यूपी के छह मेडिकल कॉलेजों को जल्द मिलेंगे स्थायी प्राचार्य, चयन को हुई बैठक
उत्तर प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों को जल्द स्थायी प्राचार्य मिलेंगे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नौ मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य चयन को बैठक हुई। बैठक में इसी पर निर्णय लिया गया।
उत्तर प्रदेश के छह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों को जल्द नये स्थायी प्रधानाचार्य मिल जाएंगे। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय चयन समिति ने शनिवार को हुई बैठक में इसे लेकर निर्णय लिया गया। नौ मेडिकल कॉलेजों में स्थायी प्रधानाचार्य की नियुक्ति को लेकर चयन समिति की यह बैठक बुलाई गई थी। इनमें फिरोजाबाद, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, मीरजापुर, औरैया, लखीमपुर खीरी, ललितपुर एवं जौनपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय शामिल थे।
चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो फिरोजाबाद, ललितपुर, हरदोई, मीरजापुर, औरैया और लखीमपुर खीरी के मेडिकल कॉलेजों के लिए प्रधानाचार्य का चयन कर लिया गया है। स्वीकृति के बाद जल्द इनका आदेश जारी हो जाएगा। जबकि प्रतापगढ़, जौनपुर और एटा के मेडिकल कॉलेजों के लिए अभी स्थायी प्रधानाचार्य नहीं मिल पाए हैं। नौ मेडिकल कॉलेजों के लिए कुल 19 आवेदन आए थे। मुख्य सचिव की अध्यथा में बनी चयन समिति में उपाध्यक्ष प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा और सदस्य सचिव डीजीएमई किंजल सिंह हैं। विभाग के सचिव रंजन कुमार और एसजीपीजीआई के इंडोक्रिनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डा. सुशील गुप्तासदस्यहैं।
उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों पर लाखों रुपये का जुर्माना लगा है। इसके पीछे एक बड़ी वजह नियमित प्रधानाचार्य का न होना भी है। ज्यादातर कॉलेज कार्यवाहक प्रधानाचार्य के भरोसे चल रहे हैं। कई कार्यवाहक प्रधानाचार्य ऐसे भी हैं, जो इसकी योग्यता भी नहीं रखते हैं। ऐसे में आशंका है कि नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) इस पर भी सवाल उठा रही है। ऐसे में अब सभी कॉलेजों का नए सिरे से ब्योरा मांगा गया। इसमें प्रधानाचार्य, शिक्षक सहित अन्य सभी खाली पदों और एमबीबीएस व एमएस-एमडी की सीटों का ब्योरा मांगा गया।