Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़वाराणसीBHU s 3rd Consecutive Convocation Series 16 000 Degrees New Format and 430 Medals Planned

बीएचयू में तीसरी ‘दीक्षांत शृंखला की तैयारियां तेज

वाराणसी में बीएचयू में तीसरे साल दीक्षांत शृंखला की तैयारियाँ चल रही हैं। लगभग 16,000 छात्रों को डिग्री दी जाएंगी और 430 मेडल का वितरण होगा। इस बार डिग्री के स्वरूप में बदलाव किया जाएगा, जिसमें 'श्री'...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीMon, 18 Nov 2024 01:28 AM
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वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू में लगातार तीसरे साल ‘दीक्षांत शृंखला के आयोजन की तैयारियां तेज हो गई हैं। परीक्षा विभाग डिग्री, मेडल और सर्टिफिकेट में बदलाव में लगा है तो संस्थान, संकाय और संबद्ध कॉलेज आयोजन स्थल की बुकिंग और अंतिम रिजल्ट बनाने में जुटे हैं। यह तीसरा साल होगा जब मुख्य दीक्षांत समारोह के बाद सभी संस्थान, संकाय और कॉलेज अपने यहां समारोह आयोजित करेंगे। बीएचयू में हर बार की तरह इस साल भी लगभग 16 हजार छात्र-छात्राओं को विभिन्न पाठ्यक्रमों की डिग्रियां दी जाएंगी। अबकी कुल 430 मेडल और पुरस्कार भी देने की तैयारी है। इनमें प्रतिदान योजना के तहत शुरू किए गए कई पुरस्कार भी शामिल हैं। इनमें स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थी शामिल होंगे। अब तक की सूचना के अनुसार बीएचयू इस बार कोई भी डी-लिट या डीएससी की डिग्री नहीं दे रहा है। स्नातकों की सूची को अंतिम रूप देने की तैयारियों के साथ बचे परिणाम भी तेजी से तैयार किए जा रहे हैं।

स्वतंत्रता भवन में आयोजित होने वाले मुख्य दीक्षांत समारोह में बीएचयू के पुराछात्र और वैश्विक साइबर सिक्योरिटी कंपनी जीस्केलर के मुखिया जय चौधरी दीक्षांत संबोधन देंगे। इसके बाद तीन दिन चलने वाले आयोजनों में कला संकाय का दीक्षांत स्वतंत्रता भवन में, सामाजिक विज्ञान संकाय का संकाय स्थित प्रो. एचएन त्रिपाठी हॉल में, कृषि विज्ञान संस्थान का शताब्दी सभागार में होगा। विज्ञान और प्रबंधन संस्थान के साथ अन्य सभी संकाय और कॉलेज अपने यहां ही दीक्षांत समारोह आयोजित कर मेधावियों को मेडल और डिग्रियां देंगे।

परीक्षा नियंता प्रो. एनके मिश्रा ने बताया कि दीक्षांत समारोह को लेकर छात्रों का विरोध भी रहता है मगर उन्हें भी यह समझना चाहिए कि मुख्य आयोजन में 16 हजार विद्यार्थियों को शामिल कर पाना संभव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद इसी को देखते हुए सभी संस्थानों को अपने समारोह आयोजित करने की स्वीकृति दी गई।

डिग्रियों का स्वरूप भी बदलेगा

परीक्षा नियंता ने बताया कि इस साल से बीएचयू की डिग्रियों का स्वरूप भी बदलेगा। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप इन डिग्रियों में विद्यार्थी के नाम के आगे ‘श्री या ‘सुश्री नहीं लिखा जाएगा। प्रो. एनके मिश्रा ने बताया कि देश से बाहर किसी संस्थान में नौकरी या अध्ययन के लिए जाने पर ‘श्री या ‘सुश्री को इनके नाम का हिस्सा मान लिया जाता था। ऐसे में पिछले सर्टिफिकेट, आधार से लेकर बैंक एकाउंट तक के वेरिफिकेशन में समस्या आती थी। डिग्री पर परंपरागत रूप से हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल जारी रहेगा। उपाधि पर बीएचयू का लोगो और वीणा के साथ माता सरस्वती का चित्र भी यथावत रहेगा। इसपर क्यूआर कोड भी डाला जाएगा ताकि डिग्री को स्कैन कर भी जानकारी ली जा सके। इसी तरह पीएचडी की उपाधि में ‘एडमिटेड को बदलकर ‘अवार्डेड किया गया है।

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