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रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज बेहाल

बीएचयू अस्पताल में रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से व्यवस्था ठप हो गई है। इमरजेंसी में मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। गुरुवार को केवल 47 सर्जरी हुई, जबकि 60 से अधिक मरीज मायूस लौट गए। रिपोर्ट...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीThu, 17 Oct 2024 11:42 PM
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वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। बीएचयू अस्पताल में रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से व्यवस्था चरमरा गई है। इमरजेंसी में लोड बढ़ गया है। स्ट्रेचर पर मरीजों की कतार लगी है। उन्हें घंटों बाद इलाज मिल पा रहा है। वहीं सर्जरी की संख्या लगातार घटती जा रही है। गुरुवार को महज 47 सर्जरी ही हो पाई। 60 से अधिक मरीज मायूस लौट गए। दूर दराज से आने वाले मरीज और परिजन अस्पताल में भटकते दिखे।

कोलकाता में मेडिकल छात्रा संग दरिंदगी और हत्या के मामले में प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से बीएचयू में रेजीडेंट लगातार तीसरे दिन गुरुवार को भी हड़ताल पर रहे। इससे इलेक्टिव ओटी पूरी तरह ठप हो गई है। ट्रॉमा सेंटर में कूल्हा और घुटना ट्रांसप्लांट के लिए पहुंचे मरीजों को वापस होना पड़ा। अस्पताल के जनरल सर्जरी, यूरोलॉजी, कॉर्डियोथोरेसिक सहित अन्य विभागों में भी मरीजों को बिना सर्जरी के लौटना पड़ा। सामान्य दिनों में यहां सवा सौ से अधिक सर्जरी रोज होती है।

पेड़ और शेड के नीचे इंतजार

मरीजों को वार्ड में भर्ती होने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है। गुरुवार को जहां 105 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया वहीं महज 62 को ही भर्ती किया गया। वहीं शेष मरीज और उनके परिजन पेड़ और शेड के नीचे इंतजार करते रहे। शक्तिनगर (मध्य प्रदेश) निवासी रीमा देवी को सांस लेने में दिक्कत है। लेकिन उन्हें इमरजेंसी में 24 घंटे रखने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें वार्ड में भर्ती नहीं किया जा रहा है।

ढाई महीने में 16 दिन चिकित्सा सेवा रही ठप

बीएचयू अस्पताल में ढाई महीने में 16 दिन हड़ताल रही। 13 से 23 अगस्त तक रेजीडेंट हड़ताल पर थे। उसके बाद नर्सिंग ऑफिसर 17 से 19 सितंबर तक हड़ताल पर थे। अब पिछले तीन दिनों से रेजीडेंट फिर हड़ताल पर हैं। यानी 78 दिन में 16 दिन हड़ताल में गुजर गए।

रिपोर्ट मिलने में देरी

रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के कारण एमआरआई और सिटी स्कैन की रिपोर्ट मिलने में मरीजों को दिक्कत हो रही है। समय पर रिपोर्ट नहीं मिलने से उनके उपचार में भी विलंब हो रहा है। ऐसे में उनके परिजनों की परेशानी बढ़ गई है।

सात लिफ्ट में लगी फेस आईडी

रेजीडेंटों की सुरक्षा के मद्देनजर अस्पताल परिसर की सात लिफ्ट में फेस आईडी लगाई गई है। यानी रेजीडेंटों के फेस से ही लिफ्ट का दरवाजा खुलेगा। इनमें सर सुंदरलाल अस्पताल में दो, सुपर स्पेशियलिटी में चार और पीडियाट्रिक विभाग के एक लिफ्ट शामिल है। वहीं क्षेत्रीय नेत्र संस्थान और एमसीएच विंग की लिफ्ट में भी फेस आईडी और बायोमेट्रिक लॉक लगाने की तैयारी है।

एफआईआर पर अड़े रेजीडेंट

आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने शाम में रेजीडेंटों के साथ बैठक की। इस दौरान रेजीडेंटों ने कहा कि अस्पताल में कोई घटना हो उसकी जिम्मेदारी लेते हुए एमएस तत्काल मुकदमा दर्ज कराएंगे। निदेशक ने आश्वासन भी दिया लेकिन रेजीडेंट लिखित आदेश मांग रहे हैं। हालांकि करीब एक घंटे तक चली बैठक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पायी।

अस्पताल में गुरुवार की स्थिति

ओपीडी: 4080

मरीज भर्ती: 62

डिस्चार्ज: 105

इमरजेंसी: 76

ऑपरेशन: 47

एक्सरे: 157

एमआरआई: 23

सिटीस्कैन: 37

अल्ट्रासाउंड: 144

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