पुरुषों से महिलाओं में दोगुना पित्ताशय कैंसर
Varanasi News - वाराणसी में पिछले 6 वर्षों में 1,27,105 कैंसर मरीजों का पंजीकरण हुआ है। महिलाओं में सर्वाइकल और स्तन कैंसर, जबकि पुरुषों में मुंह और गले का कैंसर सबसे आम है। गंगा किनारे रहने वाले लोगों में पित्ताशय...
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वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। मुंबई टाटा स्मारक केंद्र के निदेशक डॉ. सुदीप गुप्ता ने कहा कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र (एमपीएमएमसीसी) एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एचबीसीएच) में पिछले 6 सालों में 1,27,105 कैंसर मरीजों का पंजीकरण हुआ है। इसमें महिलाओं में सर्वाइकल और स्तन कैंसर और पुरुषों में मुंह और गले का कैंसर सबसे ज्यादा है। सबसे हैरानी की बात है कि गंगा किनारे रहने वाले लोगों में पित्ताशय के कैंसर की समस्या ज्यादा है। बनारस जिले में एक लाख की आबादी पर चार पुरुष और आठ महिलाएं पित्ताशय के कैंसर से पीड़ित हैं। यानी महिलाओं की संख्या दोगुना है। इसका कारण जानने के लिए शोध किया जा रहा है।
डॉ. सुदीप गुप्ता ने कहा कि कैंसर मरीजों के इलाज के साथ ही अब ये संस्थान शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2018 में जब अस्पताल शुरू हुआ था तब कुल 6307 मरीजों का पंजीकरण हुआ था, जो 2024 में बढ़कर 26,732 हो गया। 2018 से लेकर अब तक दोनों अस्पतालों में 1,27,105 मरीजों का पंजीकरण, 65 हजार मरीजों की सर्जरी, 15,363 मरीजों को रेडियोथेरेपी और 4 लाख से अधिक कीमोथेरेपी की जा चुकी है। यानी औसतन देखा जाए तो हर घंटे कैंसर के दो मरीज पंजीकृत हो रहे हैं। छह साल में सर्जरी पर करीब 30 गुना लोड बढ़ा है। उन्होंने कहा कि रेडियोथेरेपी के लिए तीन मशीन है। वेटिंग कम करने के लिए तीन और मशीनें लगेंगी। वहीं स्क्रीनिंग के लिए आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस का भी उपयोग किया जाएगा।
दो लाख से अधिक की हुई स्क्रीनिंग
एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने कहा कि किसी भी बीमारी की समय रहते पहचान होने से इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। दो लाख लाख से अधिक लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें 1.68 लाख महिलाएं हैं। स्क्रीनिंग में मुख्य रूप से मुंह, स्तन एवं गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर शामिल है।
350 करोड़ रुपये का निःशुल्क इलाज
अस्पताल में 38,262 मरीजों को विभिन्न प्रकार की सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं से जुड़ी योजनाओं के जरिए 350 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का नि:शुल्क इलाज हुआ है। अब तक अस्पताल को 136 करोड़ रुपये से अधिक का सीएसआर मिल चुका है।
बीएचयू के मरीजों को मिल रहा लाभ
डॉ. सत्यजीत प्रधान ने कहा कि एमओयू के तहत बीएचयू से आने वाले मरीजों की जांच होती है। पेट स्कैन सहित अन्य जांच जो बीएचयू में नहीं है वो यहां होता है। वहां के मरीजों के लिए अलग दर निर्धारित है। हालांकि कितने मरीजों का इलाज हुआ इसका डाटा नहीं दे सके।
कीमो और रेडियोथेरेपी का बढ़ा लोड
कैंसर अस्पताल में 2018 में 6307 मरीजों का पंजीकरण हुआ था। 2024 में बढ़कर 266732 तक पहुंच गया। यानी करीब चार गुना वृद्धि हुई है। वहीं सर्जरी 2018 में 478 से 2024 में बढ़कर 15884 तक पहुंच गयी। यानी करीब 30 गुना की वृद्धि हुई है। वहीं रेडियोथेरेपी 532 से बढ़कर 2861 तक पहुंच गई। इसके साथ ही कीमोथेरेपी 9173 से बढ़कर 112188 तक पहुंच गई है। यानी छह साल में रेडियोथेरेपी में छह और कीमोथेरेपी में 11 गुना वृद्धि हुई है।
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