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तथागत का दर्शन कर की शांति की कामना

Varanasi News - सारनाथ में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर मूलगंध कुटी बौद्ध विहार मंदिर में पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। 80 हजार लोगों ने भोजन ग्रहण किया। भिक्षुओं ने बुद्ध के उपदेशों पर चर्चा की और...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीTue, 13 May 2025 05:17 AM
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तथागत का दर्शन कर की शांति की कामना

सारनाथ, संवाददाता। वैशाख पूर्णिमा (बुद्ध पूर्णिमा) पर मूलगंध कुटी बौद्ध विहार मंदिर में सोमवार को परित्राण देशना पाठ के साथ तथागत का दर्शन पूजन हुआ। इस दौरान उपासकों ने बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष विश्व शांति की कामना से पूजा की। उधर मंदिर परिसर के पार्क में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बुद्ध के जीवन पर आधारित नाटक एवं नृत्य की प्रस्तुतियां हुईं। बुद्ध जयंती के अवसर पर पूरे मंदिर परिसर को पांच हजार दीपों एवं रंगीन झालरों से सजाया गया। भिक्षु चंदिमा एवं भिक्षु शीलवंश के नेतृत्व में सुबह 6 बजे मंदिर में तथागत की प्रतिमा के समक्ष विश्व शांति के लिए परित्राण देशना पाठ पांच भिक्षुओं ने लगभग दो घंटे तक किया।

इसके बाद उपासकों एवं बौद्ध भिक्षुओं के तथागत की प्रतिमा के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया गया। भिक्षुओं ने खीर पूजा की। इसके बाद इसका वितरण मंदिर के मुख्य द्वार पर उपासकों में किया गया। शाम को धर्म चक्र प्रवर्तन सूत्र का पाठ हुआ। 80 हजार लोगों ने ग्रहण किया भोजन सारनाथ। बुद्ध पूर्णिमा पर सोमवार को धम्म शिक्षण केंद्र बरईपुर की ओर से भोजनदान का आयोजन मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में किया गया। भिक्षु चन्दिमा ने बताया कि सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक लगभग 80 हजार लोगों ने भोजन ग्रहण किया। कार्यक्रम में भिक्षु ज्ञानरक्षित, भिक्षु रत्नाकर, भिक्षु ज्ञानलोक, भिक्षु धम्मप्रिय सहित आदि उपस्थित थे। धम्मपद यात्रा में दिया संदेश कचहरी स्थित डॉ. भीमराव आम्बेडकर पार्क से बौद्ध उपासकों ने धम्मपद यात्रा निकाली। यात्रा पुलिस लाइन चौराहा, पांडेयपुर फ्लाईओवर, पहाड़िया, पुराना आरटीओ चौराहा, हवेलिया चौराहा, आकाशवाणी तिराहा, पुरातात्विक संग्रहालय होते मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई। इस दौरान लोग बुद्ध के उपदेशों और संदेश के बारे में जानकारी देते चल रहे थे। शिविर में सैकड़ों को मिला परामर्श धम्म शिक्षण केंद्र बरईपुर की तरफ से चिकित्सकीय शिविर का आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ों ने एलोपैथिक, होमियोपैथी और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से इलाज करवाया। लोगों को डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए ओआरएस का पैकेट बांटा गया। ------------------------------------------------------------- मानवता के संरक्षण का स्रोत है बुद्ध का जीवन सारनाथ, संवाददाता। महाबोधि विद्या परिषद के अध्यक्ष प्रो. राममोहन पाठक ने कहा कि युद्ध के घने अंधकार में बुद्ध का उपदेश मानवता का रास्ता दिखाता है। बुद्ध का जीवन मानवता के संरक्षण का मुख्य स्रोत है। बुद्ध पूर्णिमा पर मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में सोमवार को उन्होंने कहा कि युद्ध के माहौल में बुद्ध के विचार हमारी रक्षा करते हैं। केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान के प्रो. रमेश चंद्र नेगी ने कहा कि बुद्ध ने 45 वर्ष के उपदेश में शील, समाधि, प्रज्ञा की बात कही है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. रमेश प्रसाद ने कहा कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और महापरिनिर्वाण हुआ था। संचालन डॉ. प्रवीण श्रीवास्तव व धन्यवाद ज्ञापन संदीप सिंह ने किया। इस मौके पर भिक्षु शीलवंश, अर्चना अवस्थी, शशि श्रीवास्तव आदि थे। -------------------------------------------------------- बौद्ध स्थलों का छाया चित्र प्रदर्शनी लगी रामनगर। बुद्ध पूर्णिमा पर सोमवार को रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय में प्रमुख बौद्ध स्थलों पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी लगी। शुभारंभ मुख्य अतिथि बीएचयू के प्रो. सर्वेश कुमार ने किया। संचालन डॉ. सुजीत चौबे ने किया। अतिथियों का स्वागत एवं आभार संग्रहालयाध्यक्ष अमित कुमार द्विवेदी ने किया। वीरेंद्र पाल, अभिषेक सिंह, पंच बहादुर, महेंद्र नारायण, मनोज, रवि कुमार मौजूद थे। --------------------------------------------------------------- बुद्ध का उपदेश सार्वकालिक प्रासंगिक: प्रो. रामनक्षत्र सारनाथ, संवाददाता। बुद्ध के उपदेश सार्वजनिक व सार्वकालिक प्रासंगिक है। बुद्ध का जीवन व विचार लोगों के जीवन में शांति करुणा और सच्चाई का प्रकाश फैलाते हैं। ये बातें नव नालंदा महाविहार के पूर्व कुलपति प्रो. रामनक्षत्र प्रसाद ने कही। उन्होंने बुद्ध पूर्णिमा पर सोमवार को केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान एवं पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की ओर से घी पत्रिका के 65वें अंक का लोकार्पण किया। अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ला ने कहा कि वर्तमान में दुनिया सभ्यता एवं विश्वसनीयता के संकट पर खड़ा है। वैश्विक स्तर पर हिंसा और अंहकार बढ़ रहा है। ऐसे में बुद्ध के उपदेशों को आत्मसात कर जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है। अध्यक्षता तिब्बती संस्थान के कुलपति प्रो. वांगचुक दोर्जे मोदी ने की। संचालन डॉ. महेश शर्मा और धन्यवाद डॉ. रवि गुप्त मौर्य ने किया। स्वागत कुलसचिव डॉ. सुनीता चंद्रा ने किया। इस मौके पर सांगे थीनले, डॉ. हिमांशु पांडे, डॉ. शासनी, प्रो. जंपा समतेन आदि थे। --------------------------------------------------- बरेका सूर्य सरोवर परिसर में लगी प्रदर्शनी वाराणसी। बरेका स्थित सूर्य सरोवर परिसर में भगवान बुद्ध की आराधना एवं उनके जीवन पर आधारित प्रदर्शनी, दीपदान एवं शिवांशी फिटनेस जोन द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। शुभारंभ मुख्य अतिथि बरेका महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने किया। बुद्ध पर आधारित विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति दी गई। प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए गए। इस दौरान संजय कुमार, रतनम सिंह मौजूद थे।

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