एयरस्पेस व रक्षा उत्पादन में 50 हजार करोड़ निवेश की तैयारी, छह स्थानों पर खुलेंगे साफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क
एयरस्पेस व रक्षा उत्पादन में 50 हजार करोड़ के निवेश की तैयारी की जा रही है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, उपग्रह निर्माण, रक्षा साइबर सुरक्षा व रक्षा इलेक्ट्रानिक्स जैसे सेक्टर में निवेश कराया जाएगा। छह स्थानों पर साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क के अलावा अनुंसधान, विकास व कौशल केंद्र खुलेंगे।
यूपी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, उपग्रह निर्माण, रक्षा साइबर सुरक्षा व रक्षा इलेक्ट्रानिक्स सेक्टर जैसे नए सेक्टर में निवेश लाने की बड़ी तैयारी कर रहा है। इसके जरिए पांच साल में 50 हजार करोड़ का निवेश देशी विदेशी कंपनियों से कराया जाएगा और इसमें करीब एक लाख लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। यूपी के छह क्षेत्रों में बन रहा रक्षा औद्योगिक गलियारा इसमें अहम भूमिका निभाएगा। राज्य में पहले से मौजूद मजबूत रक्षा निर्माण ढांचा व अनुसंधान संस्थाओं की मौजदूगी से इस लक्ष्य को पाने की योजना है।
उत्तर प्रदेश औद्योगिक औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इसके लिए अपनी छह साल पूरी नीति को बदलते हुए नए सिरे से उत्तर प्रदेश एयरोस्पेस तथा रक्षा इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2024 तैयार की है। इसे इसी महीने कैबिनेट से मंजूर कराया जाएगा। नीति के मुताबिक रक्षा गलियारे में स्टार्टअप और एमएसएमई के कौशल और क्षमता विकास के लिए सामान्य सुविधा केंद्र बनेंगे। इसमें एमएसएमई व स्टार्टअप को खास तौर पर जोड़ा जाएगा।
इसके अंतर्गत लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी व चित्रकूट में अनुंसधान व विकास केंद्रों के साथ-साथ एक तकनीकी सुविधा व कौशल केंद्र बनेंगे। एयरोस्पेस व रक्षा क्षेत्र में निजी व सार्वजनिक इकाइयों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यूपी सरकार की योजना केंद्र की रक्षा परीक्षण संरचना (डीटीआईएस) को यहां भी बढ़ावा देने की है। देशी-विदेशी कंपनियां के निवेश के लिए एक ऑनलाइन प्रोत्साहन प्रबंधन पोर्टल बनेगा।
एमआरओ में निवेश
देश के उत्तरी क्षेत्र में लड़ाकू विमानों, हेलीकाप्टरों व नागरिक उड़ान के लिए हवाई जहाजों के रखरखाव व ओवरहाल क्षमता सुविधा बढ़ाने पर फोकस होगा। इसके लिए निजी निवेशकों को एमआरओ स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत मानव रहित हवाई वाहन व एयरोस्पेस इलेक्ट्रानिक्स जैसे सेक्टर में निवेश होगा।
उपग्रह निर्माण को प्रोत्साहन
यूपी ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सेक्टर में खुद को स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। राज्य उपग्रह निर्माण, उपग्रह अनुप्रयोगों एवं अंतरिक्ष अनुसंधान के विकास को बढ़ावा देने व शोध व अनुंसधान को बढ़ावा दिया जाएगा। रडार, संचार प्रणाली, इलेक्ट्रानिक युद्ध कमांड तकनीक को प्रोत्साहित करने की योजना है।
रक्षा उत्पादन इकाइयों के लिए यूपी में मौजूद मजबूत सिस्टम
-यूपी में देश का सबसे बड़ा 8949 किमी का रेलवे नेटवर्क
-गाजियाबाद से मुंबई तक वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रंट कारिडोर
-ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर का 57 किमी हिस्सा पश्चिमी यूपी में
-कानपुर में रेल से जुड़ा प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल
-नोएडा व वाराणसी में मल्टी माडल लाजिस्टिक व ट्रांसपोर्ट हब
-नौ भारतीय आयुध कारखानों में 8 कानपुर में एक अमेठी में
-एचएएल की यूनिट लखनऊ व कानपुर में