पानी की क्वांटिटी और क्वालिटी पर मंथन
Varanasi News - वाराणसी में जल जीवन मिशन के विशेषज्ञों ने बताया कि यूपी के 35 प्रतिशत क्षेत्र में भू-गर्भ जलस्तर क्रिटिकल है। आईआईटी बीएचयू में आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण में इंजीनियर्स को पानी की क्वालिटी और...
वाराणसी, संवाददाता। यूपी के 35 प्रतिशत इलाके में भू-गर्भ जलस्तर क्रिटिकल, सब क्रिटिकल जोन में हैं। यह बातें आईआईटी बीएचयू में मंगलवार को आयोजित प्रशिक्षण में जल जीवन मिशन के विशेषज्ञों ने बताई। आईआईटी में जल जीवन मिशन के तहत भूजल के स्रोत और स्थिरता पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण चल रहा है। कार्यक्रम के संयोजक सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि कई इलाके ऐसे हैं जहां पर पानी क्वांटिटी तो कई ऐसे जगह पर क्वालिटी खराब हो रही है। क्वालिटी यानी नाइट्रेट, प्रोराइट और पानी अन्य पोषक तत्व की कमी है। ऐसी परिस्थियों में कैसे काम लें इसको लेकर इंजीनियर्स को प्रशिक्षण भी दिया गया और इसे दूर करने पर भी चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि आईआईटी बीएचयू में जल जीवन को लेकर काम चल रहा है। इसी क्रम में इंजीनियर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 90 प्रतिशत जल जीवन मिशन का प्रोग्राम है ग्राउंड वाटर बेस्ड है, लेकिन रिचार्ज करने की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कठिन परिस्थितियों में काम करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में यूपी के 20 और बिहार के 20 अभियंता प्रतिभाग कर रहे हैं।
पटना एनआईटी के प्रो. विवेकानंद सिंह और प्रो. रमाकांत झा ने बिहार में ग्राउंड लेवल वाटर के रिजार्च कैसे हो रहा है और क्या तकनीक अपनाई जा रही इसकी जानकारी दी। जल जीवन मिशन डिपार्टमेंट यूपी के एडवाइजर वीके उपाध्याय ने बताया कि यूपी के 84 फीसदी एरिया को जल जीवन मिशन के तहत आच्छादित कर लिया गया। दूसरे राज्यों के मुकाबले ये आंकड़ा बेहतर है।
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