बिहार पीसीएस परीक्षा में बवाल ने UPPSC के अफसरों की भी उड़ाई नींद, सोशल मीडिया को लेकर हुए सतर्क
- हाल के घटनाक्रम के बाद किसी भी परीक्षा के प्रश्नपत्रों की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। 19 जून की गाइडलाइन के अनुसार हर सेट के प्रश्नपत्र को अलग-अलग एजेंसी से छपवाया गया है। कौन सा प्रश्नपत्र उपयोग में लाया जाएगा इसका निर्णय परीक्षा शुरू होने के पहले लिया जाएगा।
बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के दौरान 13 दिसंबर को हुए बवाल के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अफसरों की भी नींद उड़ी हुई है। 22 दिसंबर को पीसीएस 2024 प्रारंभिक परीक्षा की तैयारियों में जुटे आयोग के अफसर सोशल मीडिया को लेकर खासे सतर्क हैं। 11 फरवरी को आरओ/एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने के कारण आयोग का कैलेंडर पहले ही काफी पिछड़ चुका है।
उसके बाद नवंबर में मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) के खिलाफ हुए छात्रों के आंदोलन के कारण भी चिंता बढ़ी हुई है। पहली बार पीसीएस की परीक्षा 19 जून को जारी संशोधित गाइडलाइन के अनुसार कराई जानी है। तीन दिसंबर को आयोग में आयोजित नोडल अफसरों की बैठक में एक-एक बिन्दु पर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं। पीसीएस परीक्षा को पारदर्शी एवं शुचितापूर्वक कराने के लिए पुलिस और खुफिया विभाग के अफसर भी नजर रखे हुए हैं।
प्रश्नपत्र की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती
हाल के घटनाक्रम के बाद किसी भी परीक्षा के प्रश्नपत्रों की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। 19 जून की गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक सेट के प्रश्नपत्र को अलग-अलग एजेंसी से छपवाया गया है। कौन सा प्रश्नपत्र उपयोग में लाया जाएगा इसका निर्णय परीक्षा शुरू होने के पहले लिया जाएगा। परीक्षा के सील्ड गोपनीय ट्रंक जिला कोषागार के डबल लॉक में रखे जाएंगे और उसकी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी होगी। ये ट्रंक परीक्षा के दिन नोडल अधिकारी के प्रबंधन एवं निर्देशन में सेक्टर मजिस्ट्रेट पुलिस अभिरक्षा में केन्द्र व्यवस्थापक व सह केन्द्र व्यवस्थापक की उपस्थिति व सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में स्टैटिक मजिस्ट्रेट को उपलब्ध कराया जाएगा।