Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़वाराणसीDevotees Gather for Shiva Mahapurana Katha in Varanasi A Ritual of Devotion and Cleansing

गंगा सेवा से सदाशिव को कर सकते हैं प्रसन्न

वाराणसी में श्रीशिव महापुराण कथा के पहले दिन पं. प्रदीप मिश्र ने भगवान शिव को एक लोटा जल अर्पित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्रद्धा और संकल्प से सभी समस्याओं का समाधान संभव है। कथा...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीThu, 21 Nov 2024 01:30 AM
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वाराणसी, मुख्य संवाददाता। भगवान शिव को अर्पित एक लोटा जल 33 कोटि देवी-देवताओं तक पहुंच जाता है। जो ‘श्रीशिवाय नमस्तुभ्यं का जप करते हुए नित्य एक लोटा जल शिवलिंग पर अर्पित करता है उसे सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। श्रद्धा और संकल्प शिव को पाने का साधन है।

ये बातें पं. प्रदीप मिश्र ने कहीं। वह बुधवार से गंगा किनारे डोमरी में आरंभ हुई श्रीशिव महापुराण कथा के पहले दिन प्रवचन कर रहे थे। महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा के सानिध्य में हो रही कथा के प्रथम प्रवचन सत्र में उन्होंने गंगा सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित करते हुए कहा कि यदि आप गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प करके इस महान कार्य में अपनी भूमिका निर्धारित कर लेते हैं तो यह भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने का माध्यम बन जाएगा। गंगा सेवा से भी सदाशिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को मानने वाले सभी लोगों के गले में रुद्राक्ष होना चाहिए। सभी के घर के मंदिर में रुद्राक्ष होना चाहिए। रुद्राक्ष की बड़ी महिमा हैं। जिसके गले में रुद्राक्ष होता है उसे यमदूत स्पर्श भी नहीं कर सकते। वह शिवधाम का अधिकारी होता है।

एक लोटा जल, बदल देगा कल

पं.प्रदीप मिश्र ने कहा महादेव अपने भक्तों पर सदा कृपा बरसाते हैं। हम धरती पर लोगों से प्रेम और स्नेह करते हैं। तो हमें भी ईश्वर से प्रेम करना होगा। शिवजी एक लोटा जल से हमारे कल को बदल देंगे। यह निश्चित है। भले ही इसमें थोड़ा समय लग सकता है। लोटे में जल भरकर हमेशा मुस्कुराते हुए मंदिर जाएं, चाहे कितनी भी परेशानी क्यों न हो, आपके चेहरे पर भगवान हमेशा के लिए मुस्कान दे देंगे। अपना संबंध शिव से जोड़ें। यह न समझें कि शिव मेरी नहीं सुनते। महादेव सबकी सुनते हैं।

प्रदीप मिश्रा ने किया दर्शन

पं.प्रदीप मिश्रा ने सुबह बाबा काशी विश्वनाथ का सविधि दर्शन-पूजन किया। वहीं, मणिकर्णिका घाट स्थित सतुआ बाबा आश्रम भी गए जहां उन्होंने पारद शिवलिंग का अभिषेक किया।

देश विदेश से पहुंचे भक्त

श्रीविट्ठलेश सेवा समिति की ओर से सतुआ बाबा के सहयोग से आयोजित शिव महापुराण कथा सुनने के लिए दो लाख से अधिक भक्त पहुंचे हैं। भारत के विभिन्न राज्यों के साथ ही अन्य देशों से भी भक्त आए हैं। पं. प्रदीप मिश्र दोपहर एक बजे आयोजन स्थल पर पहुंचे। उनके पहुंचते ही भक्तों ने ‘श्रीशिवाय नमस्तुभ्यं और ‘हर-हर महादेव का घोष कर उनका स्वागत किया। कथा के आरंभ में वैदिकों ने व्यासपीठ का पूजन किया।

करना पड़ा कठिनाइयों का सामना

डोमरी में आरंभ हुई शिवमहापुराण कथा के श्रवण के लिए देश के कई राज्यों से जुटे श्रद्धालुओं को पहले दिन काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। यूं तो आयोजन पक्ष ने मौके पर शौचालय और पेयजल की व्यवस्था की थी लेकिन अपेक्षा से अधिक भीड़ होने ये यह कम पड़ गईं।

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भक्त बोले

सचित्र प्रतिक्रिया

जब से पं. प्रदीप मिश्रा द्वारा शिवकथा का श्रवण आरंभ किया है तब से मेरे जीवन में बहुत से सकारात्मक बदलाव हुए हैं।

माधवी लता सिंह, कानपुर

मैं पिछले दस वर्षों से कथा श्रवण कर रही हूं। पं. प्रदीप मिश्र जहां भी कथा कहते हैं मैं परिवार के साथ अवश्य वहां जाती हूं।

आकांक्षा सर्राफ, जबलपुर

यह मेरा परम सौभाग्य है कि मुझे काशी में कथा श्रवण का अवसर मिला है। मैं तो रोज गंगा स्नान करके भगवान शिव की कथा सुनूंगी।

सुमन पांडेय, सिहोर

मैंने तो दो दिन पहले ही काशी आ गई थी। कथा सुनने से पहले मैं दो बार बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर चुकी हूं। अब कथा सुन रही हूं।

सुमित्रा श्रीवास्तव, श्रीधाम

प्रदीप बाबा सच कहते हैं। एक लोटा जल सभी समस्याओं का हल है। मैंने जब से यह नियम अपनाया है जीवन में बहुत सुख-समृद्धि है।

प्रभा ठाकुर, मधुबनी

मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है कि मुझे काशी में गंगा किनारे श्रीशिव महापुराण की कथा श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त हो गया है।

रेखा मिश्रा, कैमूर

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जबरदस्त जाम ने किया परेशान

जाम की फोटो प्रमोद

डोमरी में आरंभ हुई श्रीशिवमहापुराण कथा में देशभर से जुटी भीड़ के कारण जबरदस्त जाम ने भी लोगों को परेशान किया। भदऊं चुंगी से शुरू हुआ जाम डोमरी तक लगा रहा। भदऊं से कथा स्थल तक पहुंचने में लोगों को ढाई घंटे से अधिक समय लग गया।

आलम यह रहा कि आधे-आधे घंटे तक वाहन जहां के तहां खड़े रहे। यातायात चालू रखने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। वाहनों को आगे बढ़ाने के लिए पुलिसवालों ने बीच सड़क पर अपनी बाइकें खड़ी कर डिवाडर की तरह उनका इस्तेमाल किया। राजघाट पुल पर लगे जाम में घुड़सवार पुलिस भी फंस गई थी। राजघाट पुल पर पटरी पर पैदल चलने वालों का रेला दूर तक दिखाई दे रहा था। पुल पर जाम को देखते हुए कथा स्थल पर बार-बार उद्घोषणा की जा रही थी कि ‘पुल के निचले तल से जब ट्रेन गुजरती है तो पुल में कंपन होता है। इससे घबराएं नहीं और संयम के साथ बढ़ते रहें।

बंद किए गए संपर्क मार्ग से होकर गुजरी भीड़

मुख्य मार्ग से आयोजन स्थल की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग करके वाहनों को रोक दिया गया था। ऐसे में शहर और ग्रामीण इलाकों से कथास्थल तक पहुंचने के लिए दो पहिया सवार रेत से होकर गुजरे। रेतीले रास्ते पर वाहन चलाना मुश्किल था। लिहाजा बहुत से लोग पैदल ही वाहन खींचते दिखे।

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बच्चों तो कोई सोने की चेन के लिए रोता रहा

आयोजन स्थल पर अत्यधिक भीड़ के कारण दर्जनों बच्चों का साथ अभिभावकों से छूट गया। वहीं दो दर्जन से अधिक महिलाओं की सोने के चेन काट ली गई। दर्जनों की जेबें भी कट गई। आयोजन स्थल के उत्तरी छोर पर बनाए गए पुलिस सहायता केंद्र पर ऐसे लोगों की भीड़ रही। कोई बच्चों के लिए रो रहा था तो कोई सोने की चेन के लिए। जिन महिलाओं की चेन कटी उनमें देहरादून की नेहा, चितईपुर की चंदा, मंडुवाडीह की संगीता, जबलपुर की उपासना, भभुआ की रामकली, कैमूर की शकुंतला सिंह, मिर्जापुर की रूपा, नारायणपुर की गुड्डी, आरा की प्रमिला पासवान, सिहोर की सुरसस्ती और धनेश्वरी देवी, कानपुर की सौम्या श्रीवास्तव, जबलपुर की दीपिका भारती, रोहतास की रुक्मिणी पांडेय, प्रयागराज की कोकिला दुबे आदि हैं। मौके पर तैनात पुलिस ने कुछ महिलाओं को शक के आधार पर पकड़ा और केंद्र पर उनकी तलाशी भी ली लेकिन किसी के पास चेन बरामद नहीं हुई। दिनभर की मशक्कत के बाद चार संदिग्ध महिलाओं को पुलिस ने हिरासत में लिया, जिनके पास से कुछ रुपये और सामान बरामद हुए। उनसे पूछताछ की जा रही है।

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