बोले काशी : नारियल बाजार: बदलते बनारस के 'गवाह' पर छाया पहचान का संकट
Varanasi News - वाराणसी का नारियल बाजार, जो पूर्वांचल की एक प्रमुख थोक मंडी थी, अब संकट में है। पहले यहां 20 से 25 दुकानें थीं, जो अब सिर्फ 3 रह गई हैं। व्यापारियों को पार्किंग, महिला शौचालयों की कमी और अव्यवस्थित...
वाराणसी। बनारस में व्यापार के अलग-अलग बानों की भी जड़ें गहराई तक जमी रही हैं। कोई मोहल्ला उस खास बाने के नाम से ही जाना जाने लगा तो किसी मुहल्ले का नाम जुबान पर आते-कानों में पड़ते ही कौंध जाता है कि वह किस बाने का बाजार है। उनमें एक है नारियल बाजार। पूरे पूर्वांचल में यहां कभी नारियल की थोक मंडी हुआ करती थी। सदियों से यह बदलते बनारस का गवाह भी है। अब इसके ही पहचान पर संकट छाता जा रहा है। बनारस शहर में नागर-संस्कृति का जहां से फैलाव शुरू हुआ, उस चौक क्षेत्र के ठीक सामने बसा था नारियल बाजार। तब अनाज-मसाला, गुड़ आदि का कारोबार बैलगाड़ियों से होता था। दूर-दराज के व्यापारी बैलगाड़ी से ही चौक तक आते थे। मुख्यत: पूजन में उपयोगी नारियल की भी थोक खरीदारी करते थे। पुराने व्यापारी ठिकानों के जानकार किशन जायसवाल ने बताया कि लगभग चार सौ साल पहले चौक के अलावा नारियल बाजार, हड़हा, गोला (दीनानाथ) और उधर खोजवां बनारस में थोक मार्केट हुआ करते थे। यहां जरूरत के हर सामान मिलते थे। शहर का विस्तार हुआ तो विश्वेश्वरगंज, कतुआपुरा, पानदरीबा, दालमंडी, शिवपुर, मंडुवाडीह में थोक जबकि दूसरे स्थानों पर रिटेल मार्केट बनते गए। नारियल बाजार और छत्ता तले मिलाकर एक व्यापार मंडल बना है। उनके सदस्यों, पदाधिकारियों ने नारियल बाजार में ‘हिन्दुस्तान के साथ अपनी समस्याओं पर चर्चा की।
पच्चीस से तीन पर आ गए
जहां नारियल की थोक की 20 से 25 बड़ी दुकानें हुआ करती थीं, अब उस बाजार में वह संख्या तीन पर सिमट गई है। पांच पीढ़ियों से नारियल बाजार के कारोबारी गौरव के. दास ने बताया कि नारियल नामभर ही रह गया है। अब यहां साड़ी, रेडीमेड, फैंसी ड्रेस, देव विग्रहों की शृंगार सामग्रियों और आभूषण आदि की भी दुकानें हैं। नारियल समेत पूजन सामग्रियों का थोक कारोबार अब गोला दीनानाथ और कतुआपुरा स्थानांतरित हो चुका है।
गेट नंबर-चार के लिए शार्टकट
ऑटो-ई रिक्शा एवं टोटो चालकों ने मैदागिन-गोदौलिया के बीच आवागमन पर रोक की बखूबी काट निकाल ली है। वे रेलवे और बस स्टेशनों से तीर्थयात्रियों को बैठाते हैं। उन्हें लोहटिया, काशीपुरा या जालपा, कर्णघंटा, राजादरवाजा से होते हुए नारियल बाजार में यह कहे हुए उतार देते हैं कि विश्वनाथ धाम का गेट नंबर चार चंद कदम दूर ही है। सुजीत चौरसिया ने बताया कि टोटो चालक एक हजार रुपये तक तीर्थयात्रियों से किराया लेते हैं कैंट या बनारस रेलवे स्टेशनों से यहां आने का। उनकी मनमानी से नारियल बाजार में अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। इस बाबत ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों एवं चौक पुलिस को कई बार बताया गया, शिकायतें की गईं लेकिन समस्या बढ़ती जा रही है।
वाहनों की बेतरतीब पार्किंग से दिक्कत
नारियल बाजार के व्यापारियों की एक बड़ी दिक्कत पार्किंग की है। दोपहिया वाहनों के गलियों में ही खड़ा होने से दुकानदारी प्रभावित होती है। दूसरे, छत्तातले, राजादरवाजा और दालमंडी तक के व्यापारी एवं ग्राहक भी नारियल बाजार में ही बाइक खड़ी कर देते हैं। नंदलाल अरोड़ा ने बताया कि चौक थाना के पीछे पुलिस ने कुछ जगह पर बैरिकेडिंग कर रखी है। यदि वह खाली हो जाए तो वहां मार्केट के व्यापारियों की बाइक आराम से खड़ी हो सकती हैं। वसीम खान ने बताया कि बेनिया पार्किंग में शुल्क अधिक होने से वहां लोग बाइक आदि खड़ी करने से कतराते हैं। इस ओर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
बड़े इलाके में महिला शौचालय नहीं
जेवरात के प्रतिष्ठित कारोबारी अशोक सर्राफ ने ध्यान दिलाया कि नारियल बाजार से लेकर राजादरवाजा के बीच बड़े इलाके में महिलाओं के लिए एक शौचालय नहीं है। जबकि रोज इस क्षेत्र में दो हजार से अधिक महिला ग्राहक आती हैं। विभिन्न दुकानों पर 300 से अधिक स्टाफ महिलाएं ही हैं। उन सभी को दिक्कत होती है। इमरजेंसी में व्यापारियों के घरों से सहायता ली जाती है। दीपक अग्रवाल, नीरज जायसवाल ने मार्केट में स्टेट बैंक शाखा के सामने बने, फिलहाल बदहाल पड़े शौचालय की ओर ध्यान खींचा। बताया कि वहां पानी की व्यवस्था नहीं है। नल खराब पड़ा है। शौचालय के दरवाजों की कुंडी टूट गई है। वहां की दुर्गंध बाजार के बड़े हिस्से तक फैलती है। व्यापारी नेता राकेश जैन ने सुझाव दिया कि शौचालय की मरम्मत करा कर नगर निगम एक सफाईकर्मी नियुक्त कर दे। चाहे तो यूजर चार्ज लगा दे। व्यापारी उसे वहन कर लेंगे। क्योंकि उनके साथ ग्राहकों को भी गंदगी और दुर्गंध से राहत मिलेगी।
इनका मलबा उनके सामने करने की कमाई
नंदलाल अरोड़ा, सुजीत कसेरा ने बताया कि इलाके में कहीं भी मकान-दुकान की मरम्मत हो, उसका मलबा अक्सर नारियल बाजार में ही दुकानों के सामने जमा कर दिया जाता है। अब दुकानदार की गरज कि वह मलबा उठवाए। उन्होंने बताया कि यह खुराफात सफाईकर्मी और खच्चर वाले करते हैं। वे दुकानों के सामने से मलबा उठाने की दोहरी कमाई करते हैं। नारियल बाजार से छत्तातले के बीच नियमित झाड़ू भी नहीं लगती। उनकी शिकायत नगर निगम के कोतवाली जोन पर कई बार की गई लेकिन कोई असर नहीं है।
दब रहीं गलियां, उखड़ रहे चौका
दालमंडी के मोड़ से नारियल बाजार होते हुए छत्तातले, राजादरवाजा तक कई जगह पत्थर चौका उखड़ गए हैं। ऑटो-टोटो के निरंतर आवागमन से गलियां दब रही हैं। किशन जायसवाल ने बताया कि मुद्दत से रखरखाव न होने से गलियों की यह हालत हो गई है। इस ओर नगर निगम के साथ ही क्षेत्रीय विधायक एवं पार्षद का भी ध्यान दिलाया गया है। विधायक ने जनवरी से गलियों की मरम्मत शुरू कराने का आश्वासन दिया है।
इस बाजार में भी तारों का जाल
नारियल बाजार से छत्ता तले के बीच की गलियों की बिजली के तारों का जाल फैला हुआ है। वे नीचे तक लटक रहे हैं। गौरव के. दास ने बताया कि कुछ माह पहले बाजार में बिजली विभाग ने अंडरग्राउंड केबलिंग के सर्वे करवाया था। सर्वे का निष्कर्ष निकला कि इस क्षेत्र में तार भूमिगत नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि खतरनाक ढंग से लटक रहे तार कसे जा सकते हैं लेकिन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
सोलर लाइटें नहीं चल पाईं
व्यापारियों ने नारियल बाजार तिराहे पर एक हाईमॉस्ट लगवाने की मांग उठाई है। उनके मुताबिक कई स्ट्रीट लाइटें खराब हुईं तो नगर निगम ने सोलर लाइटें लगवा दीं। एक सोलर लाइट तिराहे पर भी लगी थी। सभी कुछ दिन बाद खराब हो गईं। गलियों में सोलर लाइटें लंबे समय तक चल भी नहीं सकतीं क्योंकि सूरज की रोशनी नहीं आती। अब दुकानों के शटर गिरने के बाद मौके पर अंधेरा छाया रहता है।
पीस मीटिंग के लिए आती है याद
अशोक सर्राफ, राशिद सिद्दीकी, अजहर आलम अज्जू, आरके अग्रवाल आदि ने शिकायती लहजे में कहा कि इस इलाके में पुलिस की गश्त नहीं होती। इस नाते उचक्के सक्रिय रहते हैं। रात में असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा होता है। व्यापारियों ने बताया कि सरकार एवं शासन के स्पष्ट निर्देश के बाद भी पुलिस कभी व्यापारियों के साथ मीटिंग नहीं करती। बोले-‘पुलिस को सिर्फ पीस मीटिंग के लिए व्यापारी याद आते हैं। उसमें भी चुनिंदा लोग ही बुलाए जाते हैं।
सुझाव :
1.लोहटिया से नारियल बाजार के बीच ऑटो-टोटो एवं ई रिक्शों के आवागमन पर जल्द रोक लगे। इससे व्यापारिक गतिविधियां प्रभावित नहीं होंगी।
2.जगह तलाश कर नगर निगम दो महिला शौचालयों का निर्माण कराए। एसबीआई सामने बने शौचालय की मरम्मत हो। सफाईकर्मियों की मनमानी पर रोक लगे।
3. गलियों की मुकम्मल मरम्मत कराई जाए ताकि आगे चलकर वे आवागमन में बाधक न बनें।
4. बिजली के ढीले तार कसे जाएं। खराब स्ट्रीट लाइटों की जगह नई लगें। नारियल बाजार तिराहे पर हाईमास्ट लगवाया जाए।
5.नारियल बाजार से राजादरवाजा तक नियमित पुलिस गश्त हो। एक अंतराल पर पुलिस के साथ मीटिंग शुरू कराई जाए।
शिकायतें
1. ऑटो, टोटो चालकों की मनमानी के चलते दुकानदारी बहुत प्रभावित हो रही है। पुलिस ने आंखें मूंद रखी हैं।
2. महिला शौचालय न होने अक्सर परेशानी खड़ी हो जाती है। दुकानों की महिला स्टाफ को भी दिक्कतें झेलनी पड़ती है।
3. देखरेख के अभाव में एसबीआई शाखा के सामने बने पुराने शौचालय की हालत बदतर हो गई है। उसकी दुर्गंध से परेशानी होती है।
4. बिजली के ढीले तारों से अक्सर शार्ट सर्किट होती है। इससे बिजली आपूर्ति भी बाधित होती रहती है।
5.पुलिस की गश्त न होने से मार्केट में उचक्के हावी हैं। रात में असामाजिक तत्वों की जमघट लगती है।
बाजार की आवाज
महिला ग्राहकों के लिए शौचालय न होने से अक्सर दिक्कत खड़ी हो जाती है। इस ओर नगर निगम ध्यान दे।
-अशोक सर्राफ
नारियल बाजार से छत्तातले के बीच खराब गली एवं स्ट्रीट लाइट की मरम्मत कराई जाए।
-किशन जायसवाल
थाने के पीछे बैरिकेड की गई जमीन खाली हो जाए तो वहां व्यापारियों की बाइकें खड़ी हो सकेंगी।
-राकेश जैन
नारियल बाजार तिराहा पर एक हाई मास्ट लगना बहुत जरूरी है। सोलर लाइटें भी बदली जाएं।
-गौरव दास
जहां-तहां घरों का मलबा जमा करने वाले सफाईकर्मियों पर लगाम लगे। नियमित सफाई हो।
-नंदलाल अरोड़ा
बाजार में लगे हैंडपंप की रिबोरिंग कराए जाए ताकि ग्राहकों को पानी के लिए भटकना न पड़े।
-नीरज जायसवाल
पुलिस-व्यापारियों के बीच नियमित संवाद की व्यवस्था हो। इससे बाजार का माहौल सुरक्षित रहेगा।
-दीपक अग्रवाल
नारियल बाजार से राजातालाब, हड़हा तक पुलिस के रोजाना गश्त की व्यवस्था होनी चाहिए।
-राशिद सिद्दीकी
बेनिया पार्किंग का रेट कम होना चाहिए ताकि वहां आम ग्राहक अपने वाहन खड़ा कर सकें।
-अजहर अज्जू
बिजली के ढीले तार सही नहीं हुए तो एक दिन बड़ा हादसा हो सकता है। विभाग इस ओर ध्यान दे।
-आरके अग्रवाल
गलियों की मरम्मत शुरू कराई जाए। जनवरी तक इंतजार कराने का क्या मतलब है?
-वसीम खान
ऑटो औरे टोटो चालकों की मनमानी पर रोक लगे। पुलिस उनके लिए वैकल्पिक इंतजाम करे।
-सुजीत कसेरा
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