करबला की शहादत सुन नम हुईं आंखें
वाराणसी में दरगाह-ए-फातमान में मजलिस का आयोजन किया गया। हाजी फरमान हैदर ने इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र करते हुए जुल्म के खिलाफ पैगाम-ए-हुसैनी का महत्व बताया। इस मौके पर शांति और खुशहाली के लिए दुआ...
वाराणसी। दरगाह-ए-फातमान में गुरुवार को मजलिस हुई। जिसे खिताब करते हुए शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने कहा कि 1400 साल पहले करबला में इमाम हुसैन की शहादत के बाद उनकी बहन बीबी जैनब और उनके बेटे इमाम जैनुल आबेदीन ने सब्र के साथ जुल्म के खिलाफ पैगाम-ए-हुसैनी का चिराग रोशन किया। करबला की शहादत का बयान सुनकर लोगों की आखें नम हो गईं। इस अवसर पर देश-दुनिया में शांति और खुशहाली के लिए दुआ मांगी। शायर समर बनारसी, हैदर मोलाई ने कलाम पेश किए। भाई शिवालवी, शब्बीर हुसैन ने मातम पेश किया। इसी प्रकार सदर इमामबाड़ा लाट सरैया, अर्दली बाजार, दोषीपुरा, पठानीटोला, प्रह्लाद घाट, मुकीमगंज, रामनगर, शिवाला में मजलिस हुई। इस दौरान लोगों को दीवाली की शुभकामनाएं दी गईं।
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