संविवि के मुख्य भवन में बनेगा 3डी वैदिक म्यूजियम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मुख्य भवन में 3डी वैदिक म्यूजियम बनाने पर सहमति जताई। निरीक्षण के दौरान उन्होंने आयुर्वेद महाविद्यालय को पुनः मान्यता देने और...
वाराणसी, विशेष संवाददाता। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मुख्य भवन में 3डी वैदिक म्यूजियम बनाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहमति जता दी है। रविवार को विश्वविद्यालय के निरीक्षण के दौरान उन्होंने इस प्रस्ताव पर स्वीकृति दे दी। इसके अलावा राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय को फिर से विश्वविद्यालय के संकाय के रूप में मान्यता देने पर भी सहमति दी। योगी ने विश्विवद्यालय में पांडुलिपियों के संरक्षण की दिशा में हो रहे कार्यों की भी सराहना की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण के दौरान विवि के पठन-पाठन सहित अन्य गतिविधियों के संबंध में कुलपति और अधिकारियों ने विस्तार से जानकारी दी। योगी ने परिसर के विभिन्न संकायों, लाइब्रेरी और छात्रावासों को भी देखा। लाइब्रेरी में पुरातनकाल की पौराणिक पांडुलिपियों के संरक्षण (डिजिटलाइजेशन) से रू-ब-रू हुए।
मुख्य भवन के निरीक्षण के दौरान विवि कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि 234 वर्ष पुराने इस भवन में वैदिक वांग्मय के क्रमिक विकास पर थ्री-डी म्यूजियम के निर्माण का प्रस्ताव है। जिसमें जिसमें 16 संस्कारों, 64 कलाओं, 18 विद्या स्थान को विस्तृत रूप दिया जाएगा। इसके साथ ही ऋषि तुल्य आचार्यों के शोध और भारतीय नक्षत्र विद्या के म्यूजियम के भी निर्माण के प्रस्ताव की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने भारतीय नक्षत्र विद्या, खगोल विद्या, ऋषियों द्वारा किए गए कार्यों पर म्यूजियम बनाने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी। कुलपति ने राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चौकाघाट को फिर से विश्वविद्यालय के संकाय के रूप में परिवर्तित करने भी प्रस्ताव रखा। जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति दी है। कुलपति ने मुख्यमंत्री को बताया कि परिसर के सभी विभागों के साइन बोर्ड को संस्कृत भाषा में लिखा गया है। साथ ही सीवर, ड्रेनेज और जर्जर सड़कों को व्यवस्थित कराने का कार्य प्रस्तावित है।
योगी ने पांडुलिपियों के संरक्षण कार्यों को देखा और समझा
सीएम योगी सरस्वती भवन में रखी गईं दुर्लभ पांडुलिपियों में 'रास पंचाध्यायी', भगवतगीता और दुर्गासप्तशती को देखकर भाव विभोर हो गए। दुर्गासप्तशती को विशेष कपड़े पर लिखा गया है, जो स्वर्ण अक्षरों और स्वर्ण कलाओं से युक्त है। मुख्यमंत्री ने इस तरह की धरोहर को संरक्षित करने के अभियान को निरंतर जारी रखने और विवि के इस प्रयासों की सराहना भी की। मुख्यमंत्री ने विस्तार भवन में भारत सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के द्वारा पांडुलिपियों के संरक्षण के कार्यों को बारीकी से देखा और कार्य में लगे कर्मचारियों से कार्यविधि भी जानी।
छात्रावासों का लिया जायजा
मुख्यमंत्री ने परिसर स्थित छात्रावासों का भी निरीक्षण किया। गंगानाथ झा छात्रावास के सुक्ष्मता से निरीक्षण के बाद वहां पर साइकिल स्टैंड और वाहन स्टैंड बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया। इसके साथ ही आसपास स्वच्छता और जर्जर तारों को बदलने सहित अन्य जरूरी कार्यों को कराने का सुझाव दिया।
वैदिक मंत्रोच्चार व स्वस्तिवाचन से स्वागत
मुख्यमंत्री दोपहर करीब एक बजे विश्वविद्यालय परिसर के मुख्य भवन के समक्ष पहुंचे थे। यहां वैदिक विद्यार्थियों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार, स्वस्तिवाचन से कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा व कुलसचिव राकेश कुमार ने उनका स्वागत किया। निरीक्षण के दौरान स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल, आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र 'दयालु', पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विकास प्राधिकरण के मानद सदस्य अंबरीश सिंह भोला, कमिश्नर कौशल राज शर्मा, पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, अपर पुलिस कमिश्नर एस. चनप्पा सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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