धर्म देखकर फंसा रहे साइबर ठग, एक शातिर की व्हॉट्सएप चैट से खुले राज
एसटीएफ की आगरा यूनिट को इनपुट मिला है। इसके आधार पर जांच जारी है। एक साइबर ठग की व्हॉट्सएप चैट से खुलासा हुआ है कि मेवात के साइबर ठग धर्म देखकर लोगों को फंसाते हैं। आरोपित के मोबाइल में चैट मिली है।
मेवात के साइबर ठगों से जुड़ी एक खास जानकारी एसटीएफ आगरा यूनिट को मिली है। एजेंट को निर्देश होते हैं कि खाते और सिमकार्ड एक धर्म के लोगों के ही होने चाहिए। ताकि वारदातों के बाद पुलिस उनको ही परेशान करे। उनके लोगों पर कोई मुसीबत नहीं आए। एसटीएफ आगरा यूनिट ने केंद्रीय हिंदी संस्थान मार्ग से अछनेरा निवासी शाहरुख को पकड़ा था। उसका कनेक्शन मेवात के साइबर ठगों से है। शाहरुख ने पूछताछ में बताया था कि वह साइबर ठगों को बैंक खाते और सिमकार्ड मुहैया कराता है। इसके एवज में उसे मोटी रकम मिलती है। सिमकार्ड और बैंक खाते जुटाने के लिए वह गांव-गांव चक्कर लगाता है।
गरीब मजदूर वर्ग के लोगों को सरकारी योजना का लाभ दिलाने का झांसा देकर जाल में फंसाता है। उनके खाते खुलवाता है। उनके नाम सिमकार्ड जारी कराता है। पहले महीने उन लोगों को कुछ रकम भी देता है। एसटीएफ इंस्पेक्टर यतेंद्र शर्मा ने बताया कि शाहरुख का मोबाइल खंगाला गया। वह मेवात के साइबर ठगों से व्हाट्स एप पर संपर्क में रहता था। उनसे चेट करता था। एक चेट ने हैरानी में डाल दिया। साइबर ठग ने शाहरुख से पांच खाते मुहैया कराने को कहा था। शाहरुख ने चेट में लिखा कि पांच खाते हैं। एक लाख लिमिट है।
सारे खाते दूसरे धर्म के लोगों के हैं। यह चेट एसटीएफ के पास है। इसकी जानकारी एसटीएफ मुख्यालय को दी जा रही है। अब साइबर सेल इस नजरिए से भी पड़ताल करेगी कि मेवात के साइबर अपराधी जिन खातों का प्रयोग करते हैं वे ज्यादातर किसके नाम पर हैं। अपनों को बचाने का तरीका एसटीएफ इंस्पेक्टर यतेंद्र शर्मा ने बताया कि इस मामले में छानबीन जारी है। प्रारंभिक छानबीन में जो एक चेट मिली थी। उसे देखकर ऐसा लगा कि मेवात के साइबर ठग यह नहीं चाहते हैं कि किसी भी वारदात में उनके धर्म के लोग किसी मुसीबत में फंसे। इसलिए खाते और आईडी दूसरे धर्म के लोगों के नाम पर मांगे जाते हैं।