रचना और आलोचना में दांपत्य का संबंध : प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी
Varanasi News - बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय में कमला प्रसाद स्मृति व्याख्यान-2025 आयोजित किया गया। प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी ने साहित्य और आलोचना के अंतर्संबंधों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि रचनाकार में एक आलोचक...
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वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय के संबोधि सभागार में गुरुवार को कमला प्रसाद स्मृति व्याख्यान-2025 में ‘रचना और आलोचना के अंत:संबंध: भारतीय परंपरा का पक्ष पर व्याख्यान हुआ। भोपाल के कमला प्रसाद स्मृति सांस्कृतिक संस्थान और सामाजिक विज्ञान संकाय के महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र के आयोजित कार्यक्रम में प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी ने साहित्य और आलोचला के अंतर्संबंधों पर चर्चा की। प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि रचनाकार में भी एक आलोचक होता है। भारतीय परंपरा में महान दार्शनिक महान कवि भी हो सकता है। राजशेखर को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि रचना और आलोचना में दांपत्य का संबंध होता है, दोनों एक-दूसरे का अनुशासन स्वीकार करते हैं। कमला प्रसाद स्मृति सांस्कृतिक संस्थान की ओर से स्वागत वक्तव्य देते हुए संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कमला प्रसाद विश्वविद्यालयी परिसर के आलोचक नहीं थे, वह जनपक्षधरता के लिए जाने जाते थे। विषय की प्रस्तावना रखते हुए प्रो. मनोज कुमार सिंह ने कहा कि आलोचना जैसी चीज संस्कृत में मौजूद नहीं थी।
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ आचार्य राजकुमार ने कहा कि पश्चिमी आलोचना सिद्धांत निर्माण की तरफ आगे बढ़ती है, रचना की जगह साहित्य के अध्ययन के क्या-क्या सिद्धांत हो सकते हैं इस पर जोर देती है। संचालन डॉ. प्रीति त्रिपाठी और धन्यवाद प्रो. आशीष त्रिपाठी ने दिया। इस दौरान प्रो. अवधेश प्रधान, प्रो. बिंदा परांजपे, प्रो. सदाशिव कुमार द्विवेदी, प्रो. कृष्णमोहन पांडेय, प्रो. विनय कुमार सिंह, प्रो. डीके ओझा, प्रो. अर्चना शर्मा, प्रो. अर्पिता चटर्जी, प्रो. प्रभाकर सिंह, प्रो. सत्यपाल शर्मा, प्रो. नीरज खरे की खास मौजूदगी रही।
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