Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़वाराणसीDisabled players are preparing for the Deaf Game in Varanasi from 16 November

वाराणसी के ये होनहार बोल सुन नहीं सकते लेकिन जज्बा किसी से कम नहीं, देखिये VIDEO 

वाराणसी के सिगरा स्टेडियम में 16 नवंबर से यूपी बधिर गेम्स आयोजित होने जा रहा है। पिछली बार के चैंपियन वाराणसी के खिलाड़ी इस बार भी पूरे जोश और जज्बे के साथ तैयारी कर रहे हैं। ये खिलाड़ी भले ही...

Yogesh Yadav वाराणसी रविकर दुबे , Thu, 7 Nov 2019 09:18 PM
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वाराणसी के सिगरा स्टेडियम में 16 नवंबर से यूपी बधिर गेम्स आयोजित होने जा रहा है। पिछली बार के चैंपियन वाराणसी के खिलाड़ी इस बार भी पूरे जोश और जज्बे के साथ तैयारी कर रहे हैं। ये खिलाड़ी भले ही बोल-सुन नहीं सकते लेकिन इनका जज्बा ही इनकी जुबान है। इसी जज्बे के साथ 30 मूक बधिर खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं। प्रतियोगिता में इनका कौशल देखने को हर कोई इंतजार कर रहा है। वाराणसी की टीम में 30 खिलाड़ी हैं। ये शाम को तीन से चार घंटे रियाज कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय एथलीट नीलू मिश्रा और एनआईएस कोच चंद्रभान यादव इन एथलीटों को गढ़ रहे हैं।

रोजाना यह खिलाड़ी पहले वार्मअप, हल्की एक्सरसाइज, रनिंग और फिर स्ट्रेचिंग करायी जा रही है। इन्हें इनकी भाषा में समझाने में 11 साल का दिव्यांश भी लगा हुआ है। प्रशिक्षकों की भाषा को वह रूपान्तरित करके इन खिलाड़ियों को समझाता है। दिव्यांश के माता-पिता खुद मूक बधिर हैं और इस प्रतियोगिता में शिरकत कर रहे हैं।

प्रतिभाशाली हैं ये खिलाड़ी:  वाराणसी की पूरी टीम को नीलू ने गोद ले लिया है। इन्हें किट मुहैया कराना, ट्रेनिंग देना और इनके स्किल डेवलप्मेंट में मदद कर रही हैं। नीलू कहती हैं, एक महीने से इन्हें कोचिंग दे रही हूं। शुरू में तो बहुत दिक्कत हुई। इन्हें अपनी बात नहीं समझा पा रही थी। तब इंटरप्रेटर के तौर पर दिव्यांश की मदद ली गयी। माह भर में इन खिलाड़ियों में गजब का बदलाव आया है। मैं दावा के साथ कह सकती हूं कि टीम फिर से अव्वल रहेगी।

अभिभावक आगे आएं: वाराणसी बधिर सोसाइटी के अध्यक्ष पिण्टू कुण्डू कहते हैं, ऐसे बच्चे अपने अभिभावकों की उपेक्षा के शिकार होते हैं। अभिभावकों को अपने मूक बधिर बच्चों को खेल में लाने के लिए आगे आना चाहिए। ये विशिष्ट बच्चे अत्यंत प्रतिभाशील होते हैं। इन्हें मंच और मौका मिल जाय तो ये परचम लहरा सकते हैं। चमक बिखेर चुके हैं ये खिलाड़ी: पिछली बार हुई प्रदेशीय प्रतियोगिता में वाराणसी की टीम ओवर ऑल चैंपियन रही। इसी टीम में शामिल रामाश्रय पटेल, अनुपम कुमार, दुर्गेश पांडेय, राम विजय सिंह, विक्की चौबे, आत्मा पटेल ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पदक जीते थे। इनसे इस बार फिर पदक की पूरी उम्मीद है। 

पहले वार्मअप, हल्की एक्सरसाइज, रनिंग और फिर स्ट्रेचिंग करायी जा रही है। इन्हें इनकी भाषा में समझाने में 11 साल का दिव्यांश भी लगा हुआ है। प्रशिक्षकों की भाषा को वह रूपान्तरित करके इन खिलाड़ियों को समझाता है। दिव्यांश के माता-पिता खुद मूक बधिर हैं और इस प्रतियोगिता में शिरकत कर रहे हैं।

प्रतिभाशाली हैं ये खिलाड़ी:  वाराणसी की पूरी टीम को नीलू ने गोद ले लिया है। इन्हें किट मुहैया कराना, ट्रेनिंग देना और इनके स्किल डेवलप्मेंट में मदद कर रही हैं। नीलू कहती हैं, एक महीने से इन्हें कोचिंग दे रही हूं। शुरू में तो बहुत दिक्कत हुई। इन्हें अपनी बात नहीं समझा पा रही थी। तब इंटरप्रेटर के तौर पर दिव्यांश की मदद ली गयी। माह भर में इन खिलाड़ियों में गजब का बदलाव आया है। मैं दावा के साथ कह सकती हूं कि टीम फिर से अव्वल रहेगी।

अभिभावक आगे आएं: वाराणसी बधिर सोसाइटी के अध्यक्ष पिण्टू कुण्डू कहते हैं, ऐसे बच्चे अपने अभिभावकों की उपेक्षा के शिकार होते हैं। अभिभावकों को अपने मूक बधिर बच्चों को खेल में लाने के लिए आगे आना चाहिए। ये विशिष्ट बच्चे अत्यंत प्रतिभाशील होते हैं। इन्हें मंच और मौका मिल जाय तो ये परचम लहरा सकते हैं। चमक बिखेर चुके हैं ये खिलाड़ी: पिछली बार हुई प्रदेशीय प्रतियोगिता में वाराणसी की टीम ओवर ऑल चैंपियन रही। इसी टीम में शामिल रामाश्रय पटेल, अनुपम कुमार, दुर्गेश पांडेय, राम विजय सिंह, विक्की चौबे, आत्मा पटेल ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पदक जीते थे। इनसे इस बार फिर पदक की पूरी उम्मीद है। 

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