संगमम: एमएसएमई में उत्तर-दक्षिण के गठजोड़ पर जोर
Varanasi News - काशी तमिल संगमम के तहत बीएचयू में चौथे अकादमिक सत्र में लघु उद्यमियों और व्यावसायिक पेशेवरों ने उत्तर और दक्षिण के बीच एमएसएमई गठजोड़ पर चर्चा की। डॉ. दीपिका कौर ने बताया कि भारत में 5.93 करोड़...
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वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। काशी तमिल संगमम के तहत बीएचयू में बुधवार को आयोजित चौथे अकादमिक सत्र में लघु उद्यमियों और व्यावसायिक पेशेवरों ने उत्तर और दक्षिण के बीच एमएसएमई गठजोड़ पर चर्चा हुई। तमिल सदस्यों ने बीएचयू में स्टार्टअप और उद्योगों से समन्वय स्थापित करने के बारे में जाना। पं. ओंकारनाथ ठाकुर सभागार में मुख्य वक्ता बीएचयू के प्रबंध अध्ययन संस्थान की डॉ. दीपिका कौर ने बताया कि भारत में एमएसएमई क्षेत्र में 5.93 करोड़ पंजीकरण हुए हैं, जिससे 25 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है और यह देश के कुल निर्यात में 45% का योगदान देता है। प्रो. सुभाष प्रताप सिंह ने अनुसंधान, निर्माण क्षेत्र में नवाचार, विपणन तकनीकों और ग्राहक आवश्यकताओं को पूरा करने की रणनीतियों पर विचार रखे। उन्होंने ‘हेल्प अस ग्रीन स्टार्टअप का उदाहरण देते हुए बताया कि यह कंपनी मंदिरों से निकले फूलों का पुनर्चक्रण कर इको-फ्रेंडली उत्पाद बनाती है।
स्टार्टअप विशेषज्ञ अनूप शुक्ला ने विचारशीलता, प्रयोग और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने वाली संस्कृति को विकसित करने की आवश्यकता बताई। जिला उद्योग केंद्र के बलराम ने स्टार्टअप्स के लिए वित्तीय सहायता, आधारभूत ढांचे के विकास और क्षमता निर्माण योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के बीच सहयोग से उद्यमिता को बढ़ावा देने की संभावनाएं भी रेखांकित की। भारतीय उद्योग संघ और लघु उद्योग संघ के प्रतिनिधि राजेश भाटिया, रघुवेंद्र सिंह के साथ चेन्नई के रायरत्नम, तिरुनेलवेली के कुट्टी, कांचीपुरम की कंचना देवी ने भी विचार व्यक्त किए। तमिलनाडु के प्रतिनिधियों का स्वागत अपर जिला मजिस्ट्रेट रविशंकर ने किया।
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