ज्ञानवापी प्रकरण: मूल वाद में पक्षकार बनाने की अर्जी पर सुनवाई टली
वाराणसी में ज्ञानवापी से जुड़े दो मुकदमों की सुनवाई सोमवार को गाजियाबाद में अधिवक्ताओं के कार्य बहिष्कार के कारण टल गई। अब सुनवाई 21 और 23 नवम्बर को होगी। मुख्य मामले में लोहता निवासी मुख्तार अंसारी...
वाराणसी, हिटी। ज्ञानवापी से जुड़े दो मुकदमों में सुनवाई सोमवार को गाजियाबाद में लाठीचार्ज की घटना के विरोध में अधिवक्ताओं के कार्य बहिष्कार के कारण टल गई। अब इस प्रकरण में सुनवाई 21 और 23 नवम्बर को होगी। इन मामलों में वर्ष 1991 के मूल वाद में पक्षकार बनाने के लिए लोहता निवासी मुख्तार अंसारी की ओर से अपर जिला जज (चर्तुदश) देवकांत शुक्ला की कोर्ट में दाखिल निगरानी अर्जी भी शामिल रही। अब इस प्रकरण में सुनवाई 21 नवम्बर को होगी। वहीं जिला जज संजीव कुमार पांडेय की कोर्ट में शृंगार गौरी से जुड़े सभी प्रकरणों को समेकित करने के आदेश पर पुनर्विचार सहित कई अन्य अर्जियों पर भी सुनवाई अब 23 नवम्बर को होगी। इस मामले में 31 अक्तूबर की सुनवाई होनी थी। मगर हाईकोर्ट से इसी दिन छुट्टी जारी होने से 4 नवम्बर को सुनवाई तय हुई थी।
दो प्रकरण 5 नवंबर को सुनेगी कोर्ट
ज्ञानवापी से जुड़े दो मामलों में 5 नवंबर को सुनवाई होनी है। सिविल जज सीनियर डिविजन हितेश अग्रवाल की कोर्ट में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के नाम पर अधिग्रहित समस्त भूमि का स्वामित्व विश्वनाथ मंदिर के पक्ष में घोषित करने और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी से जमीन की अदला-बदली करने सबंधित डीड को शून्य घोषित करने की मांग की गई है। वादी अधिवक्ता नित्यानन्द राय की ओर से यह वाद दाखिल है। वहीं विशेष न्यायाधीश (आवश्यक वस्तु अधिनियम) की कोर्ट में 1991 के मामले में वादी रहे हरिहर पांडेय के निधन के बाद बेटों को पक्षकार बनाने सबंधित निगरानी अर्जी पर आदेश आने की सम्भावना है।
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