डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का फीडर रूट होगा कैंट
पीडीडीयूनगर और व्यासनगर से गंगा पर सिग्नेचर ब्रिज के जरिये आने वाली दो फ्रेट लाइनें डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का फीडर रूट होंगी। यानी देश में एक से...
वाराणसी। कार्यालय संवाददाता
पीडीडीयूनगर और व्यासनगर से गंगा पर सिग्नेचर ब्रिज के जरिये आने वाली दो फ्रेट लाइनें डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का फीडर रूट होंगी। यानी देश में एक से दूसरे कोने तक रेल ट्रांसपोर्टेशन के लिए तैयार हो रहे फ्रेट कॉरीडोर से ये लाइनें जुड़ेंगी, ताकि एनटीपीसी के प्लांट व अन्य प्रमुख इकाइयों तक कोयला समेत अन्य प्रमुख जरूरतें पूरी की जा सकें।
उत्तर रेलवे के रूट पर ऊंचाहार और टांडा में कोयला की अनलोडिंग एनटीपीसी के लिए की जाती है। इसके अलावा पूर्वोत्तर और पूर्वी क्षेत्र से मालगाड़ियों से आवश्यक सामग्री की ढुलाई और पश्चिमी प्रदेशों से माल की आवक तेज करने के लिए फीडर रूट तैयार किया जाएगा। व्यासनगर से फीडर रूट डीएफसीसी से कनेक्ट होगा। व्यासनगर के पास ही डीएफसीसी की अप और डाउन लाइनें एलीवेटेड रेल पुल के जरिये मिलेंगी। इसके अलावा फीडर रूट पीडीडीयूनगर जंक्शन से कनेक्ट करने की पूर्व की योजना है। यहां यह लाइन कैंट के पास मिलेगी। कैंट से गाड़ियां लोहता या शिवपुर के लिए निकल सकेंगी। शिवपुर और चौखंडी दोनों उत्तर रेलवे के प्रमुख फ्रेट स्टेशन के तौर पर विकसित किये जा रहे हैं। वाराणसी समेत आसपास के जनपदों में माल की आपूर्ति भी इन स्टेशनों से होती है। सहायक मंडल अभियंता पीयूष पाठक ने बताया कि कैंट तक आने वाली दोनों लाइनें डीएफसीसी की फीडर रूट होंगी।
करीब 15 किमी लंबी दो लाइनों से रेल ट्रांसपोर्टेशन को मिलेगी गति
दोनों लाइनों के निर्माण के बाद रेल ट्रांसपोर्टेशन को गति मिलेगी। डीएफसीसी के पूर्वी गलियारे से निकले फीडर रूट के कैंट से कनेक्ट होने पर माल ढुलाई में तेजी आएगी। अलग रूट होने से यात्री ट्रेनों के निकलने का इंतजार नहीं करना होगा।
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एलाइन्मेंट आदि पर जल्द होगा काम
अंधरापुल से लेकर चौकाघाट के बीच रिटेनिंग वॉल का निर्माण पहले से शुरू कर दिया गया है। रिटेनिंग वाल का निर्माण कार्य पूरा करने के बाद अब जल्द ही पटरी बिछाने के लिए एलाइन्मेंट किया जाएगा।
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