बोले काशी : दुर्गा कॉलोनी के लोग नवशहरी तो बन गए मगर विकास अभी बांस-बल्लियों पर
Varanasi News - वाराणसी के दुर्गानगर कॉलोनी में नागरिकों ने बुनियादी सुविधाओं की कमी की शिकायत की है। कॉलोनी में सड़क, सीवर, पेयजल, और बिजली की व्यवस्था नहीं है। नागरिकों ने नगर निगम से समस्याओं के समाधान की मांग की...
विकास की पंचवर्षीय योजनाओं का चलन मुद्दत पहले बंद हो गया लेकिन नगर निगम जैसे विभागों में उसकी छाप अब भी देखी, महसूस की जा सकती है। वहां विकास योजना का क्रियान्वयन स्वीकृति के साथ या उसके तत्काल बाद शुरू नहीं होता। इसके उदाहरण ढाई वर्ष पहले नवशहरी बने इलाकों में दिखते हैं। ऐसे ज्यादातर इलाकों के विकास की समग्र रूपरेखा नहीं बनी है। कहीं बनी है तो समग्र विकास गायब है। सड़क बनी तो सीवर और पाइप लाइन बिसरा दी गई। उन इलाकों में लोहता क्षेत्र की दुर्गानगर कॉलोनी भी है। नगर निगम में शामिल होने के पहले लोहता नगर पंचायत का हिस्सा रहे भिटारी में बनी है मां दुर्गा कॉलोनी। आठ लेन की कॉलोनी में लगभग 400 मकान हैं। उनमें करीब चार हजार आबादी रहती है।
एक हिस्से में रेलवे के कर्मचारियों के परिवार हैं। पूरी कॉलोनी सड़क-सीवर, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। बिजली के तार बांस-बल्लियों के सहारे दौड़ाए गए हैं। बिजली का एक खंभा नहीं दिखता। ढीले तार अक्सर टूटकर गिरते रहते हैं। ‘हिन्दुस्तान से कॉलोनी के हाल पर चर्चा के लिए जुटे नागरिकों ने हर ओर से शिकायतों की झड़ी लगा दी। प्रह्लाद शुक्ला, नखड़ू पटेल, बृजमोहन ने कहा कि हर शाम को हमें जंगली क्षेत्र में रहने का एहसास होता है। सड़क ऊबड़-खाबड़, स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं।
दूसरे इलाकों में सोलर लाइटें लगाई गईं, यहां वह भी नहीं मिली। कॉलोनी जब ग्राम पंचायत में थी, तब से सड़क निर्माण की मांग की जा रही है। जब नगर निगम में शामिल हुए तो लगा अब स्थिति बेहतर होगी लेकिन अब भी स्थिति वैसी ही है। राहुल यादव, शिवनारायण पटेल ने बताया कि कॉलोनी में आने के लिए ना सड़क है ना ही सीवर की व्यवस्था है।
पेयजल की पाइपलाइन भी आज तक नहीं पहुंच सकी। लोको पायलट अविनाश कुमार, कुणाल कुमार और चितरंजन कुमार ने बताया कि कई लेन में पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। खाली प्लॉट में सीवेज बह रहा है। जब प्लॉट में मकान बन जाएगा तो लोग कहां पानी बहाएंगे।
मुख्य मार्ग को लेकर विवाद
कॉलोनी के मुख्य मार्ग पर चलना किसी चुनौती से कम नहीं है। कच्ची मिट्टी का रास्ता ऊबड़-खाबड़ है। राहुल यादव, शिवनारायण पटेल, चंदन गुप्ता ने बताया कि मुख्य मार्ग पर ही किसी की जमीन है। कुछ हिस्सा सरकारी है। इस विवाद में सड़क फंसी है। साजन पटेल, गोपाल, संतोष कुमार ने कहा कि मुख्य सड़क राजस्व विभाग की अनदेखी के कारण नहीं बन पा रही है। उन्होंने बताया कि किनारे की जमीन के मालिक सड़क बनवाने को राजी हैं। उनका कहना है कि राजस्व विभाग नापी करा कर पहले सरकारी जमीन पर रास्ता बनवा दे। श्यामसुंदर, राहुल यादव ने बताया कि बच्चे स्कूल जाते समय गिर जाते हैं। इससे पढ़ाई प्रभावित होती है।
ओपेन सीवर लाइन, खाली प्लॉट में सीवेज
कॉलोनी के कुछ हिस्सों में सीवर लाइन गई है। सीवर की पाइप ओपेन है। इससे भी अनहोनी का खतरा रहता है। दिवाकर, अमरेंद्र ने बताया कि बच्चे पाइप पर चढ़ जाते हैं। कई बार गिरकर घायल हो चुके हैं। इसे ढकना चाहिए। प्यारे लाल यादव, रिंकू यादव, रामलाल यादव ने बताया कि सीवर लाइन को एसटीपी से नहीं जोड़ा गया है। खुले प्लॉट में गंदगी बहती है। उसकी दुर्गंध फैलती है। किनारे ही आवागमन का मार्ग है। कभी भी लोग गिर सकते हैं। सीवेज की स्थायी व्यवस्था होनी चाहिए।
अंधेरा होने तक घर आने की जल्दबाजी
मां दुर्गा कॉलोनी में अंदर जाते समय मात्र एक लाइट लगी है। बाकी पूरी कॉलोनी शाम के बाद अंधेरे में रहती है। संजय पटेल और रमेश शर्मा ने बताया कि कॉलोनी में एक भी पोल नहीं लगा है। इस वजह से स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगाई गई है। शाम होते अंधेरा छा जाता है। बाहर गए लोगों की कोशिश रहती है कि वे अंधेरा होने के पहले घर लौट आएं। क्योंकि अंधेरे में ऊबड़-खाबड़ सड़क से गुजरना खतरनाक होता है। कई बार लोग अंधेरे में चोटिल हो चुके हैं।
कॉलोनी में नहीं होती सफाई
बृजमोहन, प्यारेलाल, चंदन गुप्ता ने कॉलोनी में गंदगी की ओर ध्यान दिलाया। बोले, स्वच्छता अभियान का जोर सिर्फ मुख्य शहर में ही है। यहां झाड़ू तक नहीं लग रही है। स्वच्छ भारत का सपना भला कैसे साकार होगा। कोई कंटेनर नहीं है। खाली प्लॉटों में लोग कूड़ा फेंक रहे हैं। इससे भी मच्छर पनप रहे हैं, मच्छरों से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। शिवनारायण पटेल, राहुल यादव, शिव मोहन पटेल ने बताया कि सफाई अभियान को गति मिले, इसके लिए कॉलोनियों की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अविनाश, चितरंजन ने कहा कि कॉलोनी में प्रतिदिन झाड़ू लगे और कूड़ा उठान भी हो।
बारिश में बह गई रोड
शिव मोहन पटेल, दिवाकर ने बताया कि कॉलोनी के अंदर कच्चा रास्ता है। बारिश के दिनों में उसका बड़ा हिस्सा बह गया। मिट्टी बगल के खाली प्लॉट में मिट्टी जम गई। अब बचे रास्ते पर चलना मुश्किल होता है। एक बार में एक ही गाड़ी आ सकती है। इसी रास्ते के बगल में सीवर का पानी बहता है। इससे भी सड़क के क्षतिग्रस्त होने की आशंका है। श्यामसुंदर, रामलाल ने बताया कि पहले लोहता नगर पंचायत और अब ढाई वर्षों से नगर निगम का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन सड़क का निर्माण नहीं बन सकी। कॉलोनी के लोग कैसे आवागमन करते हैं, यह वही जानते हैं। जिम्मेदार इसकी सुध नहीं ले रहे हैं।
पार्षद बोले-
मांगे थे 70, मिले हैं 26 सफाईकर्मी
नगर निगम सदन की बैठक में शिवदासपुर वार्ड के लिए 70 सफाईकर्मी और छह कूड़ा गाड़ी की मांग की थी, लेकिन शिवदासपुर के लिए केवल 18 और भिटारी के लिए आठ सफाई कर्मी मिले हैं। कूड़ा गाड़ी अब तक एक भी नहीं मिली है। जनता की समस्याएं दूर कराना हमारी प्राथमिकता है। अगर नगर निगम जल्द समस्याओं का समाधान नहीं करता तो क्षेत्र के लोगों के साथ अपना आक्रोश व्यक्त करेंगे।
रवीन्द्र सोनकर, पार्षद-शिवदासपुर
कॉलोनी का दर्द
सीवर समस्या से कॉलोनी के लोग परेशान हैं। कई लेन में घरों से बाहर ही सीवर बह रहा है।
- नखड़ू पटेल
सफाई न होने से कॉलोनी में चारो तरफ गंदगी का अंबार है। खुले प्लॉट में कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं।
- बृजमोहन
कॉलोनी में एक भी पोल नहीं लगा है। बांस के सहारे तार लगाकर बिजली सप्लाई हो रही है।
- प्यारेलाल यादव
पक्की सड़क न होने से आवागमन मुश्किल है। आए दिन कोई ना कोई गिरकर घायल होता है।
- प्रह्लाद शुक्ला
कंटेनर की व्यवस्था नहीं है। लोग खुले में कचरा फेंकते हैं। इससे कई समस्याएं हो रही हैं।
-राहुल यादव
कूड़ा-सीवर की गंदगी से मच्छरों का प्रकोप और उनसे बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
- चंदन गुप्ता
खुले में सीवर बह रहा है। कूड़ा उठान और फॉगिंग भी नहीं हो रही है। सेहत खतरे में है।
- श्यामसुंदर
स्ट्रीट लाइट न होने से शाम के बाद आवागमन मुश्किल होता है। कई बार मांग हुई, समाधान नहीं मिला।
- अविनाश
नगर निगम में शामिल होने के बाद उम्मीद जगी कि अब सुविधाएं सुधरेंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
- दिवाकर
बिजली के तार जगह-जगह लटक रहे हैं। इनसे कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसका समाधान हो।
- रामलाल
नगर निगम का हिस्सा बन गए लेकिन पानी-बिजली और सड़क की भी सुविधा नहीं मिल सकी है।
- गोपाल
कॉलोनी में बांस-बल्ली के सहारे बिजली आपूर्ति होने से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
-अमरेंद्र कुमार
शिकायतें
1. कॉलोनी में जाने के लिए सड़क नहीं है। राजस्व विभाग कभी नपाई करने नहीं आया। मांग के बाद भी सड़क नहीं बनी है।
2-कॉलोनी की कई लेन में सीवर लाइन नहीं है। कहीं सीवर लाइन बिछी तो है लेकिन उसे एसटीपी से नहीं जोड़ा गया। खुले में सीवेज बह रहा है।
3- बिजली के तार बांस-बल्ली के सहारे लटकते हैं। वे आए दिन टूटते हैं। कई दिनों तक बिजली गुल हो जाती है। अनहोनी का डर रहता है।
4-स्ट्रीट लाइट नहीं होने से शाम होते अंधेरा छा जाता है। आवागमन मुश्किल हो जाता है। कॉलोनी के मुख्य रास्ते पर एक लाइट लगी है।
5-सफाई और कूड़ा उठान नहीं होता है। खाली प्लॉटों में कूड़ा फेंका जा रहा है। जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा है। इससे लोग परेशान हैं।
सुझाव
1-राजस्व विभाग सड़क के विवाद का जल्द निपटारा करे। सरकारी जमीन पर सड़क बने ताकि लोगों को आवगमन में आसानी हो।
2-सीवर की खुली पाइप लाइन को ढकवाया जाए। जहां नहीं है, वहां पाइपलाइन डाली जाए। सभी लाइनों को एसटीपी से जोड़ा जाए।
3-कॉलोनी में बिजली के 15 पोल लगवाएं जाएं। जहां-जहां तार लटक रहे तार कसे जाएं ताकि अनहोनी का खतरा न रहे।
4-कॉलोनी में स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं ताकि शाम को भी लोग आसानी से घरों से निकल सकें। आवागमन में परेशानी ना हो।
5. प्रतिदिन झाड़ू लगे और कूड़ा उठान हो। इससे मच्छरों का प्रकोप कम होगा। बीमारियों का खतरा घटेगा।
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