महाकुंभ से पहले जूना अखाड़े के माई बाड़ा का बदला नाम, अब दशनाम संन्यासिनी अखाड़ा
जूना अखाड़े का माई बाड़ा अब दशनाम संन्यासिनी अखाड़े के नाम से जाना जाएगा। महाकुम्भ के पहले आधी आबादी के प्रस्ताव पर अब मुहर लगा दी गई है। इस बार शिविर में दशनाम संन्यासी अखाड़ा लिखा जाएगा। जूना अखाड़ा संख्या बल में सबसे बड़ा है।
जूना अखाड़े का माई बाड़ा अब दशनाम संन्यासिनी अखाड़े के नाम से जाना जाएगा। महाकुम्भ के पहले आधी आबादी के प्रस्ताव पर अब मुहर लगा दी गई है। इस बार शिविर में दशनाम संन्यासी अखाड़ा लिखा जाएगा। जूना अखाड़ा संख्या बल में सबसे बड़ा है। इस अखाड़े में महिला संत भी हैं। महिलाओं को महंत, श्रीमहंत, महामंडलेश्वर भी बनाया जाता है। महाकुम्भ के दौरान महिला संत जूना अखाड़े के साथ तो होती हैं, लेकिन इन्हें माई बाड़ा के नाम से जाना जाता था। इसी नाम से शिविर लगता था। पिछले दिनों महिला संतों ने नाम पर विरोध किया। उन्हें बाड़ा शब्द पर आपत्ति थी।
महिला संतों ने संरक्षक महंत हरि गिरि से यह मांग हुई थी, उन्होंने महिला संतों से ही नए नाम का प्रस्ताव देने के लिए कहा था। महिला संतों ने दशनाम संन्यासिनी अखाड़ा नाम करने की बात कही थी। महंत हरि गिरि ने इसे स्वीकार कर लिया है। इस बार मेला क्षेत्र में इनका शिविर दशनाम संन्यासिनी अखाड़े के नाम से ही लगाया जाएगा।
आज आचार्यबाड़ा को होगा भूमि आवंटन
महाकुम्भ 2025 के लिए आचार्यबाड़ा के साधु संतों को रविवार को जमीन आवंटित की जाएगी। मेला प्राधिकरण की ओर से संतों को इसके लिए बुलाया गया है। एडीएम कुम्भ विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि जमीन आवंटन के लिए संतों को बुला लिया गया है। उनकी मौजूदगी में आवंटन होगा।
दंडी संन्यासी भी स्थापित करेंगे धर्म ध्वजा
महाकुम्भ 2025 में दंडी संन्यासी भी धर्म ध्वजा स्थापित करेंगे। इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। शनिवार को हुए धर्म ध्वजा कार्यक्रम में दंडी संन्यासियों की तनी का भी पूजन हुआ लेकिन यहां के संत न होने के कारण स्थापना आगे की जाएगी।