एआई से की मदद से बेहतर होगा शिक्षण और शोध
Varanasi News - वाराणसी में आईआईटी बीएचयू के प्रो. संजय कुमार सिंह ने कहा कि एआई शिक्षण, शोध, और कौशल विकास को बेहतर बना सकता है। संगोष्ठी में एआई के माध्यम से उच्च शिक्षा में डिजिटल पेडागोगी पर चर्चा की गई। प्रो....
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वाराणसी, संवाददाता। एआई की मदद से शिक्षण, शोध, प्रशासन और नेतृत्व को बेहतर बनाया जा सकता है। इससे कौशल विकास होगा। ये बातें शुक्रवार को आईआईटी बीएचयू के प्रो. संजय कुमार सिंह ने कही। वह बीएचयू के अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र और शैक्षिक संचार संकाय नई दिल्ली की ओर से आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। दो दिवसीय संगोष्ठी का विषय ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन डिजिटल पेडागोजी-शेपिंग द फ्यूचर ऑफ लर्निंग इन हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस है। शुक्रवार को समापन सत्र में प्रो. संजय कुमार सिंह ने कहा कि एआई विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाएगा। द्वितीय सत्र में ब्रांड किल्न पुणे के संस्थापक निदेशक मानस दीवान ने एनविजनिंग द डिजिटल फ्यूचर विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को एआई टूल्स पर हैंड्स-ऑन से टेक्स्ट जनरेशन, वीडियो व इमेज एडिटिंग आदि का अभ्यास कराया।
तृतीय सत्र में आईआईटी बीएचयू के प्रो. एके त्रिपाठी ने कहा कि जिन समस्याओं को आज तक हल नहीं किया जा सका है। उनका समाधान डाटा प्रोसेसिंग और मशीन लर्निंग के उपयोग से खोजा जा सकता है। समापन सत्र की मुख्य अतिथि इनफ्लिबनेट गुजरात की निदेशक प्रो. देविका मदल्ली ने कहा कि शिक्षा और संचार के क्षेत्र में एआई मील का पत्थर साबित होगा। अध्यक्षता आईयूसीटीई के निदेशक प्रो. पीएन सिंह ने की। इस दौरान प्रो. आशीष श्रीवास्तव, डॉ. विनोद कुमार सिंह, डॉ. कुशाग्री सिंह, डॉ. दीप्ति गुप्ता, डॉ. राज सिंह, डॉ. सुनील कुमार त्रिपाठी, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह आदि रहे।
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