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आईआईटी : मीटिंग के मिनट्स में भी दर्ज किया फर्जीवाड़ा

आईआईटी बीएचयू के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में कंसल्टेंसी फीस के लिए नकदी की धमकी और प्रलोभन का मामला सामने आया है। विभागीय बैठक में कर्मचारियों को दबाव में लेकर फर्जी मीटिंग मिनट्स बनाए गए। इसमें...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीThu, 3 Oct 2024 01:45 AM
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वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। आईआईटी बीएचयू के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में कंसल्टेंसी फीस के बदले नकदी के लिए धमकी और प्रलोभन ही नहीं, कार्यालयी दांवपेंच का भी सहारा लिया गया। कर्मचारियों को दबाव में लेने के लिए बाकायदा विभागीय बैठक की गई। उसमें कर्मचारियों का हिस्सा और उनकी तरफ से दी जाने वाली नकद धनराशि का निर्धारण हुआ। मजे की बात यह कि यह सारा फर्जीवाड़ा विभाग के लेटर हेड पर मीटिंग मिनट्स के रूप में दर्ज किया गया। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान की पड़ताल में सामने आए मीटिंग मिनट्स में यह खुलासा हुआ। एक मीटिंग मिनट्स में बाकायदा बैठक का एजेंडा और रिजॉल्यूशन दर्ज किया गया है। बैठक की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष ने की थी। एक अन्य वरिष्ठ प्रोफेसर इसमें तकनीकी सेल के सदस्य के रूप में मौजूद थे। मिनट्स में छह कर्मचारियों के नाम दर्ज हैं। उनमें एक अधीक्षक, वरिष्ठ सहायक, स्किल्ड स्टाफ, दो एमटीएस और एक अन्य कर्मचारी शामिल हैं। कंसल्टेंसी और टेस्टिंग के ऑफिस इंसेंटिव के रूप में इन्हें क्रमश: 23, 20, 15, 16, 14 और 12 प्रतिशत हिस्सा देने की सहमति दी गई है। इसी मिनट्स में नीचे दो एमटीएस और एक अन्य कर्मचारी को 1, 7 और 8 प्रतिशत धनराशि विभागाध्यक्ष को देने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक का स्थान विभागाध्यक्ष कक्ष दर्ज किया गया है।

बैठक की इस कार्यवाही पर बाकायदा सभी कर्मचारियों के हस्ताक्षर हैं। हालांकि आईआईटी बीएचयू के नियमों के मुताबिक किसी भी तरह के वित्तीय निर्णय बिना डीन या निदेशक की अनुमति के विभाग स्तर पर नहीं लिए जा सकते हैं। मामले पर आईआईटी बीएचयू के उच्चाधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार किया है।

रजिस्टर में खर्च का ब्योरा

मीटिंग के मिनट्स में यह भी लिखा गया है कि कर्मचारियों की दी गई धनराशि रजिस्टर में दर्ज होगी। विभागाध्यक्ष इस रजिस्टर को मेंटेन करेंगे और इस धनराशि से होने वाले सभी खर्च का ब्योरा भी रखेंगे। विभागीय कर्मचारियों में इस रजिस्टर की जानकारी तो है मगर इसके बारे में कोई कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं दिखा।

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