयू के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में कंसल्टेंसी फीस के शेयर के बदले नकद धनराशि मांगने के मामले की जांच शुरू हो गई है। कई कर्मचारियों और शिक्षकों ने विभागाध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि वे शेयर...
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। आईआईटी बीएचयू के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में कंसल्टेंसी फीस के शेयर के बदले नकद धनराशि मांगने के मामले का आईआईटी बीएचयू प्रशासन ने अंतत: संज्ञान ले लिया। संस्थान प्रशासन ने शुक्रवार को इस मामले की जांच कर कार्रवाई और निस्तारण करने का फैसला किया है। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। आईआईटी बीएचयू के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में विभिन्न सरकारी और निजी कंपनियों के प्रोजेक्ट की जांच और कंसल्टेंसी से मिलने वाली फीस से इसमें काम करने वाले कर्मचारियों में हिस्सा वितरित करने का नियम है। कुछ कर्मचारियों और शिक्षकों ने विभागाध्यक्ष पर आरोप लगाया कि कर्मचारियों के शेयर बढ़ाकर उनसे नकद धनराशि वापस ली जाती है। आपके अपने समाचार पत्र ‘हिन्दुस्तान ने छानबीन की तो इस मामले में कई साक्ष्य मिले। कर्मचारियों को अर्दब में लेने के लिए एक वरिष्ठ प्रोफेसर के साथ विभागाध्यक्ष की अध्यक्षता में इसके लिए बाकायदा मीटिंग की गई। मीटिंग के मिनट्स में यह भी दर्ज किया गया कि किस कर्मचारी को अपने शेयर के सापेक्ष कितना नकद भुगतान करना है। यह भी कि विभागाध्यक्ष इसे बाकायदा रजिस्टर में नोट करेंगे।
इस मामले की शिकायत निदेशक और कुलसचिव तक भी पहुंची थी। हालांकि तीन दिन बाद प्रकरण पर आईआईटी बीएचयू की तरफ से बयान जारी हुआ है। आईआईटी की आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि प्रकरण पर जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई होगी। पीड़ित कर्मचारियों ने आईआईटी की इस पहल पर संतोष जताया है।
बयान
सिविल इंजीनियरिंग से संबंधित मुद्दा प्रशासन के संज्ञान में पहले से है। इस विषय पर उचित कदम उठाए जा रहे हैं। जल्द ही मामले का निस्तारण हो जाएगा।
स्वाति बिस्वास, संयुक्त कुलसचिव एवं आधिकारिक प्रवक्ता
आईआईटी बीएचयू।
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