तथागत के अस्थि अवशेष का कल से मिलेगा दर्शन
सारनाथ में, बुद्ध के लगभग ढाई हजार वर्ष पुराने अस्थि अवशेष का दर्शन 13 नवंबर से शुरू होगा। यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चलेगा, जिसमें कठिन चीवर पूजा और भव्य शोभायात्रा शामिल हैं। महाबोधि सोसायटी और डॉ....
सारनाथ (वाराणसी), संवाददाता। तथागत की प्रथम उपदेशस्थली सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर परिसर में लगभग ढाई हजार वर्ष पुराने बुद्ध के अस्थि अवशेष का दर्शन बौद्ध अनुयायी और उपासक 13 नवंबर से करेंगे। अस्थि अवशेष के दर्शन तीन दिन तक सुबह 6 बजे से 11 बजे तक होंगे।
यह जानकारी महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव भिक्षु आर. सुमितानंद थेरो ने सोमवार को पत्रकारों सोसायटी कार्यालय में दी। उन्होंने बताया कि 13 व 14 नवंबर को कठिन चीवर पूजा एवं महापरित्राण देशना व कठिन महासंघदान कार्यक्रम होगा। 15 को दोपहर एक बजे तथागत के अस्थि–मंजूषा (अस्थि अवशेष कलश) की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा सारनाथ चौराहा से शुरू होकर सुहेलदेव चौक, म्यूजियम मार्ग होते प्राचीन स्मारक स्थल होते मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर पहुंचकर समाप्त होगी। बताया कि 12 नवंबर को महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया एवं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन की ओर से 11वां इंटरनेशनल पालि बुद्धिस्ट कांफ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। महाबोधि विद्यालय समूह का 91वां वार्षिकोत्सव 16 नवंबर को मनाया जाएगा।
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