डॉ. हनुमान के शास्त्रीय गायन से सजी प्रभाती
Varanasi News - वाराणसी में अस्सी घाट पर डॉ. हनुमान प्रसाद गुप्त का शास्त्रीय गायन हुआ। उन्होंने राग अहीर भैरव में ‘अलसाने हो लालन से गायन की शुरुआत की। साथ में तबला और हारमोनियम वादक थे। कार्यक्रम का समापन भजन से...
वाराणसी, मुख्य संवाददाता। सुबह-ए-बनारस आनंद कानन की ओर से अस्सी घाट पर प्रभाती में रविवार को डॉ. हनुमान प्रसाद गुप्त का शास्त्रीय गायन हुआ। वसंत महिला कॉलेज में संगीत शिक्षक डॉ. गुप्त ने गायन का आरंभ राग अहीर भैरव में विलंबित एक ताल निबद्ध बंदिश ‘अलसाने हो लालन से किया। उन्होंने द्रुत तीन ताल में निबद्ध बंदिश ‘अलबेला सजन आयो री और ‘मान ले मोरा मनवा से गायन को विस्तार दिया। समापन भजन से किया। उनके साथ तबला पर राकेश रौशन तथा हारमोनियम पर डॉ. मनोहर कृष्ण श्रीवास्तव ने संगत की। कलाकार को प्रमाणपत्र प्रदान कनाडा से आए तकनीकी विशेषज्ञ अमोल भट्ट तथा रिज़र्व बैंक के पूर्व अधिकारी रोहित जोशी ने प्रदान किया।
अतिथियों को आयोजन की स्मृति पत्रिका सुबह-ए- बनारस आनंद कानन के संस्थापक सचिव डॉ. रत्नेश वर्मा ने प्रदान की। संचालन डॉ. प्रीतेश आचार्य ने किया।
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