हनुमान चालीसा की चौपाई का बताया अर्थ
वाराणसी में रामकृष्ण अद्वैत आश्रम में हनुमान चालीसा पर प्रवचन हुआ। स्वामी विश्वात्मानंद महाराज ने भक्तों को हनुमान चालीसा की चौपाई के अर्थ समझाए। उन्होंने बताया कि गोस्वामीजी ने इसकी रचना में श्रीजी...
वाराणसी। रामकृष्ण अद्वैत आश्रम में रविवार को हनुमान चालीसा पर प्रवचन हुआ। इसमें स्वामी विश्वात्मानंद महाराज ने भक्तों को हनुमान चालीसा की चौपाई के अर्थ बताए। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के अलंकारभूत परम पावन स्तोत्ररत्न श्रीहनुमान चालीसा की रचना का प्रारम्भ करते हुए गोस्वामीजी प्रतिज्ञा-वाक्य में सर्वप्रथम श्रीपद के प्रयोग से श्रीजी का स्मरण कर रहे हैं। वह बताते हैं कि हनुमान-चालीसा के प्रारंभ में ‘रघुबर बिमल-जस बरनउं यह वाक्यखंड एक जिज्ञासा का केंद्र बन जाता है। जो कुछ सामान्य मस्तिष्क वालों को असंगत प्रतीत होता है। पर विचार पर इसका सुगमतया समाधान हो जाता है। इसी तरह उन्होंने अन्य चौपाई का भी अर्थ बताया।
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