हिंदी पखवाड़े के विजेताओं को किया गया पुरस्कृत
वाराणसी में आईआईट बीएचयू के हिंदी पखवाड़ा का समापन हुआ। साहित्यकार डॉ. नीरजा माधव ने भाषाई परतंत्रता पर चिंता जताई और मातृ भाषा को अपनाने का आग्रह किया। प्रतियोगिताओं में विजेताओं को पुरस्कार दिए गए,...
वाराणसी, संवाददाता। आईआईट बीएचयू में चल रहे हिंदी पखवाड़ा का सोमवार को समापन हुआ। इस दौरान कार्यक्रम का आयोजन किया गया और विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया गया। मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉ. नीरजा माधव ने कहा कि भाषाई परतंत्रता सांस्कृतिक परतंत्रता का आरंभ है। सन 1835 तक अंग्रेज भी हमारे देश को हिंदुस्तान कहते थे। लेकिन इसे सुनियोजित तरीके से इंडिया कर दिया गया। हमारे पास प्रतिभा की कमी नहीं है। प्रतिभा की अभिव्यक्ति का माध्यम ही गलत है। आजादी के बाद राजनेताओं में इच्छाशक्ति की कमी थी। आज सरकारी तंत्र में ताकत लाने और हमें अपनी मानसिकता बदलने की आवश्यकता है। निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने कहा कि देश के हर हिस्से की अपनी मातृ भाषा है। देश के हर नागरिक को अपने क्षेत्र की मातृ भाषा को अपनाने और उसे समृद्ध करने की आवश्यकता है। तभी आप किसी ज्ञान को अधिक से अधिक सीख पाएंगे। इसके बाद प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। हिंदी टिप्पण लेखन पत्राचार एवं कार्यालय शब्द ज्ञान प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार विकास प्रजापति, द्वितीय पुरस्कार अजीत कुमार यादव, तृतीय पुरस्कार आदर्श कुमार श्रीवास्तव को मिला। यूनिकोड के माध्यम से हिंदी टंकण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार शशांक सौरभ, द्वितीय पुरस्कार यमन जायसवाल, तृतीय पुरस्कार तेज बहादुर यादव मिला। इस दौरान कुलसचिव राजन श्रीवास्तव, अनिल कुमार त्रिपाठी, उप कुलसचिव मेजर निशा बलोरिया (सेवानिवृत्त), शशांक पाठक आदि मौजूद रहे।
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