Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़वाराणसीBanaras Struggles with Rising TB Cases Amid MDR Challenge

टीबी के 15 हजार मरीज मिले मिले, 4% में दवा बेअसर

बनारस में पिछले 11 महीने में 15 हजार से अधिक नए टीबी मरीज मिले हैं, जिनमें से 4% मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट हैं। स्वास्थ्य विभाग घर-घर स्क्रीनिंग कर रहा है और मरीजों को उचित इलाज दिया जा रहा है। 2025 तक...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीSat, 23 Nov 2024 08:57 PM
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वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। बनारस में नए टीबी मरीजों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। पिछले 11 महीने में 15 हजार से अधिक टीबी के मरीज मिले हैं। इनमें से करीब चार फीसदी एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस) के मरीज हैं। यानी इन मरीजों पर दवा असर नहीं कर रही है। इन मरीजों को दवा की हाई डोज दी जा रही है। चिंता की बात ये है कि बनारस सहित देश में 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है। मरीजों की यही रफ्तार रही तो लक्ष्य पूरा होना मुश्किल लग रहा है।

टीबी मुक्त अभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग इस समय घर-घर स्क्रीनिंग कर रहा है। जिन मरीजों में लक्षण मिल रहा है, उनके बलगम की जांच हो रही है। बनारस में 7002 मरीजों का उपचार चल रहा है, इनमें 673 मरीज मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट के हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय ने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। वर्तमान में मेडिकल साइंस ने बहुत तरक्की की है। जनपद में टीबी के मरीजों का बेहतर इलाज सरकारी चिकित्सालयों में किया जा रहा है। लेकिन सबसे खास बात यह है कि मरीज को अपना सम्पूर्ण इलाज कराना होगा यदि एक भी दिन वह दवा खाने से चूकता है तो यह नुकसानदेह साबित हो सकता है।

13 हजार से अधिक पोषण पोटली वितरित

जिले में कुल 2568 निक्षय मित्र पंजीकृत हैं। अब तक 13400 पोषण पोटली का वितरण किया जा चुका है। मरीजों को उनके खाते में निक्षय  पोषण  योजना के तहत  500 रुपये प्रति माह की जगह अब एक हजार रुपये  रुपये दिए जा रहे हैं।

ये है टीबी के लक्षण

-दो हफ्ते से खांसी आना

- भूख ना लगना

- वजन में कमी और बुखार आना

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