महाकुंभ की अलख जगाने को प्रयागराज में आज स्थापित होगी पहली धर्म ध्वजा, पहुंचे साधु-संत
महाकुम्भ की अलख जगाने को आज पहली धर्म ध्वजा स्थापित होगी। जूना अखाड़े की धर्म ध्वजा की स्थापना मेला क्षेत्र में होगी। साधु-संत पहुंचे, तनियों का पूजन किया गया। आज कई कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।
महाकुम्भ की तैयारियों को लेकर मेला क्षेत्र में पहली धर्म ध्वजा शनिवार को स्थापित होगी। संख्या बल में सबसे बड़े जूना अखाड़े की धर्म ध्वजा की स्थापना के साथ ही महाकुम्भ छावनी में जूना अखाड़े का काम शुरू हो जाएगा। नागा साधु संन्यासियों की गतिविधियां भी शुरू होंगी। महाकुम्भ 2025 को लेकर अखाड़ों का जमीन आवंटन हो चुका है। अब मेला क्षेत्र मे छावनी तैयार की जाएगी। इसके लिए जूना अखाड़े की धर्म ध्वजा दोपहर 12 बजे स्थापित की जाएगी। जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरिगिरि, अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि, महाकुम्भ के प्रभारी महंत मोहन भारती आदि साधु-संतों ने छावनी क्षेत्र का निरीक्षण किया।
इस दौरान तनी का पूजन भी किया और शनिवार को यहां पर धर्म ध्वजा की स्थापना होगी। इसके साथ सबसे पहले अखाड़े के ईष्ट देव भगवान दत्तात्रेय का मंदिर बनाया जाएगा और अखाड़े के लिए चेहरा मोहरा, संतों के शिविर आदि को बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
प्लॉट कटवाने का काम शुरू
अखाड़ों ने जमीन आवंटन के साथ ही प्लॉट कटवाने का काम शुरू कर दिया। शुक्रवार को पूरे दिन निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी, बड़ा उदासीन अखाड़े के मुखिया महंत दुर्गा दास ने प्लॉट कटवाने का काम किया।
आचार्य महामंडलेश्वर को सेक्टर आठ में दिखाई जमीन
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैशालानंद गिरि को शुक्रवार को मेला क्षेत्र के सेक्टर आठ में जमीन दिखाई गई। एडीएम कुम्भ दयानंद प्रसाद, संजीव ओझा, एसडीएम विवेक शुकल, नायब तहसीलदार इंदू भूषण शर्मा, पर्यवेक्षक राहुल देव त्रिपाठी मौजूद रहे। पिछली बार स्वामी कैशालानंद गिरि को सेक्टर सात में जमीन मिली थी। उस वक्त वो महामंडलेश्वर नगर में थे। इस बार आचार्य महामंडलेश्वर होने के कारण उनकी जगह बदल जाएगी। शिविर के लिए जगह भी अधिक चाहिए होगी।