बोले काशी: नटिनियादाई के व्यापारियों का विकास के लिए जारी है संघर्ष
बनारस में व्यापारियों ने बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष जारी रखा है। नटिनियादाई व्यापार मंडल ने कई बार आंदोलन किए, परंतु समस्याएं बनी रहीं। सड़कें, जल निकासी, और स्ट्रीट लाइटों की कमी ने व्यापार को...
वाराणसी। बनारस के ज्यादातर व्यापारी संगठनों की पहचान उनके बाना (ट्रेड) के चलते है। वहीं एक व्यापार संगठन का जन्म आंदोलन की कोख से हुआ है। यह खासियत नटिनियादाई व्यापार मंडल से जुड़ी है। एक दशक-दो साल पहले गठित व्यापार मंडल ने अपने जैसे दूसरे संगठनों को प्रेरणा दी कि बुनियादी सुविधाओं के लिए वे खुद आवाज उठा सकते हैं क्योंकि यह सुगम व्यापार की प्राथमिक जरूरत है। इसके लिए किसी दल का मोहताज होना जरूरी नहीं है। उल्लेखनीय यह कि 20 वर्ष पहले शुरू हुआ वह संघर्ष आज भी जारी है। किसी भी शहर के नवविकसित क्षेत्र में वहां की जरूरतों के मुताबिक दुकानें खुलें मगर कुछ ही दिनों और महीनों के बाद वे बंद भी हो जाएं तो वह सहज, स्वाभाविक स्थिति नहीं होती। बंदी की वजहें भी गंभीर। कायदे की सड़कें नहीं। जल निकासी के लिए नाला-नालियों का अभाव, स्ट्रीट लाइटों की मांग अनसुनी और इस माहौल का लाभ उठाते हुए अराजक तत्वों का आए-दिन उपद्रव। दो दशक पहले शहर के आउटर रिंग रोड की नींव पड़ी तब भोजूबीर-मीरापुर बसहीं से आगे शहरीकरण और अनियोजित विकास की कोपलें भी फूटने लगीं। नटिनियादाई रिंग रोड तक शहर विस्तार का बेंचमार्क बना। तीन किलोमीटर के परिक्षेत्र में दुकानें खुलती गईं लेकिन दुकानदारों पर जल्द ही अनियोजित विकास की दुश्वारियां घहराने लगीं। कई बरसात दुकानों को जलजमाव से बचाने में गुजर गई। जिम्मेदार विभागों और जनप्रतिनिधियों से निवेदन-गुहार का असर न होने पर दुकानों में ताले लगाने की नौबत आ गई। लेकिन दुकानदारों ने पलायन नहीं किया। चुनौतियों से दो-दो हाथ करने की ठानी। वे काशी नटिनियादाई व्यापार मंडल के बैनर तले एकजुट हुए नटिनियादाई तिराहा स्थित एक लॉन में उन्होंने ‘हिन्दुस्तान के साथ मौजूदा चुनौतियां साझा कीं।
तत्कालीन डीएम ने दिए साढ़े तीन करोड़
बुनियादी सुविधाओं के लिए लगातार आंदोलित व्यापारियों ने सन-2008 से 2012 के बीच तीन बार सामूहिक दुकानबंदी की, एक बार 93 व्यापारियों ने सामूहिक गिरफ्तारी दी। तब उस समय के डीएम प्रांजल यादव ने सड़क-सीवर आदि के लिए लगभग साढ़े तीन करोड़ स्वीकृत किए। व्यापार मंडल के संस्थापक अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि उस राशि से कुछ काम हुए थे। कई काम घोषणा के बाद भी शुरू नहीं हुए।
टीएफसी से जगीं उम्मीदें धूल में मिलीं
नटिनियादाई और बड़ा लालपुर एक-दूसरे से सटे हैं। बड़ा लालपुर में ट्रेड फेसिलटी सेंटर (टीएफसी) बना। उसके सभागार में आयोजित होने वाले वाणिज्यिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक कार्यक्रमों में वीवीआईपी आने लगे। तब वहां तक पहुंच के लिए भोजूबीर-नटिनियादाई रोड को वीआईपी बनाने की पहल शुरू हुई। पीडब्ल्यूडी को जिम्मेदारी मिली। व्यापार मंडल के संरक्षक बबलूजी, राधेश्याम गोंड आदि ने बताया कि एक बार रोड बनी लेकिन उसके दोनों ओर जलनिकासी, सीवर आदि के इंतजाम नहीं हुए। लिहाजा, एक ही वर्ष बाद जलजमाव से रोड खराब हो गई। टीएफसी में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान दोबारा रोड का सुंदरीकरण शुरू हुआ। तब लगभग 30 कॉलोनियों के लोगों को भी खराब सड़क से राहत मिलने की उम्मीद बनी लेकिन जल्द ही पीडब्ल्यूडी के अभियंता प्रशासन को समझाने में सफल रहे कि बाबतपुर एयरपोर्ट से वीआईपी का आगमन रिंग रोड के जरिए अधिक आसान है। कुछ सौ मीटर बनने के बाद सुंदरीकरण ठप हो गया। चार वर्षों से विशिष्ट और अति विशिष्टजन रिंग रोड से ही टीएफसी तक आते हैं। तीन किमी लंबी सड़क पर कई जगह छोटे-बड़े गड्ढों के दाग देखे जा सकते हैं।
रोड बनी जल निगम की प्रयोगशाला
भोजूबीर से नटिनियादाई के बीच सीवर समस्या के समाधान का प्रयास लगभग डेढ़ दशक से चल रहा है। इस समय भी कुछ हिस्से में सीवर लाइन बिछाई जा रही है। व्यापारी धीरेन्द्र यादव, राजेश वर्मा, आनंद जायसवाल की कमोबेश समान टिप्पणी थी--‘यह रोड जल निगम की प्रयोगशाला बन चुकी है। एक बार सीवर लाइन बिछती है, फिर उसे हटाकर दूसरा प्रयास होता है। बरसात पहले की तरह अब भी हमारे लिए मुसीबत बन जाती है।
नाला के ऊपर पाथवे, दुकानदारी चौपट
अविनाश शर्मा, पंकज सिंह ने ध्यान दिलाया कि जलनिकासी के लिए बने पांच फीट चौड़े नाले को सीमेंटेड ढक्कनों से ढंका गया है। इस बार सफाई के लिए कई जगह से हटाए गए ढक्कन दोबारा नहीं रखे गए। वहां खतरनाक स्थिति है। इतना ही नहीं, नाला के ऊपर ही पॉथवे बनाकर उसके आगे रेलिंग लगा दी गई है। इससे नाला के पीछे बनीं दुकानों की ग्राहकी चौपट हो रही है। व्यापार मंडल ने इस अव्यावहारिक पहल की ओर पीडब्ल्यूडी और नगर निगम का ध्यान आकृष्ट किया है। राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि दो माह से हम विभाग के आश्वासन के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।
अंधेरी सड़क को सेफ मानते हैं अपराधी
कास्मेटिक्स विक्रेता निशा सिंह, अमित वर्मा, बृजेश सिंह ने बताया कि नटिनियादाई-नवलपुर रोड, टकटकपुर मोड़, मीरापुर-बसहीं चौराहा के अलावा कई जगह स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। शाम के बाद यदि दुकानों-प्रतिष्ठानों की लाइटें न जलें तो पूरी रोड अंधेरे में रहे। खरीदारी समेत जरूरी काम के लिए महिलाएं भी घरों से निकलती हैं। सभी को खतरा महसूस होता है। व्यापारियों ने कहा कि रिंग रोड से जुड़ी होने के नाते नटिनिया दाई-नवलपुर रोड अराजक तत्वों के लिए सेफ कॉरिडोर बनती जा रही है। अक्सर पुलिस उनका पीछा करते हुए दिखती है।
नव शहरी को चाहिए सफाई
शहर विस्तार के बाद मीरापुर बसहीं से नटनियादाई के बीच के आधा दर्जन गांव नगर निगम का हिस्सा हो चुके हैं। शहरीकरण के दौर में उन गांवों में कई कॉलोनियां भी बनीं हैं। डॉ. एपी सिंह, पंकज सिंह, राजेश वर्मा ने बताया कि पूरे इलाके में नगर निगम का एक भी सफाईकर्मी नहीं है जबकि किसी वीआईपी के आने पर पूरा अमला सक्रिय हो जाता है।
वीआईपी रोड के डेंजर जोन
मीरापुर-बसहीं चौराहा से रिंग रोड तक कई डेंजर जोन बन गए हैं जहां आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। डॉ. एपी सिंह, अभिषेक उपाध्याय, संजय वर्मा, दीपू कश्यप और राजेश वर्मा ने बताया कि नटिनियादाई तिराहा पर एक पेड़ और बिजली का खंभा दुर्घटना के सबसे बड़े कारण बने हुए हैं। यहां का मोड़ भी खतरनाक है। पिछले हफ्ते मुड़ते वक्त एक बस की पेट्रोल टंकी डिवाइडर से टकराकर फट गई थी। संयोग से आग नहीं लगी। बसहीं-टकटकपुर मोड़, सरसौली, पटेल चौराहा, चांदमारी और लक्ष्मनपुर-शिवपुर मोड़ पर गड्ढों और रात में अंधेरा होने के नाते वाहन सवार गिरते हैं। वाहन आपस में टकराते भी हैं। इस गंभीर समस्या की ओर ट्रैफिक और सिविल पुलिस का कई बार ध्यान दिलाया गया है।
पुलिस पिकेट की दरकार
व्यापार मंडल ने तीन किमी लंबी सड़क पर लगने वाले जाम की ओर भी ध्यान दिलाया। पदाधिकारियों के मुताबिक सुबह और दोपहर बाद स्कूलों की बसों के चलते और शाम को ट्रैफिक लोड के चलते भीषण जाम लगता है। सहालग के सीजन में यह समस्या गंभीर हो जाती है। इसे देखते हुए व्यापार मंडल ने नटिनिया दाई तिराहा, मीरापुर बसहीं चौराहा पर ट्रैफिक पुलिस की स्थायी व्यवस्था की जरूरत बताई। व्यापारी इस संबंध में चांदपुर पुलिस चौकी पर पत्रक भी दे चुके हैं।
तब कैसे दुरुस्त हो जाती है व्यवस्था
नटिनियादाई व्यापार मंडल के सदस्यों ने कहा कि टीएफसी के किसी कार्यक्रम में राज्यपाल या मुख्यमंत्री के आने पर रोड की सभी स्ट्रीट लाइटें जल उठती हैं, गड्ढे भर दिए जाते हैं। जाम की भी समस्या नहीं रहती। आखिर यह कैसे संभव होता है? वीआईपी कार्यक्रम के दूसरे दिन से लोगबाग फिर समस्याओं से घिर जाते हैं।
बेसमेंट को लेकर नीति स्पष्ट नहीं
हाल ही में वीडीए ने पूरे शहर में बेसमेंट के व्यावसायिक इस्तेमाल के खिलाफ अभियान चलाया था। उसकी वजह नई दिल्ली में एक छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना थी। उस अभियान का असर मीरापुर बसहीं से नटिनियादाई रोड पर भी पड़ा। कई प्रतिष्ठान संचालकों को नोटिस मिला है। उसके चलते संचालक अपने बेसमेंट के किरायेदारों को दुकानें खाली करने का दबाव बना रहे हैं। अभिषेक उपाध्याय, दीपू कश्यप ने कहा कि 5 से 10 लाख रुपये लगाकर बेसमेंट में दुकानें करने वालों को राहत मिलनी चाहिए। आखिर वे जाएंगे कहां?
पब्लिक एड्रेस सिस्टम सिर्फ यहीं
काशी नटिनियादाई व्यापार मंडल शहर का इकलौता व्यापारी संगठन है जिसने अपनी एरिया की हर दुकान को पब्लिक एड्रेस सिस्टम से जोड़ रखा है। एक दुकान में कंट्रोल रूम बनाया गया है जहां से हर जरूरी सूचना प्रसारित होती है। राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस सिस्टम को जिला प्रशासन ने मंजूरी दी है। वहीं, लगभग सभी दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
समस्याएं
1. भोजूबीर-सिंधोरा मार्ग पर किसी विभाग की जब मर्जी होती है, तब सड़क खोद देता है। बड़ालालपुर-नटिनियादाई मार्ग चार साल से खराब है, सीवर बहता है।
2. भोजूबीर से बसहीं मोड़ और नटिनियादाई तिराहे पर अक्सर घंटों जाम लगता है। ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
3. बसहीं चौराहा, नवलपुर मार्ग, नटिनियादाई में कई स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। आपराधिक घटनाओं और दुर्घटना का खतरा रहता है।
4. नटिनियादाई चिराहे के पास एक पेड़ और बिजली का खंभा जाम, दुर्घटना का कारण बनता है। इस ओर कई बार प्रशासन का ध्यान दिलाया गया है।
5. सफाई के लिए हटे नालों के ढक्कन कई माह से यथावत छोड़ दिए गए हैं। खुला नाला खतरा बनने के साथ दुकानदारी को भी प्रभावित कर रहा है।
सुझाव-
1. भोजूबीर-नटिनियादाई मार्ग को वीवीआईपी घोषित किया जाए। विशिष्टजनों को इसी मार्ग से टीएफसी तक लाया जाए। सड़क, सीवर, नाले की मरम्मत के लिए बने विशेष कार्ययोजना।
2. मानसिक चिकित्सालय के पास पहले से तय स्थान पर भोजूबीर सब्जी मंडी शिफ्ट की जाए। इससे भोजूबीर से मीरापुर बसहीं के बीच जाम नहीं लगेगा।
3. भोजूबीर सिंधौरा मार्ग पर लगी स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत कराई जाए। सिर्फ वीआईपी आगमन पर सक्रिय रहने की विभागों की मानसिकता बदलनी चाहिए।
4. नटिनियादाई तिराहे पर बीच सड़क से एक पुराना पेड़ और बिजली का एक खंभा तत्काल हटाया जाय। इससे जाम पर अंकुश लगेगा, दुर्घटनाएं भी नहीं होंगी।
5. भोजूबीर से नटिनियादाई के बीच डेंजर जोन बन चुके स्थानों पर दुर्घटनाएं रोकने के तत्काल जरूरी उपाय हों। जरूरी हो तो कुछ निर्माण तोड़े या हटाये भी जाएं।
बातचीत-
नटिनियादाई से नवलपुर, डेढ़ किमी तक स्ट्रीट लाइट नहीं है। यह अपराधियों के लिए मुफीद स्थान बन गया है।
राजेश कुमार वर्मा
भोजूबीर- सिंधौरा मार्ग को वीवीआईपी घोषित किया जाए, तभी शायद इसकी बदहाली दूर होगी।
राजेश कुमार श्रीवास्तव
नटिनियादाई तिराहे पर पुलिस नहीं रहती है। इससे अक्सर दो से तीन घंटे जाम लग जाता है।
धीरेंद्र यादव
व्यापार में भी महिलाओं को मौका मिलना चाहिए। उनके लिए सहूलियतें तय हों।
नीरा गोंड
नवलपुर, बसहीं क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट खराब है। अंधेरे में अपराध की आशंका रहती है।
निशा सिंह
चांदमारी-बड़ालालपुर मार्ग कई साल से बदहाल है। न जाने क्यों पीडब्ल्यूडी, नगर निगम ध्यान नहीं देते।
शिव कुमार गुप्ता
वीआईपी को रिंग रोड से कई किमी घुमाकर टीएफसी तक लाते हैं, कुछ सौ मीटर की सड़क नहीं बनाते।
बृजेश सिंह
सड़क की बदहाली से व्यापार चौपट हो रहा है। इसके लिए भी सड़क पर उतरना होगा।
राजू पटेल
बसहीं चौराहे से नटिनियादाई तिराहे तक कई स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं।
पंकज सिंह, महामंत्री
क्षेत्र में विकास कार्य से पहले स्थानीय व्यापारियों, निवासियों से सलाह नहीं ली जाती। इसका खामियाजा हम भुगतते हैं।
आनंद जायसवाल
सफाई व्यवस्था बेहतर करने की जरूरत है। कई जगह में हफ्ते में एक-दो बार झाड़ू लगती है।
महेश्वर सिंह, संरक्षक मीरापुर बसहीं व्यापार मंडल
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