सुबह-ए-बनारस ने मनाया दशकोत्सव
वाराणसी के अस्सी घाट पर 'सुबह-ए-बनारस आनंद कानन' के दस वर्ष पूरे होने पर दशकोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रातः कालीन आरती और यज्ञ का आयोजन किया गया। विशिष्टजनों को सम्मानित किया गया और...
वाराणसी, मुख्य संवाददाता। आध्यात्मिक सांस्कृतिक अनुष्ठान के रूप में अस्सी घाट पर आरंभ हुए सुबह-ए-बनारस आनंद कानन के अनवरत दस वर्ष पूर्ण होने पर दशकोत्सव का आयोजन रविवार को किया गया। वैदिक मंत्रों पर आधारित प्रातः कालीन आरती द्वारा सूर्योदय के पूर्व स्तवन किया गया।
अनुष्ठान में शामिल विशिष्टजनों का सम्मान संस्था की ओर से किया गया। इनमें मुख्य अतिथि प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र एवं उनकी धर्मपत्नी मीरा मिश्रा, कलाइतिहास विद् प्रो.मारुतिनंदन प्रसाद तिवारी, विशिष्ट सेवा मेडल प्राप्त 39जीटीसी के ब्रिगेडियर अनिर्बान दत्ता, वायुसेना बोर्ड के एयर कोमोडोर कुनाल काला, सीआरपीएफ के कमांडेंट राजेश्वर बालापुटकर, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, एचडीएफसी बैंक के सर्किल हेड मनीष टंडन रहे।
इससे पूर्व विदुषी संजीवनी पांडेय के नेतृत्व में ऋषि कन्याओं ने विश्व शांति और मानव कल्याण के लिए यज्ञ के बाद पुष्पांजलि एवं भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। प्रभाती के नियमित सत्र में ख्यातिलब्ध कलाकार डॉ. कमला शंकर ने शंकर गिटार पर राग अहीर भैरव में विलंबित तीन ताल में पिरोई रचना से विभोर कर दिया। अंत में ‘पायो जी मैंने राम रतन धन पायो की धुन बजाई। तबला पर पं. ललित कुमार ने संगत की।
इस अवसर पर सुबह-ए-बनारस आनंद कानन के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य ने विगत एक दशक से गतिमान इस अनुष्ठान को शुचिमंत्रण के साथ अंत:करण एवं पर्यावरण परिष्करण के पुनश्चरण का स्वरूप बताया। उपाध्यक्ष पं. प्रमोद मिश्रा, संस्थापक सचिव डॉ. रत्नेश वर्मा, डॉ.वीरेंद्र प्रताप सिंह ने भी विचार रखे।
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