काशी विद्यापीठ के संविदा शिक्षक करेंगे सत्याग्रह
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संविदा शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन की नीति के खिलाफ राज्यपाल और उप मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। संविदा शिक्षकों ने लिखा है कि उनकी संविदा का विस्तार करने की जगह...
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संविदा शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन की नीति के खिलाफ राज्यपाल और उप मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। संविदा शिक्षकों ने लिखा है कि उनकी संविदा का विस्तार करने की जगह विद्यापीठ प्रशासन नए सिरे से नियुक्ति करना चाहता है। उन्होंने इस मामले में राजभवन और शासन से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कुलपति को भी ज्ञापन दिया है जिसमें सेवा विस्तार न होने पर नवंबर के प्रथम सप्ताह से सत्याग्रह शुरू करने की चेतावनी दी गई है।
मुख्य परिसर, गंगापुर और एनटीपीसी परिसर में कार्यरत 78 संविदा शिक्षकों का कांट्रैक्ट 30 जून को समाप्त हो गया। वे पिछले पांच वर्ष से कार्यरत थे। एक जुलाई से उनका सेवा विस्तार होना चाहिए था। इन शिक्षकों की पिछले पांच वर्ष की प्रगति रिपोर्ट और विभागाध्यक्ष की आख्या अगस्त में प्रस्तुत की जा चुकी है। संविदा शिक्षकों के अनुसार वे पिछले चार महीने से बिना वेतन भुगतान के मौखिक आदेश पर वार्षिक व प्रवेश परीक्षा, ऑनलाइन क्लास और ई-कंटेंट के निर्माण में अपना योगदान दे रहे हैं। अब अचानक विश्वविद्यालय प्रशासन ने वाक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से संविदा शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह 13 मार्च 2020 की सेवा नियमावली का उल्लंघन है। उनका आरोप है कि वाक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से अपने लोगों को नियुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
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