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बीएचयू अस्पताल के एमएस समेत पांच पर मुकदमा

Varanasi News - वाराणसी में लंका पुलिस ने बीएचयू अस्पताल में डायग्नोस्टिक उपकरण की आपूर्ति के लिए टेंडर में हेराफेरी का मामला दर्ज किया है। डॉ. उदयभान सिंह ने कोर्ट में शिकायत की थी कि उनके टेंडर को तकनीकी खामी के...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीFri, 21 March 2025 04:53 AM
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बीएचयू अस्पताल के एमएस समेत पांच पर मुकदमा

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। लंका पुलिस ने बुधवार देर रात बीएचयू अस्पताल में डायग्नोस्टिक उपकरण की आपूर्ति और सेवाएं संचालित करने के लिए निकले टेंडर में हेराफेरी, कूटरचना में केस दर्ज किया है। बीएचयू अस्पताल के एमएस डॉ. कैलाश कुमार, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एएनडी द्विवेदी, प्रशासनिक अधिकारी रश्मि रंजन, पल्स डायग्नोस्टिक की डायरेक्टर सुनैना बिहानी, एमडी मनोज कुमार शाह को नामजद किया गया है। पुलिस ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय पवन कुमार सिंह की कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया।

नोबेल हेल्थ सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के प्रोपराइटर रश्मिनगर (लंका) निवासी डॉ. उदयभान सिंह ने केस दर्ज करने के लिए कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट को बताया कि बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित किया जाना है। इसके लिए 6 अगस्त 2024 को टेंडर निकला। डॉ. उदयभान सिंह ने भी टेंडर डाला। टेंडर समेत सेवाएं संचालित करने वाली एजेंसी के चयन के लिए समिति बनी थी। एमएस डॉ. कैलाश कुमार समिति के चेयरमैन और कोआर्डिनेटर, डॉ. एएनडी द्विवेदी सदस्य थे।

डॉ. उदयभान सिंह के अलावा अन्य सात और संस्थाओं ने निविदा डाली थी। 30 दिसंबर 2024 को सूचना मिली की उनका टेंडर तकनीकी खामी के कारण रद्द कर दिया गया। जब उन्होंने नामित एजेंसी पल्स डायग्नोस्टिक के जीएसटीएन नंबर को चेक किया तो वह फर्जी निकला। खास यह कि एमएस डॉ. कैलाश कुमार, डॉ. एएनडी द्विवेदी, रश्मि रंजन ने पल्स डायग्नोस्टिक के प्रतिनिधियों की ओर से डाले गए टेंडर फार्म को नियमों के विरुद्ध स्वीकृत किया था। पल्स डायग्नोस्टिक की डायरेक्टर सुनैना बिहानी और एमडी मनोज कुमार शाह कोलकाता के सूरत बोस रोड निवासी हैं।

बीएचयू प्रशासन से लेकर अफसर तक गुहार

डॉ. उदयभान सिंह ने शिकायत में बताया है कि उन्होंने एमएस से लेकर बीएचयू के उच्चाधिकारियों को ई-मेल के जरिये इसकी जानकारी दी, शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। एमएस प्रो. कैलाश कुमार, डॉ. एएनडी द्विवेदी, रश्मि रंजन से मिलकर अपनी बत कहने की कोशिश की लेकिन सभी ने सुनने से मना कर दिया। लंका थाने पर तहरीर दी लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ। इसके बाद स्पीड पोस्ट के जरिये पुलिस आयुक्त से भी शिकायत की। कहीं से सुनवाई नहीं होने पर कोर्ट की शरण ली।

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